अपने गृह राज्य Himachal Pradesh में चुनावी हार JP Nadda को कहीं राजनीतिक रूप से भारी ना पड़ जाये!

JP Nadda
ANI

हिमाचल प्रदेश में भाजपा खेमे को अब भी उम्मीद है कि अंतिम परिणाम आने पर विजय उसकी ही होगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद हिमाचल के नेताओं के संपर्क में हैं। नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना के रुझानों में राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। दोपहर तक जो रुझान सामने आये हैं उसमें कांग्रेस आगे निकलती दिखाई दे रही है लेकिन जिस तरह से बहुत कम अंतर से भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार आगे या पीछे हैं उसको देखते हुए फिलहाल अभी यह कहना मुश्किल है कि पहाड़ में राज बदलेगा या रिवाज। हालांकि रुझानों को देखते हुए कांग्रेस के खेमे में खुशी की लहर दिखाई पड़ रही है लेकिन उसकी मुश्किल यह है कि वहां आधा दर्जन नेता मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। इसलिए कांग्रेस की यदि सरकार बनती है तो उसके लिए यह फैसला लेना बड़ा मुश्किल रहेगा कि वह मुख्यमंत्री किसे बनाये।

वहीं भाजपा खेमे को अब भी उम्मीद है कि अंतिम परिणाम आने पर विजय उसकी ही होगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद हिमाचल के नेताओं के संपर्क में हैं। नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। हिमाचल नड्डा का गृह राज्य भी है इसलिए इस राज्य में भाजपा के प्रदर्शन पर सभी की नजरें थीं। जेपी नड्डा का भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल अगले साल के शुरू में समाप्त हो रहा है। ऐसे में यदि उनके गृह राज्य में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता तो भाजपा अध्यक्ष के रूप में उनको एक और कार्यकाल मिलना मुश्किल पड़ सकता है।

भाजपा की ओर से हिमाचल प्रदेश चुनावों में प्रचार करने वाले नेताओं की बात करें तो नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और विभिन्न राज्यों के भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने यहां प्रचार किया था। केंद्रीय मंत्री और हिमाचल से सांसद अनुराग ठाकुर ने तो हिमाचल प्रदेश में काफी समय दिया था। फिलहाल रुझानों को देखते हुए भाजपा ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को शिमला भेज दिया है। इस बीच, कांग्रेस ने भी हिमाचल प्रदेश में पार्टी को किसी प्रकार की तोड़फोड़ से बचाने के लिए वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला को शिमला भेज दिया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं और राज्य में कांग्रेस ही सरकार बनायेगी।

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हम आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रचार की कमान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाली थी और उन्होंने सघन चुनाव प्रचार किया था। राहुल गांधी ने यहां चुनाव प्रचार नहीं किया था इसलिए यदि कांग्रेस जीतती है तो इस जीत का श्रेय प्रियंका गांधी वाड्रा को दिया जा सकता है। हिमाचल में कांग्रेस की ओर से किये गये बड़े चुनावी वादों में 300 यूनिट फ्री बिजली और पुरानी पेंशन योजना की बहाली प्रमुख थी। वहीं भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कई लोक लुभावन वादे करने के साथ ही महिलाओं के लिए अलग से घोषणापत्र जारी करते हुए उनके लिए कई बड़े वादे किये थे।

हम आपको यह भी बता दें कि हिमाचल प्रदेश से जो रुझान सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक आम आदमी पार्टी फिलहाल किसी भी सीट पर आगे नहीं है। जबकि आम आदमी पार्टी के लिए अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, भगवंत मान और संजय सिंह जैसे नेताओं ने काफी प्रचार किया था।

वहीं रुझानों में आगे चल रहे उम्मीदवारों की बात करें तो इसमें सराज से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, दरंग से भाजपा के पूरन चंद, जुब्बल कोटखाई से पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा, मंडी सदर से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा और किन्नौर से विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह नेगी शामिल हैं। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री हरोली विधानसभा सीट से आगे हैं तो ठियोग विधानसभा सीट से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर तथा धर्मशाला से पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा आगे हैं। 

जनता की नजर हिमाचल प्रदेश पर टिकी रहने के बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने अपनी-अपनी पार्टी की जीत का दावा किया है। हम आपको बता दें कि हिमाचल की 68 सदस्यीय विधानसभा के लिए 12 नवंबर को चुनाव हुए थे। इन चुनावों में 76.44 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। हिमाचल में कुल 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है, जिनमें 24 महिलाएं और 99 निर्दलीय शामिल हैं।

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