उपचुनाव: 29 विधानसभा और तीन लोकसभा सीटों में अधिकतर पर उच्च मतदान

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हिमाचल प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों के अलावा, असम की पांच विधानसभा, पश्चिम बंगाल में चार, मध्य प्रदेश तथा मेघालय की तीन-तीन विधानसभा सीटों, बिहार, कर्नाटक एवं राजस्थान की दो-दो विधानसभा सीटों तथा आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम और तेलंगाना की एक-एक सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान संपन्न हुआ।

नयी दिल्ली| देश के 13 राज्यों में तीन लोकसभा सीटों और 29 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए शनिवार को 50 प्रतिशत से 86 प्रतिशत तक मतदान हुआ, जिसमें इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता अभय चौटाला, कांग्रेस के दिवंगत नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और अन्य जानेमाने नेता मैदान में हैं।

 चौटाला ने केंद्र के तीन नये विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हरियाणा विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी थी, जिसके बाद उपचुनाव करवाया गया। अधिकारियों ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ और कोविड-19 संबंधी सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया गया।

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तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शशांक गोयल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राज्य की हुजूराबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए शाम सात बजे तक 86.33 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हरियाणा के ऐलनाबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में हुये उपचुनाव में 80 प्रतिशत मतदान हुआ।

इनेलो नेता ओमप्रकाश चौटाले के बेटे अभय चौटाला के खिलाफ कांग्रेस के पवन बेनीवाल और भाजपा-जजपा की तरफ से गोबिंद कांडा उम्मीदवार हैं। चार बार के विधायक चौटाला की नजर जीत की हैट्रिक पर है क्योंकि वह अपना तीसरा उपचुनाव लड़ रहे हैं।

इससे पहले, उन्होंने वर्ष 2000 में सिरसा जिले में रोरी विधानसभा उपचुनाव और 2010 में ऐलनाबाद से उपचुनाव जीता था, जब उनके पिता ने जींद जिले की उचाना सीट को अपने पास रखा था और यह सीट खाली कर दी थी। अभय चौटाला के लिए यह उपचुनाव जीतना महत्वपूर्ण है क्योंकि हार इनेलो के लिए एक बड़ा झटका होगा, जो हाल के वर्षों में चुनावी असफलताओं से जूझ रहा है।

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि दादरा एवं नागर हवेली लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 75.51 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जहां शाम सात बजे तक मतदान चला। सात बार के निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर की मृत्यु के बाद यहां उपचुनाव करवाया, जहां से उनकी पत्नी कलाबेन डेलकर शिवसेना प्रत्याशी के रूप में भाजपा के महेश गावित और कांग्रेस के महेश धोडी के खिलाफ खड़ी हैं।

हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर शाम पांच बजे तक अपेक्षाकृत कम 49.83 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां से प्रतिभा सिंह कांग्रेस प्रत्याशी हैं। उनके खिलाफ कारगिल युद्ध के योद्धा रहे खुशाल सिंह ठाकुर भाजपा के टिकट पर पहली बार किस्मत आजमा रहे हैं।

मंडी सीट मार्च महीने में भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा की मृत्यु के बाद खाली हो गयी थी। स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता 104 साल के श्याम शरण नेगी ने किन्नौर जिले के काल्पा में आदर्श मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। मंडी लोकसभा सीट और फतेहपुर, अर्की तथा जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीटों पर सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ और धीरे-धीरे इसने रफ्तार पकड़ी।

निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि शाम पांच बजे तक मंडी में 49.83 प्रतिशत जबकि फतेहपुर, अर्की तथा जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीटों के लिए क्रमश: 62.4 प्रतिशत, 61.33 प्रतिशत और 66.1 प्रतिशत मतदान हुआ। हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अगले साल की शुरुआत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।

हिमाचल प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों के अलावा, असम की पांच विधानसभा, पश्चिम बंगाल में चार, मध्य प्रदेश तथा मेघालय की तीन-तीन विधानसभा सीटों, बिहार, कर्नाटक एवं राजस्थान की दो-दो विधानसभा सीटों तथा आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम और तेलंगाना की एक-एक सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान संपन्न हुआ।

इनमें से करीब आधा दर्जन सीटों पर भाजपा, नौ पर कांग्रेस और बाकी पर क्षेत्रीय दलों के विधायक रहे हैं। मतगणना दो नवंबर को होगी। मध्य प्रदेश में शनिवार को उपचुनाव के तहत खंडवा लोकसभा क्षेत्र में 63.88 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर 64.60 प्रतिशत वोट डाले गये।

खंडवा से भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का निधन हो गया था। असम विधानसभा की पांच सीटों के लिए शनिवार को हुए उपचुनाव के लिए पंजीकृत कुल 7.96 लाख मतदाताओं में से 69.60 प्रतिशत ने शाम पांच बजे मतदान की समाप्ति तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि गोसाईंगांव, भबानीपुर, तामुलपुर, मरियानी और थोवरा सीटों पर शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच और कोविड-19 नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए शांतिपूर्ण मतदान हुआ। पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए शाम पांच बजे तक लगभग 71 प्रतिशत मतदान हुआ।निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ था और कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर चारों सीटों पर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।

खरदाह में एक बूथ के बाहर तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थकों के बीच हाथापाई की सूचना मिली, जहां भाजपा के उम्मीदवार जॉय साहा ने एक ‘‘फर्जी मतदाता’’ को पकड़ लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया। खरदाह से विधायक काजल सिन्हा का कोविड-19 के कारण निधन हो गया था।

कूचबिहार जिले के दिनहाटा निर्वाचन क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार उदयन गुहा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक पर सशस्त्र गार्डों के साथ बूथ संख्या 232 में प्रवेश करने का आरोप लगाया। प्रमाणिक के इस्तीफे के बाद ही यहां उपचुनाव हुआ।

प्रमाणिक अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं, जिन्होंने पश्चिम बंगाल की विधानसभा में विपक्ष में बैठने के बजाय अपनी लोकसभा सदस्यता बनाए रखने को तरजीह दी। बिहार विधानसभा की दो सीटों के लिए शनिवार को हुए मतदान में शाम चार बजे मतदान प्रक्रिया समाप्त होने तक कुल पंजीकृत 5,84,395 मतदाताओं में से करीब 49.60 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, कुशेश्वर स्थान में 49 प्रतिशत जबकि तारापुर में 50.05 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। राजस्थान में शनिवार को वल्लभनगर (उदयपुर) और धरियावद (प्रतापगढ) विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में औसत 70 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला।

धरियावद निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा और वल्लभनगर निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के कारण उपचुनाव करवाये जा रहे है। इन दोनों नेताओं का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया था।

कर्नाटक में सिन्डगी और हंगल विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए तकरीबन 56.78 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। सिन्डगी से जनता दल (सेक्यूलर) के विधायक एम सी मानागुली और हंगल से भारतीय जनता पार्टी के सी एम उदासी के निधन के बाद इन सीटों पर उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी।

भाजपा ने सिन्डगी से रमेश भूसानुर और हंगल से शिवराज सज्जनार को उम्मीदवार बनाया है। भूसानुर 2018 के चुनावों में दूसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस ने सिन्डगी से एम सी मानागुली के बेटे अशोक मानागुली जबकि हंगल से पूर्व पार्षद श्रीनिवास माने को प्रत्याशी बनाया है।

जद (एस) ने सिन्डगी से 33 वर्षीय स्नातकोत्तर पास नाजिया शकील अहमद अंगाडी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि हंगल से 35 वर्षीय बी.ई, एम.टेक नियाज शेखर को उम्मीदवार बनाया है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पदभार संभालने के बाद यह उनके लिए पहली चुनावी चुनौती है।

हंगल सीट पर जीत दर्ज करना उनके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र का पड़ोसी निर्वाचन क्षेत्र है। तेलंगाना में हुजूराबाद विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ जहां सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति, विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

यहां 86 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया। भूमि पर कब्जा करने के आरोपों में राज्य मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद जून में ए राजेंद्र के इस्तीफे के मद्देनजर उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। आरोपों को खारिज करने वाले राजेंद्र ने टीआरएस छोड़ दिया था और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

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मेघालय में तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए शनिवार को मतदान शांतिपूर्ण रहा और 64 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राज्य की मावफलांग सीट पर पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी यूजीनसन लिंगदोह यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व विधायक केनेडी सी. खैरियम को उनका मुख्य प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है। महाराष्ट्र में डेगलुर और मिजोरम में तुइरियाल विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव हुआ।

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