56 सैन्य परिवहन विमानों के लिए सरकार ने एयरबस के साथ समझौता किया

Govt inks deal with Airbus for 56 military transport aircraft
प्रतिरूप फोटो

सरकार ने 56 ‘सी-295’ सैन्य परिवहन विमानों की खरीद के लिए एयरबस के साथ अनुबंध किया।इस सौदे के तहत अनुबंध पर हस्ताक्षर के 48 महीनों के भीतर एयरबस डिफेंस एंड स्पेस उड़ान में सक्षम 16 विमान सौंपेगी। बाकी 40 विमानों का निर्माण भारत में किया जाएगा।

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने 56 ‘सी-295’परिवहन विमानों की खरीद के लिए स्पेन की ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस’ के साथ करीब 20,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए। ये विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। अधिकारियों ने बताया कि यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी भारत में सैन्य विमान का निर्माण करेगी। इस सौदे के तहत अनुबंध पर हस्ताक्षर के 48 महीनों के भीतर एयरबस डिफेंस एंड स्पेस उड़ान में सक्षम 16 विमान सौंपेगी। बाकी 40 विमानों का निर्माण भारत में किया जाएगा।

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एयरबस फिडेंस एंड स्पेस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के संघ द्वारा अनुबंध पर हस्ताक्षर के 10 वर्षों के भीतर इनका निर्माण किया जाएगा। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने अनुबंध पर हस्ताक्षर होने पर एयरबस डिफेंस, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और रक्षा मंत्रालय को बधाई दी और कहा कि यह भारत में उड्डयन और वैमानिकी परियोजनाओं की शुरुआत करने की दिशा में एक ‘‘बड़ा कदम’’ है। ट्वीटर पर पोस्ट किए एक हस्ताक्षरित बयान में उन्होंने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार एक घरेलू आपूर्ति श्रृंखला की क्षमता पैदा होगी जो पहले कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘सी-295 कई भूमिकाएं निभाने वाला विमान है जिसमें मिशन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई विशेषताएं हैं। इसमें भारत में विमान के कुल निर्माण की परिकल्पना की गयी है।’’ टाटा ने कहा, ‘‘टाटा समूह देश के इक्विटी फ्रेमवर्क को मजबूत करने में मेक-इन-इंडिया के सहयोग से भारत में आधुनिक विमान के निर्माण के इस साहसी कदम के लिए एयरबस और भारतीय रक्षा मंत्रालय को बधाई देता है।’’

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प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की एक समिति ने दो हफ्ते पहले लंबे समय से अटके इस सौदे को मंजूरी दी थी। एयरबस ने कहा कि पहले 16 विमान, अनुबंध लागू होने के चार साल बाद दिए जाएंगे और सभी विमान स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस होंगे। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइकल शूलहोर्न ने कहा, ‘‘यह अनुबंध आने वाले 10 वर्षों में भारत के एयरोस्पेस पारिस्थितिकी के विकास को बढ़ावा देगा, निवेश लेकर आएगा और 15,000 कुशल प्रत्यक्ष नौकरियां तथा 10,000 अप्रत्यक्ष पदों का सृजन करेगा।’’

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एयरबस ने एक बयान में कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ भारत में उसकी रणनीति का केंद्र है और कंपनी वैश्विक उत्पाद श्रेणी में देश के योगदान को लगातार बढ़ा रही है।’’ उसने कहा कि सी295 कार्यक्रम के तहत एयरबस टाटा और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख इकाइयों जैसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड समेत अपने औद्योगिक साझेदारों के साथ मिलकर भारत में विश्व स्तरीय विमानों के निर्माण और मरम्मत की सेवा विकसित कर रही है। उसने कहा कि छोटी हवाई पट्टियों से उड़ान भरने की क्षमता रखने वाले सी295 का इस्तेमाल 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स को लाने ले जाने में किया जाता है। इस विमान का उपयोग मेडिकल इलाज की आवश्यकता वाले लोगों को ले जाने में किया जा सकता है। यह विमान आपदा प्रतिक्रिया और समुद्री गश्त के साथ ही विशेष अभियानों को अंजाम देने में भी सक्षम है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुकरण सिंह ने इस अनुबंध को टाटा के लिए गर्व का क्षण बताया और भारतीय सैन्य निर्माण पारिस्थितिकी के लिए ‘‘मील का पत्थर’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार कोई भारतीय निजी कंपनी भारत में किसी विमान का पूरी तरह निर्माण करेगी। यह प्रयास भारत में वैश्विक प्रतिस्पर्धी जटिल मंचों के निर्माण में रक्षा निर्माता के तौर पर टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स की क्षमताओं को दिखाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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