फिल्मों को अलविदा कहने के जायरा वसीम के फैसले से गर्मायी बहस
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी तथा अभिनेत्री रवीना टंडन, अनुपम खेर और लेखक तस्लीमा नसरीन ने इस संबंध में अपने विचार रखे।
मुंबई। अभिनय के पेशे को अलविदा कहने के जायरा वसीम के फैसले पर सोमवार को राजनीतिक गलियारों से लेकर फिल्म उद्योग जगत तक में बहस छिड़ गयी। कुछ लोगों ने जायरा का समर्थन किया तो कुछ ने उनकी यह कहकर आलोचना की कि इस कदम से ‘‘कट्टरपंथियों को बढ़ावा’’ मिलेगा। ‘दंगल’ की अभिनेत्री ने इस पेशे के उनकी आस्था की राह में आड़े आने का हवाला देते हुए अपना फिल्मी कॅरियर छोड़ने का फैसला किया है। कश्मीरी अभिनेत्री के इस फैसले ने देशभर को हैरान कर दिया है और सोशल मीडिया पर बस उनका ही मुद्दा छाया हुआ है। उन्होंने रविवार को फेसबुक पर अपने पोस्ट में फिल्मों को ‘‘अलविदा’’ कहने के अपने फैसले की जानकारी दी थी और सोमवार को उन्होंने अपने इस फैसले को दोहराया। ट्विटर पर कुछ लोगों के उनका अकाउंट हैक होने की आशंका जताये जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरा कोई सोशल मीडिया अकाउंट हैक नहीं हुआ है और न ही इससे पहले ऐसा कभी हुआ है क्योंकि इन्हें मैं खुद देखती हूं। कृपया ऐसी अफवाहों से दूर रहें और ऐसे दावों में यकीन करने या उन्हें साझा करने से बचें। शुक्रिया।’’
https://t.co/LEzuJb8w9s pic.twitter.com/kqagNwVN2A
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 30, 2019
तीन फिल्में करने के बाद फिल्मों को अलविदा कहने के वसीम के फैसले पर कई हलकों से प्रतिक्रियाएं आयी हैं। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी तथा अभिनेत्री रवीना टंडन, अनुपम खेर और लेखक तस्लीमा नसरीन ने इस संबंध में अपने विचार रखे। अब्दुल्ला ने कहा कि किसी को भी वसीम के फैसले पर सवाल उठाने का हक नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जायरा वसीम की पसंद पर सवाल उठाने वाले हम कौन होते हैं? यह उनका जीवन है, अपने जीवन में वह चाहे जैसे रहें। मैं सिर्फ उन्हें उनकी बेहतरी के लिये शुभकामना दूंगा और उम्मीद करता हूं कि वह जो भी करें उससे उन्हें खुशी मिले।’’ सुरजेवाला ने कहा कि फिल्मों में काम छोड़ने और सृजनात्मक स्वतंत्रता के वसीम के फैसले का वह स्वागत करते हैं लेकिन आस्था का कलात्मक अभिव्यक्ति से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया कि ऐसी टिप्पणी से गुमराह करने वाले या बांटने वाले लोगों को बल मिलता है।
While I respect Zaira Wasim’s decision to quit films & her creative liberty, faith has nothing to do with artistic expression.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 1, 2019
Such remarks give fodder to bigots on either side of the divide to misconceive & mislead.https://t.co/df3SBPfT0l
पार्टी में उनके सहयोगी मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया, ‘‘कुछ पाखंडी लोग अचानक जायरा वसीम और नुसरत जहां को उपदेश देने लगे हैं। यहां दक्षिण मुंबई में मेरे कई हिंदू और जैन मित्र हैं, जिन्होंने अपने गुरुओं और धर्म के नाम पर अपने शानदार कॅरियर तक को छोड़ दिया। आप यह चयन कर सकते हैं कि धर्म आपके कॅरियर या प्रेम जीवन को निर्धारित करता है या नहीं।’’ उन्होंने नवनिर्वाचित एवं नवविवाहित तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां का भी जिक्र किया, जिनके ‘सिंदूर’ लगाने और ‘मंगलसूत्र’ पहनने तथा उनके (इस्लाम के) विचारों को नहीं मानने पर कट्टर मुस्लिम मौलाना नुसरत की आलोचना कर रहे हैं। रविवार को फेसबुक पर अपने लंबे-चौड़े पोस्ट में 18 वर्षीय कश्मीरी अभिनेत्री ने कहा कि इस पेशे (फिल्मों) में उन्होंने पांच साल पूरे कर लिये हैं और अब वह कबूल करना चाहती हैं कि अपने इस काम से मिली ‘‘पहचान से वह वाकई में खुश नहीं हैं।’’ वसीम ने अपने पोस्ट में कहा था कि ऐसा लगता है कि वह कुछ बनने के लिये काफी लंबे अर्से से जद्दोजहद कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस पेशे ने वैसे तो उन्हें बहुत सारा प्यार, समर्थन और शोहरत दी। लेकिन इस पेशे की वजह से मैं चीजों को अनदेखा भी करने लगी और बड़ी खामोशी से, अनजाने में अपने ‘ईमान’ से भटकने लगी... मेरे धर्म के साथ मेरा रिश्ता खतरे में था।’’
अभिनेत्री की हालिया फिल्म ‘स्काई इज पिंक’ है। इससे पहले वह ‘दंगल’ और आमिर खान की ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में नजर आ चुकी हैं। लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि लोग वसीम के चयन के अधिकार को लेकर बहस कर रहे हैं जबकि ‘‘यह पितृसत्तात्मक समाज’’ महिलाओं की सोच को प्रभावित करता है। इस पर अलग रुख अपनाते हुए शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने कई पोस्ट किये। उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी को अपनी आस्था के पालन का अधिकार है, लेकिन कॅरियर के चयन के लिये इसे (धर्म को) असहिष्णु नहीं ठहराना चाहिए, जो हकीकत में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में उनका यह कदम उनके धर्म के लिये बहुत अहितकारी और लोगों के मन में गलत धारणा बनाने वाला है और यह इस्लाम के बारे में उन बातों को बल देता है कि इस्लाम असहिष्णु है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दी सिनेमा ने इसी धर्म से आये लोगों की सफलता की कई कहानियां देखी हैं। क्या उनकी यह वजह (फिल्मों में अभिनय छोड़ने की) उन दिग्गज कलाकारों पर भी लागू होती है कि वे सभी अपने धर्म को नहीं जानते? कुछ लोग उनके फैसले की बराबरी विनोद खन्ना से कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि उनके कॅरियर के चुनाव में उनकी आस्था आड़े आ रही थी।’’
I standby and love my industry,all the opportunities it gives to everyone. Exit is your choice,reason,by all means.Just do not demean it for everyone else.The industry where all work shoulder to shoulder,no differences,caste,religion or where you come from. #Respect #indianfilms https://t.co/hRJKTfI9J8
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) June 30, 2019
अभिनेत्री रवीना टंडन ने वसीम का नाम लिये बगैर ‘‘अभिनय छोड़ने के संबंध में उनके विचार’’ की आलोचना की। जाने माने अभिनेता अनुपम खेर ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि वह जायरा के फैसले का स्वागत करते हैं। जायरा को चुनने का हक है लेकिन उनका मानना है कि 18 वर्षीय अभिनेत्री का अभिनय छोड़ना ‘‘दुखद’’ है। टीवी अभिनेता इकबाल खान ने कहा कि जायरा के फैसले को धार्मिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। स्टैंडअप कॉमेडियन अभिजीत गांगुली ने धर्म की वजह से अभिनय छोड़ने के वसीम के फैसले पर तंज कसा। फिल्मकार ओनिर ने कहा कि वह वसीम के फैसले का सम्मान करते हैं। गौरतलब है कि 2016 में ‘दंगल’ के रिलीज होने के बाद अपनी भूमिका के लिये छोटे बाल रखने को लेकर वह कई लोगों के निशाने पर आ गयी थीं।
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