प्रतीकात्मक कुंभ करने की वजह से मुझे सीएम पद से हटाया गया, यह गलत है: त्रिवेंद्र सिंह रावत

Trivendra Singh
अंकित सिंह । May 11 2021 6:21AM

आपको बता दें कि यह बातें खूब घूम रही थी कि त्रिवेंद्र सिंह रावत कोरोना के मध्य नजर कुंभ को सांकेतिक रखना चाहते थे इसकी वजह से साधु समाज उनके खिलाफ था। यही कारण रहा इस साधु समाज ने पार्टी आलाकमान पर दबाव डालना शुरू किया।

मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के लगभग 2 महीने से ज्यादा वक्त के बाद उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन कयासों को भी खारिज किया जिसमें यह कहा जा रहा था कि कुंभ मेले के आयोजन में उनकी सरकार की भूमिका से साधु नाराज थे जिसकी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया। यह ऐसा पहला मौका है जब मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुलकर बात की है। रावत ने साफ तौर पर कहा कि साधु समाज की नाराजगी वाली बात तथ्यपूर्ण ही नहीं है। आपको बता दें कि यह बातें खूब घूम रही थी कि त्रिवेंद्र सिंह रावत कोरोना के मध्य नजर कुंभ को सांकेतिक रखना चाहते थे इसकी वजह से साधु समाज उनके खिलाफ था। यही कारण रहा इस साधु समाज ने पार्टी आलाकमान पर दबाव डालना शुरू किया।

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रावत ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि साधु समाज मुझसे नाराज था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर स्थिति इतनी गंभीर रही कि अखाड़े भी उससे वाकिफ रहे हैं। कुंभ मेले के आयोजन के लिए जो भी उचित स्वरूप हो सकता था उस पर साधु-संत राजी थे। रावत ने यह भी दावा किया कि इस मसले को लेकर साधु समाज के साथ उनकी कई बैठकें भी की गई थी। रावत ने कहा कि मेरे और मेरे कैबिनेट के सहयोगियों के साथ साधु संत और अखाड़ों के लोगों के साथ कई दौर की बैठक हुई थी। अखाड़ा के सदस्यों को कुंभ से जुड़े हर विवरण पर अपडेट दिया गया था और उन्होंने कभी कोई नाराजगी नहीं जताई थी। रावत ने आगे कहा कि वास्तव में उन्होंने लिखित में दिया था कि वह कुंभ के किसी भी प्रारूप को स्वीकार करेंगे क्योंकि वह भी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की संख्या से अवगत है। रावत ने आगे कहा कि हम केंद्र द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने भी प्रतीकात्मक कुंभ की अवधारणा पर संतोष जताया था। 

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आमतौर पर कुंभ की शुरुआत जनवरी में मकर संक्रांति पर होता है और 4 महीने तक जारी रहता है। फरवरी के अंत में कई दौर की विचार-विमर्श के बाद यह घोषणा भी की गई थी कि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ मनाया जाएगा। इस अवधि में अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार लगभग 91 लाख भक्त हरिद्वार में डुबकी लगाने के लिए आ सकते थे। हालांकि मार्च की शुरुआत में ही तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री बना दिया गया। मुख्यमंत्री बनने के साथ ही तीरथ सिंह रावत ने ऐलान किया था कि कुंभ में सभी का स्वागत है। हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्ट कहा कि कुंभ में आने के पहले आपको आरटी पीसीआर टेस्ट का नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना होगा। 10 मार्च को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर पहली बार शाही स्नान के दिन हरिद्वार का तीरथ सिंह रावत में दौरा भी किया था।

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