मानव संसाधन विकास मंत्री ने IIT दल को कोविड-19 की किफायती जांच विकसित करने की दी बधाई
निशंक ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि प्रतिष्ठित संस्थान आगे आए हैं और उन्होंने उत्कृष्ट कार्य किया है। ये संस्थान कोविड-19 के कारण बने हालात से निपटने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि हमें अपनी खुद की क्षमता विकसित करनी होगी और हमें दुनिया पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।’’
नयी दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के वैज्ञानिकों के दल को कोविड-19 की किफायती जांच विकसित करने के लिए बधाई दी। कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए आईआईटी द्वारा विकसित तरीके को बृहस्पतिवार को आईसीएमआर से मंजूरी प्राप्त हो गयी। यह पद्धति देश की बड़ी आबादी के लिए इस जांच को किफायती बनाएगी। आईआईटी, दिल्ली रियल-टाइम पीसीआर आधारित परीक्षण पद्धति के लिए आईसीएमआर की मंजूरी पाने वाला पहला शिक्षण संस्थान बन गया है। यह खोज ऐसे समय में भी सामने आई है जब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने चीन निर्मित जांच किट के जरिये टेस्ट पर रोक लगा दी है क्योंकि इसके परिणामों में बहुत विसंगतियां हैं।
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निशंक ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि प्रतिष्ठित संस्थान आगे आए हैं और उन्होंने उत्कृष्ट कार्य किया है। ये संस्थान कोविड-19 के कारण बने हालात से निपटने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि हमें अपनी खुद की क्षमता विकसित करनी होगी और हमें दुनिया पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संस्थानों, खासकर आईआईटी के अनुसंधान कार्यों की क्षमता और उच्च मानकों के मद्देनजर महामारी की शुरुआत से ही आईआईटी संस्थानों के साथ बैठकें की गयीं ताकि वे कोविड-19 के संदर्भ में अपने अनुसंधान और नवोन्मेषी पहलों को बढ़ाएं।’’ निशंक ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली द्वारा विकसित किट न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाएगी, बल्कि संकट के इस समय में सरकार के लिए भी सहायक होगी।
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