High Court ने अन्नाद्रमुक को महासचिव पद का चुनाव कराने की अनुमति दी

Madras High Court
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ANI

अदालत ने कहा है कि वह उनकी याचिका पर गौर करेगी और उसने तब तक चुनावी नतीजों की घोषणा न करने का निर्देश दिया है। ओपीएस खेमे ने ई के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक द्वारा महासचिव पद के चुनाव की घोषणा किए जाने के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक)के महासचिव पद का लंबे समय से अटका चुनाव 26 मार्च को कराने की रविवार को अनुमति दे दी। बहरहाल, अदालत ने कहा कि नतीजों की घोषणा नहीं की जाएगी, क्योंकि वह पार्टी के 11 जुलाई 2022 के आम परिषद के फैसलों के खिलाफ ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) खेमे की याचिका पर 22 मार्च को सुनवाई करेगी। उच्च न्यायालय ने 26 मार्च को होने वाले शक्तिशाली महासचिव पद के चुनाव के खिलाफ रविवार को पन्नीरसेल्वम खेमे की एक याचिका पर सुनवाई की। पनीरसेल्सवम खेमे के वकील पॉल मनोज पांडियन ने पत्रकारों को बताया कि अदालत आम परिषद के 11 जुलाई 2022 के फैसलों के खिलाफ उनकी मूल याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगी।

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उन्होंने बताया कि अदालत ने कहा है कि वह उनकी याचिका पर गौर करेगी और उसने तब तक चुनावी नतीजों की घोषणा न करने का निर्देश दिया है। ओपीएस खेमे ने ई के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक द्वारा महासचिव पद के चुनाव की घोषणा किए जाने के खिलाफ अदालत का रुख किया था। चुनाव के लिए अभी तक केवल पलानीस्वामी ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। नामांकन पत्र दाखिल करने की समयसीमा रविवार दोपहर तीन बजे तक है। चुनाव की घोषणा उच्चतम न्यायालय द्वारा पलानीस्वामी को पार्टी का अंतरिम सचिव बने रहने की अनुमति देने के लगभग एक महीने बाद की गई है। पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण संस्था आम परिषद ने पिछले साल एक बैठक में पनीरसेल्वम और उनके सहयोगियों को बर्खास्त कर दिया था।

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