3 साल पहले इस्तीफा देकर शुरू की राजनीति और हुए फ्लॉप, सरकार ने आईएएस अधिकारी फैसल को किया बहाल

shah faesal
प्रतिरूप फोटो

डॉक्टर से नौकरशाह बने शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर में “लोकतांत्रिक राजनीति को पुनर्जीवित” करने के लिए अपनी पार्टी बनाई, लेकिन उनका राजनीतिक करियर अचानक समाप्त हो गया। एक साक्षात्कार में फैसल ने कहा था कि (आईएएस) छोड़ने के तुरंत बाद, मुझे एहसास हुआ कि मेरे असंतोष के सहज कार्य को देशद्रोह के कार्य के रूप में देखा जा रहा था।

नयी दिल्ली। सरकार ने आईएएस अधिकारी शाह फैसल के इस्तीफा वापस लेने के आवेदन को स्वीकार कर उन्हें सेवा में बहाल कर दिया है और उनकी अगली नियुक्ति की घोषणा जल्द की जाएगी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यहां यह जानकारी दी। जनवरी 2019 में अपना इस्तीफा सौंप कर जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) पार्टी बनाने वाले फैसल को तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के तुरंत बाद कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था। हालांकि, अपनी रिहाई के बाद, फैसल ने राजनीति छोड़ दी और सरकारी सेवा में फिर से शामिल होने की अपनी इच्छा के संकेत देने शुरू कर दिए। उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। 

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डॉक्टर से नौकरशाह बने फैसल ने जम्मू-कश्मीर में “लोकतांत्रिक राजनीति को पुनर्जीवित” करने के लिए अपनी पार्टी बनाई, लेकिन उनका राजनीतिक करियर अचानक समाप्त हो गया। ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ पहले के एक साक्षात्कार में, फैसल ने कहा था, “(आईएएस) छोड़ने के तुरंत बाद, मुझे एहसास हुआ कि मेरे असंतोष के सहज कार्य को देशद्रोह के कार्य के रूप में देखा जा रहा था। इसने लाभ से अधिक नुकसान किया था और मेरे कार्य ने बहुत से सिविल सेवा प्रतिभागियों को हतोत्साहित किया और मेरे सहयोगियों ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया। इसने मुझे बहुत परेशान किया।”

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि फैसल के इस्तीफा वापस लेने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है और उनकी अगली नियुक्ति की घोषणा जल्द की जाएगी। गृह मंत्रालय, जो अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के लिए कैडर नियंत्रण प्राधिकरण है, ने इस्तीफा वापस लेने की उनकी याचिका के बारे में जम्मू-कश्मीर प्रशासन से राय मांगी थी। अधिकारियों ने कहा कि आईएएस को देखने वाले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के अलावा सभी जगहों से रिपोर्ट मिलने के बाद, उनके अनुरोध को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया और बाद में इस महीने की शुरुआत में उन्हें बहाल कर दिया गया।

उत्तरी कश्मीर के सुदूरवर्ती गांव लोलाब के रहने वाले फैसल के पिता को 2002 में आतंकवादियों ने मार दिया था। फैसल ने 2009 में यूपीएससी परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया था। उन्हें 14-15 अगस्त, 2019 की मध्यरात्रि को दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया और वापस श्रीनगर भेज दिया गया जहां उन्हें हिरासत में रखा गया। उन पर फरवरी 2020 में लोक सुरक्षा अधिनियम लगाया गया था जिसे चार महीने बाद रद्द कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पहले टॉपर रहे फैसल ने बुधवार को सरकारी सेवा में अपनी वापसी के संकेत दिए थे। ट्वीट की एक श्रृंखला में, उन्होंने 2019 में अपने आदर्शवाद के बारे में बात की, जब उन्होंने राजनीति में शामिल होने के लिए सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया। 

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उन्होंने कहा, “मेरे जीवन के 8 महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) ने मुझ पर इतना दबाव डाला कि मैं लगभग खत्म हो गया था। एक मिथ्या परिकल्पना का पीछा करते हुए, मैंने लगभग वह सब कुछ खो दिया जो मैंने वर्षों में अर्जित किया था। नौकरी, दोस्त, प्रतिष्ठा, सार्वजनिक सद्भावना। लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया है।” उन्होंने कहा, “लेकिन मुझे अपने आप पर विश्वास था,कि मैंने जो गलतियां की, उन्हें मैं सुधार दूंगा। जिंदगी मुझे एक और मौका देगी। मेरा एक हिस्सा उन 8 महीनों की स्मृतियों से थक गया है और में इन्हें मिटाना चाहता है। इसमें से बहुत कुछ है पहले ही चला गया। समय बाकी भी भुलवा देगा।”

फैसल ने हालांकि यह नहीं बताया कि “एक और मौका” से उनका क्या मतलब है, पिछले एक साल से यहां अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह एक आईएएस अधिकारी के रूप में या जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के लिए किसी सलाहकार की भूमिका में सरकारी सेवा में लौट सकते हैं।

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