अगर शिवसेना (उबाठा) गठबंधन को लेकर गंभीर है तो आदित्य को राज ठाकरे से मिलना चाहिए: मनसे नेता

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने इस बात का संकेत देने वाले बयान देकर संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है कि वे ‘‘छोटे-मोटे मुद्दों’’ को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटु मतभेद के बाद हाथ मिला सकते हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता प्रकाश महाजन ने कहा है कि अगर शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर वाकई गंभीर है तो उसके नेता आदित्य ठाकरे को आगे आकर राज ठाकरे से मिलना चाहिए।
महाजन ने बुधवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना (उबाठा) में ‘‘उचित’’ कद के किसी नेता को संभावित गठबंधन पर चर्चा के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के पास जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी कनिष्ठ नेता को बातचीत के लिए भेजा जाता है तो राज ठाकरे भी किसी कनिष्ठ पदाधिकारी को भेजेंगे।
महाजन ने कहा, ‘‘अगर गठबंधन करना है तो आदित्य ठाकरे को आगे आना चाहिए और राज साहेब के विचारों को समझना चाहिए। अगर आदित्य ठाकरे (बातचीत के लिए) आगे आते हैं तो दोनों पक्ष गंभीरता को समझेंगे। मराठी लोगों में एक साथ आने की भावना है।’’
राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे हैं और राज ठाकरे उनके चाचा हैं। आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि अगर कोई महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए साथ आना चाहता है तो ‘‘हम भी उन्हें साथ लेकर चलेंगे।’’
महाजन ने कहा कि राजनीतिक रूप से अलग हुए ठाकरे भाइयों (उद्धव एवं राज ठाकरे) के साथ आने के इस प्रयोग में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने (मनसे) 2014 और 2017 में यह प्रयोग किया था। अगर वे गंभीर हैं, तो इस संबंध में नेतृत्व करने में कोई समस्या नहीं है।’’
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने इस बात का संकेत देने वाले बयान देकर संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है कि वे ‘‘छोटे-मोटे मुद्दों’’ को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटु मतभेद के बाद हाथ मिला सकते हैं।
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