हिंदी दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में हिंदी में हुई सुनवाई, आदेश भी हिंदी में हुआ पारित

Madhya Pradesh High Court

विज्ञप्ति के मुताबिक इनमें एक हत्याकांड में शाजापुर की निचली अदालत द्वारा सुनायी गयी आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ मुजरिम की दायर अपील पर उच्च न्यायालय की युगल पीठ का फैसला शामिल है।

इंदौर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने सोमवार को हिंदी दिवस पर इस के प्रति सम्मान जताते हुए कई मुकदमों में अंग्रेजी की बजाय हिंदी में सुनवाई की और हिंदी में ही आदेश पारित किये। राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति एस सी शर्मा, न्यायमूर्ति वीरेन्दर सिंह और न्यायमूर्ति एसके अवस्थी ने अनेक मुकदमों में हिन्दी में सुनवाई की और इसी में अपने निर्णय या अन्य आदेश पारित किये। 

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विज्ञप्ति के मुताबिक इनमें एक हत्याकांड में शाजापुर की निचली अदालत द्वारा सुनायी गयी आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ मुजरिम की दायर अपील पर उच्च न्यायालय की युगल पीठ का फैसला शामिल है। हिन्दी में सुनाये गये इस फैसले में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के दंडादेश को बरकरार रखा है। 

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विज्ञप्ति में बताया गया कि न्यायमूर्ति वीरेंदर सिंह ने सोमवार को उनकी अदालत में सभी 41 मुकदमों में हिन्दी में आदेश पारित किये। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की नियमित कार्यवाही और आदेशों में आम तौर पर अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि राज्य की निचली अदालतों में हिन्दी में न्यायिक काम-काज होता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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