राज्यपाल ने कुल्लू दशहरे का विधिवत शुभारम्भ किया

Rajendra Vishwanath Arlekar

राज्यपाल ने दशहरे के शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों, विशेषकर घाटी के लोगों को बधाई दी। यह उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति अनूठी है और इसकी एक अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि यहां वर्ष भर मनाए जाने वाले मेले और त्यौहार लोगों की समृद्ध परंपराओं और मान्यताओं के द्योतक हैं।

 शिमला सप्ताह भर चलने वाला अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव आज ढालपुर मैदान में विधिवत रूप के साथ आरम्भ हुआ। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भगवान श्री रघुनाथ जी की रथयात्रा में भाग लेकर महोत्सव का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा भी उपस्थित थे।

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राज्यपाल ने दशहरे के शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों, विशेषकर घाटी के लोगों को बधाई दी। यह उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति अनूठी है और इसकी एक अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि यहां वर्ष भर मनाए जाने वाले मेले और त्यौहार लोगों की समृद्ध परंपराओं और मान्यताओं के द्योतक हैं।

कुल्लू जिले के विभिन्न भागों से 332 देवताओं को आमंत्रित किया गया था और 170 इस उत्सव में भाग ले रहे हैं। इससे पहले भुंतर हवाईअड्डे में आगमन पर राज्यपाल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उपायुक्त आशुतोष गर्ग और पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया।राज्यपाल अगले दिन 16 अक्तूबर को प्रातः 10.15 बजे शमशी में सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि से जुडे़ किसानों से संवाद करेंगे। वह सांय 2.20 बजे परिधि गृह कुल्लू से चण्डीगढ़ के लिए रवाना होंगे।

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