स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा, स्वास्थ्य कर्मियों के पुख्ता सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करें

Health Ministry

स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने पत्र में राज्य सरकारों से कहा है कि कोरोना वायरस संकट के कारण उपजी मौजूदा परिस्थितियों में चिकित्सा कर्मियों की सेवाओं के महत्व को देखते हुये उन्हें अन्य सभी सेवाओं की तुलना में विशिष्ट स्थान दिया जाये।

नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अग्रिम पंक्ति के योद्धा के रूप में कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है। मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बारे में पत्र लिख कर स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये हरसंभव कारगर उपाय करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने पत्र में राज्य सरकारों से कहा है कि कोरोना वायरस संकट के कारण उपजी मौजूदा परिस्थितियों में चिकित्सा कर्मियों की सेवाओं के महत्व को देखते हुये उन्हें अन्य सभी सेवाओं की तुलना में विशिष्ट स्थान दिया जाये। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से इस अभियान में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को बीमा सुरक्षा सहित अन्य सभी सहूलियतें भी देने को कहा है। कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये जारी अभियान के बारे में मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गयी जानकारी के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण से पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 50 लोगों की मौत हो गयी और इस दौरान संक्रमण के 1383 नये मामले सामने आये हैं। मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 19,984 और मृतकों की संख्या 640 हो गयी है। हालांकि, उपचार के बाद स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़कर 3870 हो गयी है। यह आंकड़ा संक्रमण की चपेट में आये मरीजों का 19.36 प्रतिशत है। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एक अध्यादेश जारी करने और इसके लिये महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन करने के उसके प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। 

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर करेंगे संवाद

आगे मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षणों के आधार पर संभावित मरीजों का पता लगाने के लिये देशव्यापी स्तर पर एक ‘फोन सर्वेक्षण’ कराने की पहल की है। राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईसी) द्वारा किये जा रहे इस सर्वेक्षण में फोन नंबर 1921 से लोगों के मोबाइल फोन पर कॉल की जायेगी। मंत्रालय ने देश के नागरिकों से इस सर्वेक्षण में भागीदारी करने और सही प्रत्युत्तर (फीडबैक) देने की अपील करते हुये कहा कि इसमें सभी से कोरोना वायरस महामारी के लक्षणों के बारे में पूछा जायेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के लक्षण उभरे बिना ही संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सरकार ने इस सर्वेक्षण के माध्यम से संभावित संक्रमितों की पहचान करने के लिये यह पहल की है। मंत्रालय ने हालांकि, इस सर्वेक्षण की आड़ में मिलते जुलते फोन नंबरों से होने वाले फर्जी सर्वेक्षणों से बचने की सलाह देते हुये लोगों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके फोन पर 1921 नंबर से ही कॉल की गयी है या नहीं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से भी इस सर्वेक्षण के बारे में लोगों को स्थानीय स्तर पर अवगत कराने के लिये कहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़