राममंदिर पर केंद्र अगर अध्यादेश लाने से करता है इनकार तो हम उठाएंगे अगला कदम

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[email protected] । Dec 8 2018 7:10PM

रामजन्मभूमि आंदोलन की फायरब्रांड साध्वी ऋतंभरा ने साफ तौर पर कहा कि अगर केंद्र राम मंदिर पर शीघ्र अध्यादेश लाने से इनकार करता है तो अगला कदम जो भी तय होगा, उठाया जाएगा।

नई दिल्ली (प्रेस विज्ञप्ति)। रामजन्मभूमि आंदोलन की फायरब्रांड साध्वी ऋतंभरा ने साफ तौर पर कहा कि अगर केंद्र राम मंदिर पर शीघ्र अध्यादेश लाने से इनकार करता है तो अगला कदम जो भी तय होगा, उठाया जाएगा। उन्होंने इसपर विस्तार से कुछ भी नहीं बताया। साध्वी इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों के जवाब दे रही थीं। इस शो का प्रसारण आज रात 10 बजे इंडिया टीवी पर किया जाएगा। 

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जब साध्वी को यह बताया गया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कह चुके हैं कि संसद के आनेवाले शीतकालीन सत्र में अध्यादेश नहीं लाया जा सकता,  तो साध्वी ने कहा: 'सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए, कैसे लाएगी उसका रास्ता तलाशना चाहिए। हम आग्रह कर रहे हैं लाइये, आप इतनी बड़ी ताकत में हैं। केंद्र में मोदी जी, उत्तर प्रदेश में योगी जी हैं। अगर अभी मंदिर नहीं बनेगा, तो कब मंदिर बनाएंगे?हमें आशा है, हमारी बात मानी जाएगी। नहीं मानी जाएगी तो अगला कदम जो भी होगा, उठाया जाएगा।' 

यह पूछे जानेपर कि  क्या 1992 में हुए राम जन्मभूमि आंदोलन की तर्ज पर नए आंदोलन की शुरुआत होगी, साध्वी ने कहा: 'मुझे लगता है वैसे आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार और न्याय व्यवस्था को यह देखना चाहिए कि वे आस्थाओं की कद्र करें, जल्द निर्णय लें और हार्दिक वातावरण में रामलला को भव्य मंदिर में बिठाएं। आंदोलन करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।'

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साध्वी ऋतम्भरा, जो अपने उत्तेजक भाषणों के लिए प्रसिद्ध हैं और बाबरी विध्वंस केस में आरोपी भी हैं, ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए  राम मंदिर के निर्माण की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के रुख ने इस मांग को हवा दे दी है। 

सरकार पर राम मंदिर बनाने के दबाव के पीछे चुनाव नहीं है। इसके पीछे का कारण सब जानते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा राम मंदिर हमारी प्राथमिकता नहीं है, यह विषय चित्त को व्याकुल कर गया। आपने समलैंगिकों की भावनाओं की कद्र कर ली, हमारी भावना क्या इतनी गई- बीती है कि आपके लिए प्राथमिकता नहीं बनी।'

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साध्वी ऋतंभरा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने नागपुर रैली में कभी यह नहीं कहा कि अगर मंदिर नहीं बना तो अयोध्या में सरयू नदी लाल हो जाएगी। मैंने कहा था कि रामलला के लिए सरयू का पानी लाल किया गया था जब कारसेवकों पर गोली चली थी। मैंने कहा अगर अब फिर बलिदान देना पड़े तो बलिदान दो, लेकिन कबतक? 70 पीढ़ियां बलिदान की बेदी पर चढ़ गई पर रामलला अभी भी टेंट के नीचे विराजमान हैं। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि अयोध्या विवाद की सुनवाई में देरी की वजह से हिंदू तेजी से अपना धैर्य खो रहे हैं। हिंदू अब अपना धैर्य खो रहे हैं यह देश राघवेंद्र का है, बाबर का नहीं। किसी भी भारतीय का बाबर से कोई संबंध नहीं है। राघवेंद्र के देश में बाबर की ही आरती अगर उतरती रहेगी तो धैर्य कबतक रहेगा? ज्यादा रगड़ा जाता है तो चंदन में भी आग पैदा हो जाती है।

राजस्थान कांग्रेस के नेता सी.पी. जोशी की इस टिप्पणी पर कि जब राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे तब राम मंदिर बनेगा। साध्वी ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्हें रामसेतु पर संदेह था। जो पूछते थे भगवान राम कौन से कॉलेज से डिग्री हासिल कर लाए। उसका प्रमाण मांग रहे थे। जो राम के होने पर ही संदेह करते हैं वो राम मंदिर क्या बनाएंगे? लेकिन अगर हृदय परिवर्तित होता है तो इससे बढ़कर अच्छी बात क्या हो सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा और शिवभक्त बनने के सवाल पर साध्वी ने कहा कि मुझे तो बहुत अच्छा लगता है। आज से 20-25 साल पहले हिंदुओं को गाली देकर राजनीति की जाती थी, अब आज अपने को हिंदू बताने का प्रयत्न है। यह बहुत सुंदर है।

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राहुल गांधी द्वारा अपना 'गोत्र' बताये जाने पर साध्वी ने कहा कि हमारे गोत्र, हमारी जाति हमारे कर्मों से सिद्ध होते हैं। कर्म ऐसे होने चाहिए जिससे हमारी प्रामाणिकता सिद्ध हो, देश के उत्कर्ष के लिए। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की इस टिप्पणी पर कि अगर अयोध्या में मुस्लिम मान गए तो फिर इसी तरह की मांग मथुरा और वाराणसी के लिए भी होगी, साध्वी ने कहा, 'इसका मतलब वो मान रहे हैं कि इन तीन स्थानों के नीचे भी मंदिर थे। देश में हजारों मंदिर ऐसे हैं जिन्हें ध्वस्त कर इस तरह के कार्य किए गए। जब 1991 में हमारा आंदोलन शुरू हुआ था, तो हमने इन तीन पवित्र स्थानों का ही मुद्दा उठाया था।'

ये तीनों हमारी आस्था के केंद्र बिंदु हैं। जब-जब लोग वहां जाते हैं, मन कहीं आहत होता है। हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल ने सोमनाथ में जो किया, वैसा ही करना चाहिए रामजन्मभूमि के लिए। अभी इन तीन स्थानों को कराएं, आगे की कोई बात करनेवाला नहीं है।

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