उच्च न्यायालय केजरीवाल को सरकारी आवास आवंटित करने की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगा

मेहरा ने अदालत को बताया कि ‘आप’ ने पिछले साल 20 सितंबर को अधिकारियों को पहली बार पत्र लिखा था, उसके बाद एक स्मरण पत्र भी भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दिल्ली उच्च न्यायालय 25 अगस्त को आम आदमी पार्टी (आप) की उस याचिका पर विचार करेगा, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय राजधानी में आवास आवंटित करने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने याचिका पर विस्तृत सुनवाई के लिए मामले को स्थगित कर दिया। याचिका में केजरीवाल को आवास आवंटित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों को ‘सामान्य पूल’ से आवास आवंटन के दिशानिर्देशों के तहत, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष दिल्ली में एक सरकारी आवास पाने का हकदार है, बशर्ते कि उनके पास न तो कोई मकान हो और न ही उन्हें किसी अन्य आधिकारिक क्षमता में आवास आवंटित किया गया हो।
पार्टी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा, ‘‘सभी पूर्व शर्तें पूरी हो गई हैं। एक राष्ट्रीय संयोजक है, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। हम दिल्ली में स्थित आवास आवंटित करने का अनुरोध कर रहे हैं।’’
मेहरा ने अदालत को बताया कि ‘आप’ ने पिछले साल 20 सितंबर को अधिकारियों को पहली बार पत्र लिखा था, उसके बाद एक स्मरण पत्र भी भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि एक पूर्ववर्ती पीठ ने पार्टी कार्यालय के लिए जगह दी थी और वर्तमान अनुरोध आवासीय परिसर के लिए है।
याचिका में कहा गया है कि केजरीवाल ने चार अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। इसके बाद से, वह मंडी हाउस के पास पार्टी के एक सदस्य के सरकारी आवास में रह रहे हैं।
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