नाराज येदियुरप्पा इस्तीफा देने को हैं तैयार, जानें पूरा मामला
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और लिंगायत धर्मगुरु स्वामी वाचानंद के बीच मंच पर कहासुनी हो गई। जिसके बाद येदियुरप्पा ने कहा कि वह मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं। मैं सत्ता का आदी नहीं हूं।
बेंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और लिंगायत धर्मगुरु स्वामी वाचानंद के बीच मंच पर कहासुनी हो गई। जिसके बाद येदियुरप्पा ने कहा कि वह मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं। मैं सत्ता का आदी नहीं हूं। दरअसल, मंगलवार को लिंगायतों के पंचमाली संप्रदाय से संबंधित धर्मगुरु स्वामी वाचानंद ने मांग की कि एक विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए, नहीं तो उन्हें समुदाय के क्रोध का सामना करना पड़ेगा। स्वामी वाचानंद की इन बातों से येदियुरप्पा भड़क गए और कुर्सी से खड़े हो गए।
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हालांकि बाद में वहां मौजूद लोगों और स्वामी वाचानंद के समझाने के बाद येदियुरप्पा समझ गए और उन्होंने अपनी मजबूरी बताई कि आखिर क्यों वह विधायक मुरुगेश निरानी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं कर सकते।
कर्नाटक में सरकार बनना मुश्किल था
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपनी मजबूरी समझाते हुए कहा कि उपचुनावों के बाद अगर मैं नए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करता तो कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनाना मुश्किल था। कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए 17 विधायकों ने इस्तीफा दिया था। येदियुरप्पा ने आगे कहा कि उनके त्याग और पंचमसाली मठ के आशीर्वीद से मुख्यमंत्री बना हूं। ऐसे में या तो आप मेरे कार्यकाल के बचे हुए 3 सालों को सफलतापूर्वक पूरा करने में मेरी सहायता करें, अन्यथा मैं कुर्सी का त्याग कर दूंगा और घर चला जाऊंगा।
Karnataka CM BS Yediyurappa:17 legislators had quit for me to become CM. It's their sacrifice&Panchamasali Mutt's blessings with which I've become CM. You can suggest me how to govern for 3 yrs, but if you aren't willing to accept my request then I'm ready to quit&go home.(14.01) https://t.co/IK0GmNJB7S pic.twitter.com/K3LbzcWPrV
— ANI (@ANI) January 15, 2020
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