हरियाणा: पुलिस ने किसानों के मार्च को रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं, दागे आंसू गैस के गोले

Haryana

किसानों की मांग है कि इन कानूनों को निरस्त किया जाए। उन्होंने पहले घोषणा की थी कि वे ‘किसान महापंचायत’ का विरोध करेंगे। किसान काले झंडे लिए हुए थे और भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैमला गांव की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे।

चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने करनाल जिले के कैमला गांव की ओर किसानों के मार्च को रोकने लिए रविवार को पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘‘फायदे’’ बताने वाले थे। इससे पहले पुलिस ने कैमला गांव की ओर किसानों के मार्च को रोकने लिए उन पर पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े। बहरहाल, प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया। उन्होंने मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़ दिए। किसानों ने अस्थायी हेलीपेड का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरना था। 

भाजपा नेता रमण मल्लिक ने बताया कि बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चरूनी के कहने पर किसानों के हुड़दंगी व्यवहार के कारण कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। पुलिस ने गांव में मुख्यमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। किसानों की मांग है कि इन कानूनों को निरस्त किया जाए। उन्होंने पहले घोषणा की थी कि वे ‘किसान महापंचायत’ का विरोध करेंगे। किसान काले झंडे लिए हुए थे और भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैमला गांव की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने गांव के प्रवेश स्थानों पर बैरीकेड लगा दिए ताकि वे कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच पाएं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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