कामगारों को सहायता राशि दे और पेट्रोलियम उत्पादों के दाम घटाये सरकार: माकपा

sitaram yechury

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट का जिक्र करते हुये येचुरी ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट को देखते हुये अब मोदी सरकार के पास रसोई गैस, डीजल और पेट्रोल की अधिक कीमत वसलूने की कोई ठोस वजह नहीं है।’

नयी दिल्ली। माकपा ने कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में कामगारों का रोजगार छिनने के कारण सरकार से संगठित और असंगठित क्षेत्रों में बेरोजगार हुये श्रमिकों को नकद सहायता राशि देने और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट को देखते हुये पैट्रोलियम उत्पादों की कीमत घटाने की मांग की है। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि संगठित और असंगठित क्षेत्र में बेरोजगारी दर बढ़कर 26 प्रतिशत हो गयी है और सरकार ने अब तक बेरोजगार हुये कामगारों को राहत देने का कोई उपाय नहीं किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘इस गंभीर संकट के बारे में हमने अब तक प्रधानमंत्री या सरकार के किसी मंत्री से एक शब्द भी नहीं सुना है। बेरोजगारी की दर बढ़कर 26 प्रतिशत तक पहुंच गयी है, सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिये नकद सहायता राशि देने के पैकेज की घोषणा क्यों नहीं कर रही है?’’ 

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट का जिक्र करते हुये येचुरी ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट को देखते हुये अब मोदी सरकार के पास रसोई गैस, डीजल और पेट्रोल की अधिक कीमत वसलूने की कोई ठोस वजह नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था ठहराव की स्थिति में आ गयी है। ऐसे में लोगों को हरसंभव सहायता की जरूरत है। येचुरी ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार के लिये पीड़ित जनता से मुनाफा कमाना कतई उचित नहीं है।

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