High Court ने एआई वाले कैमरे के मामले में केरल सरकार और केलट्रॉन से रुख स्पष्ट करने को कहा
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. वेंकेटनारायण भट्टी और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी की पीठ ने यह निर्देश भी दिया कि राज्य सरकार उससे आगे स्पष्टीकरण मांगे बिना या उसके अगले आदेश तक इस परियोजना के अंतर्गत वित्तीय भुगतान नहीं करे।
कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार, केरल राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम (केलट्रॉन) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) वाले कैमरे स्थापित करने से जुड़ी कई निजी कंपनियों को मंगलवार को निर्देश दिया कि वे कांग्रेस के दो नेताओं की उस याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करें जिसमें उन्होंने इस परियोजना को रद्द करने का आग्रह किया है। याचिका में ‘सेफ केरल’ परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. वेंकेटनारायण भट्टी और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी की पीठ ने यह निर्देश भी दिया कि राज्य सरकार उससे आगे स्पष्टीकरण मांगे बिना या उसके अगले आदेश तक इस परियोजना के अंतर्गत वित्तीय भुगतान नहीं करे।
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अदालत ने राज्य सरकार, उसके परिवहन, वित्तीय और उद्योग विभागों, केलट्रॉन और कई कंपनियों को निविदा प्रक्रिया और कैमरों को लगाने के संदर्भ में नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के दो नेताओं वी सतीशन और रमेश चेन्निथला को भी निर्देश दिया कि वे ‘भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने’ के अपने रुख के संदर्भ में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करें। सतीशन राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और चेन्निथला प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता एवं केरल के पूर्व मंत्री हैं। अदालत का कहना था कि वह हलफनामा चाह रही है ताकि नीति निर्धारण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाई जा सके। याचिकाकर्ताओं ने एआई वाले कैमरों को लगाने और इसके संचालन से जुड़े एलडीएफ सरकार के आदेशों को चुनौती दी है। उनका आरोप है कि इस परियोजना में अवैध चीजें, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हुआ है।
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