राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने मनाया 51वां स्थापना दिवस

CM and Governor

अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा ने धर्मशाला में आयोजित 51वें राज्य स्तरीय स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों से राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया। इस अवसर पर राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस भी उपस्थित थे।

शिमला   राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने अपना 51वां स्थापना दिवस मनाया। वर्ष 2020 में आबकारी एवं कराधान विभाग का नाम बदलकर राज्य कर एवं आबकारी विभाग किया गया था।  राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विभाग को स्थापना दिवस की बधाई दी है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा ने धर्मशाला में आयोजित 51वें राज्य स्तरीय स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों से राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया। इस अवसर पर राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस भी उपस्थित थे।

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राज्य कर एवं आबकारी विभाग आज ही के दिन वर्ष 1970 में अस्तित्व में आया था। पिछले 46 वर्षों में विभाग द्वारा एकत्रित राजस्व में 69 गुणा वृद्धि हुई है। वर्ष 1974-75 में 11 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर  7044 करोड़ रुपये हो गया। वर्ष 1970 में विभाग में एक आबकारी एवं काराधान अधिकारी का पद था, जिसकी संख्या वर्तमान में बढ़कर 119 हो गई है। वर्ष 1978 तक अधिकांश राजस्व शराब से उत्पाद शुल्क के रूप में आ रहा था। वर्ष 1979 में बिक्री कर पहली बार उत्पाद राजस्व से अधिक हो गया। वर्तमान में राज्य के राजस्व का 80 प्रतिशत से अधिक पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी और वैट से एकत्र किया जा रहा है। विभाग वर्तमान में 12 कर अधिनियमों को विनियमित कर रहा है।

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राज्य के विकास में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका को राज्य के अपने कर राजस्व में इसके योगदान से देखा जा सकता है। वर्ष 2020-21 में राज्य के स्वयं के कर राजस्व में विभाग का योगदान 89 प्रतिशत रहा है। इन वर्षों के दौरान विभाग कराधान प्रणालियों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तनों का गवाह रहा है। वस्तु कराधान 1970 में सामान्य बिक्री कर से बदला गया। वर्ष 2005 में वैट के रूप में कमोडिटी टैक्स के नए रूप ने मूल्य श्रृंखला में बिक्री के सभी चरणों में कर के दायरे को बढ़ा दिया। हालांकि वैट राज्य की सीमाओं तक ही सीमित था। जीएसटी के कार्यान्वयन ने मूल्य श्रृंखला में सभी चरणों में कराधान का दायरा बढ़ाया, भौगोलिक सीमाओं की सीमा, वस्तुओं और सेवाओं के भेद को हटा दिया गया। जीएसटी ने करदाताओं और विभाग के बीच के संचार को भी ऑनलाइन कर दिया है। विभाग अब लगभग 1.2 लाख करदाताओं, 1900 शराब की दुकानों और 23 शराब कारखानों का प्रबंधन कर रहा है। जीएसटी लागू होने के पहले चार वर्षों में पंजीकृत व्यवसायों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है।

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प्रदेश में राज्य कर एवं आबकारी विभाग के सभी कार्यालयों में 51वां स्थापना दिवस मनाया गया और सभी अधिकारियों और कर्मचारियां ने ईमानदारी एवं लगन से कार्य करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यालयों में करदाताओं के लिए जागरूकता शिविर और सम्मान समारोह भी आयोजित किए गए।

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