बीएसएफ ने दिये भोजन की उच्च गुणवत्ता के दिशानिर्देश

नियंत्रण रेखा पर तैनात एक जवान द्वारा घटिया भोजन के आरोप लगाए जाने के कारण बचाव की मुद्रा में आए सीमा सुरक्षा बल ने सीमा पर तैनात अपने कर्मियों को दिये जाने वाले भोजन की उच्च गुणवत्ता कायम रखने के लिए ताजा दिशानिर्देश जारी किये हैं जबकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने जवान के आरोपों पर बल से पूरी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने बुधवार को केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि से मुलाकात की और तेजबहादुर यादव के आरोपों पर एक दूसरी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। यह आरोप सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाले गये वीडियो में लगाए गए हैं।
इस मुलाकात के बाद बीएसएफ प्रमुख ने बाहर प्रतीक्षा कर रहे मीडियाकर्मियों से बातचीत नहीं की। किन्तु शाम को अर्द्धसैनिक बल ने एक बयान जारी कर सीमा पर तैनात जवानों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराने के लिए छह उपायों की घोषणा की। बयान में कहा गया, ‘‘जवानों के भोजन से संबंधित मुद्दे, रसद खरीद प्रक्रिया से जुड़े मुद्दे तथा बाद में उनका दुरूपयोग किसी भी संगठन के लिए चिंता का मुख्य विषय होते हैं।’’ इसमें कहा गया, ‘‘बीएसएफ ने स्थिति पर समग्र दृष्टिकोण अपना है तथा इसके बाद समुचित कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।’’ वरिष्ठ कमांडिग अधिकारियों के एक दल द्वारा मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा को भी एक उपाय के रूप में गिनाया गया है। बीएसएफ ने जो अन्य कदम उठाए हैं उनमें वर्तमान व्यवस्था की कमियों का पता लगाना, प्रक्रियागत एवं व्यवस्थागत सुधारों का सुझाव देने, दोहरी जांच के प्रति सतर्कता, जवानों के साथ औपचारिक एवं अनौपचारिक परिसंवाद, तथा सभी मैसों में नकदीरहित लेनदेन सुनिश्चित करने के कदम शामिल हैं।
बीएसएफ ने शाम को एक बयान जारी कर सीमा पर तैनात जवानों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराने के लिए छह उपायों की घोषणा की। बयान में कहा गया, ‘‘जवानों के भोजन से संबंधित मुद्दे, रसद खरीद प्रक्रिया से जुड़े मुद्दे तथा बाद में उनका दुरूपयोग किसी भी संगठन के लिए चिंता का मुख्य विषय होते हैं।’’ इसमें कहा गया, ‘‘बीएसएफ ने स्थिति पर समग्र दृष्टिकोण अपनाया है तथा इसके बाद समुचित कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।’’ वरिष्ठ कमांडिग अधिकारियों के एक दल द्वारा मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा को भी एक उपाय के रूप में गिनाया गया है। बीएसएफ ने जो अन्य कदम उठाए हैं उनमें वर्तमान व्यवस्था की कमियों का पता लगाना, प्रक्रियागत एवं व्यवस्थागत सुधारों का सुझाव देने, दोहरी जांच के प्रति सतर्कता, जवानों के साथ औपचारिक एवं अनौपचारिक परिसंवाद, तथा सभी मैसों में नकदीरहित लेनदेने सुनिश्चित करने के कदम शामिल हैं।
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