श्रमिकों को वापस बुलाने की कोशिश में कंपनियां, हैदराबाद के बिल्डर ने अपने कामगारों को भेजा एयर टिकट

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अंकित सिंह । Jun 4 2020 4:44PM

कई चुनौतियों का सामना करने के बाद जब प्रवासी कामगार अपने गृह राज्य को लौटे तो उनके जुबान पर बस एक ही बात थी कि अब वे अपने राज्य में ही रहना चाहते हैं, अब कहीं नहीं जाना चाहते।

कोरोना संकट के दौरान लॉक डाउन की स्थिति में अपने अपने गृह राज्य को लौटे प्रवासी श्रमिकों को अब काम पर बुलाने की कोशिशें तेज हो गई है। 25 मार्च को देश में लागू हुए लॉक डाउन के दौरान लाखों की तादाद में प्रवासी श्रमिक कठिनाइयों का सामना करने के साथ अपने अपने गृह राज्य लौटने को मजबूर हुए थे। हालांकि वह छोड़ कर जाना तो नहीं चाहते थे परंतु काम और पैसे के अभाव के कारण उन्हें जाना पड़ा। अब कंपनियां उन्हें एक बार फिर से काम पर वापस बुलाने की जुगत में है। इसी कड़ी में हैदराबाद की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपने मजदूरों को वापस लाने के लिए फ्लाइट का इंतजाम कर दिया है। कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ने उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में रहने वाले मजदूरों को एयर टिकट भेजे है।

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कई चुनौतियों का सामना करने के बाद जब प्रवासी कामगार अपने गृह राज्य को लौटे तो उनके जुबान पर बस एक ही बात थी कि अब वे अपने राज्य में ही रहना चाहते हैं, अब कहीं नहीं जाना चाहते। उनकी यह बातें उन कंपनी के मालिकों को परेशान करने वाली थी जहां वे काम करते थे। प्रवासी कामगारों के गृह राज्य लौटने के कारण कई कंपनियों में कामगारों की कमी हो गई है। अब लॉक डाउन खुल रहा है। धीरे-धीरे कंपनियों में कामकाज भी शुरू हो रहे हैं। ऐसे में कंपनियों के पास काम करने वाले लोगों की आभाव है। कंपनियां अपने पुराने कामगारों को तरह-तरह का आश्वासन देने के साथ उन्हें अपने खर्चे से वापस भी बुलाना चाहती हैं। एक सूत्र ने बताया कि हैदराबाद के ऐसे कई बिल्डर है जो मजदूरों को एसी ट्रेन का टिकट करा कर काम पर बुला रहे हैं। कंपनियों द्वारा श्रमिकों को फ्लाइट से बुलाने के कारण श्रमिकों का अपने कंपनियों पर विश्वास बढ़ेगा जो लॉक डॉन के दौरान खत्म हो गया था।

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एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपने मजदूरों को एयर टिकट का लालच देकर उन्हें वापस बुलाया है। प्रत्येक टिकट के लिए उसे 5 से 7 हजार खर्च करने पड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह मजदूर झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से लाए जाएंगे। श्रमिकों के पलायन के बाद हैदराबाद में काम करने वाले लोगों की भारी कमी हो गई है। माना जा रहा है कि 50 फ़ीसदी श्रमिक अपने घर को चले गए हैं। प्रेस्टीज ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट आर सुरेश कुमार ने दावा किया है कि उन्होंने मजदूरों को वापस बुलाने के लिए फ्लाइट की बुकिंग शुरू कर दी है। सारे कांट्रैक्टर्स को यह बात कह दिए गए हैं कि वे मजदूरों को फ्लाइट से वापस बुलाए। आपको बता दें कि प्रेस्टीज ग्रुप के 3 प्रोजेक्ट इस वक्त हैदराबाद में चल रहे है।

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लॉक डाउन के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासियों की गृह राज्य लौटने का जो सिलसिला शुरू हुआ तो वह महीनों तक चलता रहा। सरकार को मजबूरी में श्रमिक ट्रेन की व्यवस्था करनी पड़ी। राज्य सरकारों को आदेश दिए गए कि कोई भी श्रमिक के पैदल चलता हुआ ना दिखाई दे। सरकारें उन्हें बस से अपने एक बॉर्डर से दूसरे बॉर्डर पर भेजने लगी। फिर भी ऐसी कई भयावह तस्वीरें सामने आई जब मजबूरी और लाचार के मारे प्रवासी बिना चप्पल और बिना खाए पिए अपने गृह राज्य को लौट रहे थे। उनके सपने टूटे हुए थे और वह सिर्फ अपने घर को लौटना चाहते थे। हालांकि अनलॉक वन में अब धीरे-धीरे काम की शुरुआत हो रही है। कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों में धैर्य बन रहा है और वे अब काम पर लौटना भी चाहते हैं।

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