Prabhasakshi NewsRoom: Jaishankar ने कहा- Modi ऐसे कप्तान हैं जिनके साथ सुबह छह बजे से देर रात तक नेट पर प्रेक्टिस करनी होती है

S Jaishankar
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जयशंकर ने कहा कि कप्तान मोदी किसी खास स्थिति से निपटने के लिए अपने सहयोगियों को निश्चित आज़ादी देते हैं और उन पर यकीन करते हैं। उन्होंने कहा, ''अगर आपके पास कोई विशेष गेंदबाज़ है जिस पर आपको भरोसा है या आपने प्रदर्शन करते हुए उसे देखा है, तो आप उन्हें आज़ादी देते हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना क्रिकेट टीम के कप्तान से करते हुए कहा है कि वह अपने गेंदबाज़ों से विकेट लेने की अपेक्षा करते हुए उन्हें अपने हिसाब से काम करने की आजादी देते हैं। जयशंकर ने कहा कि मोदी में मुश्किल फैसले करने का माद्दा है और यह तब दिखा जब भारत ने कोविड के प्रकोप के बाद लॉकडाउन लगाने के फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह तब भी दिखा था जब टीके के उत्पादन को बढ़ाया गया, टीकाकरण अभियान को शुरू किया गया और उन देशों की मदद की गई जिन्हें टीके की जरूरत थी। जयशंकर ने ‘रायसीना डायलॉग’ में एक सत्र के दौरान ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टॉनी ब्लेयर और इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन के साथ बातचीत के दौरान कहा, ''कप्तान मोदी के साथ नेट पर काफी अभ्यास करना होता है। अभ्यास, सुबह छह बजे शुरू हो जाता है और देर रात तक जारी रहता है।” 

विदेश मंत्री ने कहा कि कप्तान मोदी किसी खास स्थिति से निपटने के लिए अपने सहयोगियों को निश्चित आज़ादी देते हैं और उन पर यकीन करते हैं। उन्होंने कहा, ''अगर आपके पास कोई विशेष गेंदबाज़ है जिस पर आपको भरोसा है या आपने प्रदर्शन करते हुए उसे देखा है, तो आप उन्हें आज़ादी देते हैं। आप सही समय पर गेंद उन्हें देते हैं। आप उस विशेष स्थिति से निपटने के लिए उन पर भरोसा करते हैं।” जयशंकर ने कहा, “इस संदर्भ में, कप्तान मोदी अपने गेंदबाज़ों को निश्चित स्वतंत्रता देते हैं। उन्होंने अगर आपको यह करने का मौका दिया है तो वह आपसे विकेट लेने की अपेक्षा रखते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने तीन साल पहले कोविड महामारी के प्रकोप के मद्देनजर प्रधानमंत्री को कड़े फैसले लेते हुए देखा है।

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जयशंकर ने कहा, ''लॉकडाउन लगाने का फैसला बेहद कड़ा निर्णय था। मगर इसे उस वक्त लेना पड़ा। अगर हम निर्णय नहीं लेते तो क्या होता।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने कैसे एस्ट्राजेनेका/कोविशील्ड टीकों के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के वास्ते ब्लेयर के साथ मिलकर काम किया था। जयशंकर ने कहा कि अन्य मुश्किल फैसला करीब 100 देशों में टीका भेजना था वह भी ऐसे वक्त में जब देश में ही बहुत से सवाल किए जा रहे थे। 

हम आपको यह भी बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को फ्रांस, सिंगापुर, ओमान, स्लोवेनिया और मालदीव के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक कीं। जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ये नेता दिल्ली आए हुए हैं। जयशंकर ने ट्विटर पर कहा, ''फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना के साथ शानदार मुलाकात हुई। जी 20 की हमारी अध्यक्षता के लिए उनके समर्थन की सराहना करता हूं।” उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस वैश्विक और बहुपक्षीय मुद्दों पर अधिक निकटता से समन्वय करने पर सहमत हुए हैं। जयशंकर ने सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बाला से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच निरंतर मज़बूत हो रहे सहयोग को लेकर अच्छी बातचीत हुई।

जयशंकर ने ओमान के अपने समकक्ष बद्र अल बूसैदी से मुलाकात की और जी20 की विदेश मंत्रियों की बैठक और ‘रायसीना डायलॉग’ 2023 में उनकी भागीदारी को अहम बताया। जयशंकर ने कहा कि स्लोवेनिया की विदेश मंत्री टंका फजोन के साथ उनकी पहली मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही। उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद से भी मुलाकात की। इससे पहले जयशंकर ने क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों और जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठकों के अलावा चीन, रूस, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के साथ अहम द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।

-नीरज कुमार दुबे

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