सिंधिया ने कहा- मैं सरकारी बंगला पहले ही खाली कर चुका हूं
कांग्रेस नेता ने कहा, 23 मई को आए जनादेश को पूरी विनम्रता से स्वीकार करते हुए सरकारी बंगले को खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मेरा कभी भी किसी जगह पर अनधिकृत रूप से रहने का इरादा नहीं रहा।
नयी दिल्ली। लुटियन दिल्ली में सरकारी बंगले पर कब्जा बने रहने के अनुरोध को सरकार द्वारा ठुकरा दिए जाने संबंधी खबरों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि वह इस बंगले को पहले ही खाली कर चुके हैं। उन्होंने एक कागजात पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, सरकार द्वारा जारी किए गए कागजात में कुछ बकाया नहीं होने संबंधी प्रमाण-पत्र ये साबित करते हैं कि मैंने बंगला खाली कर दिया है। सिंधिया ने कहा कि उन्होंने 21 जून को ही बंगला खाली कर दिया था और सरकार के संपत्ति निदेशालय से कुछ बकाया नहीं होने का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया था। उन्होंने कहा, मैं हमेशा नियम- कानून का पालन करने वाला जिम्मेदार नागरिक हूँ। मेरे बारे में इस तरह की भ्रामक ख़बरें प्रचारित करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
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कांग्रेस नेता ने कहा, 23 मई को आए जनादेश को पूरी विनम्रता से स्वीकार करते हुए सरकारी बंगले को खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मेरा कभी भी किसी जगह पर अनधिकृत रूप से रहने का इरादा नहीं रहा। बहरहाल, आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सिंधिया ने 13 जून को सरकार से आग्रह किया था कि सफदरजंग रोड स्थित बंगले को उनके पास ‘‘कुछ और समय के लिए’’ रहने दिया जाए। हालांकि केंद्र सरकार ने उनके आग्रह को ठुकरा दिया। गौरतलब है कि सिंधिया पिछले कई सालों से 27 सफदरजंग रोड बंगले में रह रहे थे। इस बार वह मध्यप्रदेश के गुना से चुनाव हार गए। वह गुना से 2002 से लेकर 2019 तक सांसद रहे। ज्योतिरादित्य से पहले यह बंगला उनके पिता माधवराव सिंधिया को आवंटित था।
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