कश्मीरी स्ट्रॉबेरी फसल की कटाई शुरू, इस बार ज्यादा बड़ी और रसदार है Strawberry

kashmiri Strawberry
Prabhasakshi

वैसे तो स्ट्रॉबेरी की कटाई उत्तरी कश्मीर के तंगमर्ग और दक्षिण के कुछ हिस्सों में भी की जा रही है, लेकिन श्रीनगर के गासु खैम्बर इलाके की स्ट्रॉबेरी को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि यह आकार में भी बड़ी होती है, रसदार भी ज्यादा होती है और स्वाद में भी उत्तम होती है।

श्रीनगर। कश्मीर में बागवानी फसलों में से एक स्ट्रॉबेरी की कटाई का मौसम शुरू हो चुका है। हम आपको बता दें कि स्ट्रॉबेरी पहला फल है जो कश्मीर घाटी में छह महीने की कड़ाके की सर्दी के बाद उगता है। हालांकि इस बार कुछ गर्मी पड़ने और बारिश देर से होने की वजह से स्ट्रॉबेरी की उपज कम हुई है। श्रीनगर के बाहरी इलाके गासु खैम्बर गांव में इस समय प्रसिद्ध कश्मीरी स्ट्रॉबेरी फसल की कटाई का काम जोरशोर से चल रहा है। यहां आपको किसान स्ट्रॉबेरी से भरी टोकरियाँ लेकर खेतों में आते जाते या फसल की छँटाई करते दिखाई देंगे। यहां के किसानों की आजीविका का स्रोत सेब और स्ट्रॉबेरी ही हैं। इसी गासु खैम्बर इलाके में सेब के बाग भी हैं।

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वैसे तो स्ट्रॉबेरी की कटाई उत्तरी कश्मीर के तंगमर्ग और दक्षिण के कुछ हिस्सों में भी की जा रही है, लेकिन श्रीनगर के गासु खैम्बर इलाके की स्ट्रॉबेरी को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि यह आकार में भी बड़ी होती है, रसदार भी ज्यादा होती है और स्वाद में भी उत्तम होती है। इस इलाके को स्ट्रॉबेरी विलेज के नाम से भी जाना जाता है। सिर्फ इसी इलाके से अकेले 2000 किलो स्ट्रॉबेरी की फसल छोटी-छोटी ट्रे में भरकर बाजारों में भेजी जाती है। प्रभासाक्षी संवाददाता ने इस स्ट्रॉबेरी विलेज में फसल की कटाई का जायजा लिया और स्ट्रॉबेरी उत्पादकों से बातचीत की तो सभी ने कहा कि इस फसल से हमें ज्यादा लाभ होता है। उल्लेखनीय है कि घाटी में स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं लेकर आई और युवाओं को भी इसमें फायदा दिखा जिससे वह इस ओर आकर्षित हुए।

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