कभी राष्ट्रविरोधी कार्यों में संलिप्त होने के लगे थे आरोप, आज इन्हें लगता है खतरे में देश की संस्थाएं

Hamid Ansari
अभिनय आकाश । Mar 18 2020 12:43PM

अक्सर अपने बयानों के जरिए मोदी सरकार पर हमलावर रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर से निशाना साधा है। हामिद अंसारी ने कहा कि भारत में एक ‘‘बहुत खतरनाक’’ प्रक्रिया चल रही है।

एक तरफ जहां देश-दुनिया में कोरोना की जंग जारी है और भारत इस लड़ाई में लीडर की भूमिका में नजर आ रहा है। कोरोना से लड़ाई हो या विदेशों से रेस्कयू भारत बड़े भाई की भूमिका में न ही सिर्फ नजर आया है बल्कि अपनी व्यवहारिकता से इस बात का भान भी दुनिया को कराया है। भारत की सक्रियता की डब्ल्यूएचओ ने भी तारीफ की है। लेकिन इन सब से इतर भारत के ऐसे कई लोग हैं जिनका मानना है कि दुनिया की नजर में भले ही भारत एक अग्रणी देश है लेकिन उनकी नजर में यहां गणतंत्र खतरे में है।

इसे भी पढ़ें: दिल्ली हिंसा को पूर्व उप राष्ट्रपति ने बताया सुनियोजित, बोले- सरकार ने रोकने की नहीं की कोशिश

अक्सर अपने बयानों के जरिए मोदी सरकार पर हमलावर रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर से निशाना साधा है। हामिद अंसारी ने कहा कि भारत में एक ‘‘बहुत खतरनाक’’ प्रक्रिया चल रही है और देश की संस्थाएं ‘‘बड़े खतरे’’ में हैं तथा जिन सिद्धांतों पर संविधान की प्रस्तावना तैयार की गई उसकी अवहेलना की जा रही है। अंसारी ने कहा कि लोग ‘‘मुश्किल समय’’ में जी रहे हैं और प्रतिक्रिया करना जरूरी है क्योंकि यदि यह जारी रहा तो ‘‘बहुत देर हो जाएगी।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत मुश्किल समय में जी रहे हैं। मुझे इसके विस्तार में जाने की जरूरत नहीं है लेकिन सच्चाई यह है कि भारत के गणतंत्र की संस्थाएं बहुत खतरे में हैं।’’

 

इसे भी पढ़ें: गडकरी ने वाहन निर्माताओं से की जैव-ईंधन आधारित वाहन बनाने की अपील

उन्होंने कहा कि जिन सिद्धांतों पर संविधान की प्रस्तावना तैयार की गई उसकी अवहेलना की जा रही है।उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रक्रिया में काफी कुतर्क शामिल है इसलिए अधिकतर नागरिकों द्वारा इसे समझ पाना आसान नहीं है। ऐसा नहीं है कि हामिद अंसारी ने पहली बार मोदी सरकार पर हमला किया हो। हामिद अंसारी ने इससे पहले एक इंटरव्यू में कहा कि देश के मुसलमानों में असुरक्षा का माहौल है और देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है। अखलाक की हत्या पर अक्टूबर 2016 में उन्होंने कहा ''देश के हर नागरिक को जीने का हक है और सभी की जिम्मेदारी है कि अपने पड़ोसियों की रक्षा करें। इसके अलावा उन्होंने इसी साल मार्च में पंजाब यूनिवर्सिटी में कहा था कि विश्वविद्यालयों की आजादी के सामने आज चुनौती खड़ी हो गई है. उन्होंने कहा कि हाल के समय में संकीर्ण सोच का दायरा फैल रहा है। 

इसे भी पढ़ें: सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज घोटाले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को नामजद किया

हमेशा रहे विवादों में 

30 दिसंबर 2011 को, संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था. अन्ना हजारे आंदोलन के मद्देनजर राज्य सभा में जन लोकपाल विधेयक पर गर्मागरम चर्चा हो रही थी. चर्चा के बाद मतदान होना था। आधी रात के आसपास, ऊपरी सदन के पदेन अध्यक्ष के रूप में अंसारी अपनी सीट पर आए थे। बहस के बीच में उन्होंने सदन को अचानक अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया. भाजपा के अलावा कई अन्य विपक्षी पार्टियां सरकार के खिलाफ थीं। सरकार के हारने की स्थिति बन गई थी. भाजपा ने सदन के अचानक स्थगित कर देने के लिए अंसारी की आलोचना की।

21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. पीएम मोदी ने राजपथ पर हजारों लोगों के साथ योग किया. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी योग किया. मगर उपराष्ट्रपति होते हुए हामिद अंसारी योग दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। 

इसके अलावा 2015 में हामिद अंसारी द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजने के समय राष्ट्र ध्वज को सलामी नहीं देने पर भी काफी विवाद हुआ था।

इसे भी पढ़ें: उन्नाव पीड़िता को लेकर कांग्रेस ने साधा निशाना, स्मृति ने रेप पर राजनीति न करने की दी नसीहत

ईरान में रॉ के नेटवर्क को बर्बाद करने का लगा आरोप

रॉ के पूर्व अधिकारियों ने हामिद अंसारी के खिलाफ जांच की मांग की थी जिसमें उनके खिलाफ रॉ के ‘ऑपरेशन को क्षति पहुंचाने’ का आरोप लगाया गया था। बता दें कि वर्ष 1990 में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ईरान की राजधानी तेहरान में राजदूत की हैसियत से तैनात थे, और रॉ के पूर्व अधिकारियों के मुताबिक वहां तैनाती के दौरान उन्होंने जमकर देशहित के खिलाफ काम किया। इन अधिकारियों ने प्रधानमंत्री से पहली बार अगस्त 2017 में अंसारी के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की थी। प्रधानमंत्री को शिकायत पत्र में इन अधिकारियों ने यह दावा किया था कि अपनी पोस्टिंग के दौरान अंसारी ना सिर्फ राष्ट्रहित बचाने में असफल रहे बल्कि ईरान सरकार और वहाँ की खुफिया एजेंसी “सवाक” से जानकारी साझा कर रॉ के मिशन और अधिकारियों की जान खतरे में डाली।  


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़