दिल्ली में NGT आदेश की अनदेखी पड़ी भारी, कंक्रीट से सील किए गये पेड़ हुए कमजोर, बारिश में ले ली जान

दिल्ली में भारी बारिश के बाद 25 से अधिक पेड़ उखड़ गए, जिसमें कालकाजी रोड पर एक हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पर्यावरणविदों का कहना है कि पेड़ों के इर्द-गिर्द कंक्रीट का इस्तेमाल उनकी जड़ों को कमजोर कर रहा है। यह अनियंत्रित शहरीकरण दिल्ली की हरियाली और पेड़ सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
दिल्ली में बृहस्पतिवार को हुई भारी बारिश से न केवल सड़कों पर पानी भर गया और यातायात प्रभावित हुआ, बल्कि इससे शहर की हरियाली पर भी असर पड़ा क्योंकि दिन में 25 से अधिक पेड़ उखड़ गए। ऐसा ही एक हादसा व्यस्त कालकाजी रोड के बीच हुआ जहां एक पेड़ उखड़कर कार पर गिरने से 50-वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गयी। वह जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। पर्यावरणविदों का कहना है कि इसका बड़ा कारण पेड़ों के इर्द-गिर्द कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाना है।
इनका कहना है कि राजधानी में फुटपाथ और सड़क के बीच के हिस्से को अक्सर पेड़ों के तने तक कंक्रीट से सील कर दिया जाता है, हालांकि इस प्रक्रिया का उद्देश्य साफ-सफाई और टिकाऊपन बढ़ाना है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पेड़ों को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिला पाता और वे समय के साथ कमजोर हो जाते हैं। सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार अलेडिया ने कहा, पेड़ों के बार-बार उखड़ने के पीछे मुख्य कारण (इनके इर्द-गिर्द) कंक्रीट का इस्तेमाल है।
एलेडिया ने कहा, ‘‘हम बचपन से ही इसके नुकसान के बारे में सुनते आ रहे हैं, लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया गया है। एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने आदेश दिया है कि दिल्ली में पेड़ों को नहीं काटा जाना चाहिए, लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं है। अगर आप गौर करें तो यहां कई पेड़ों की छालें काली पड़ गई हैं जो इस बात का संकेत है कि उन्हें पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं।’’ ग्रीनपीस इंडिया के जलवायु एवं ऊर्जा अभियानकर्ता आकिज फारूक ने कहा कि पेड़ों को काटे बिना भी इर्द-गिर्द कंक्रीट भरकर उन्हें धीरे-धीरे नष्ट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप देखेंगे कि पार्कों या जंगलों में पेड़ शायद ही कभी गिरते हैं, (लेकिन) सड़क किनारे लगे पेड़ (जिनकी जड़ें फुटपाथों के नीचे दबी होती हैं) गिर जाते हैं। कंक्रीट का ऐसा इस्तेमाल जड़ों को कमजोर कर देता है, उनकी वृद्धि को रोकता है और पानी एवं ऑक्सीजन तक उनकी पहुंच अवरुद्ध कर देता है।’’ एनजीटी के 2013 के आदेश में अधिकारियों को पेड़ों के चारों ओर एक मीटर के दायरे से कंक्रीट हटाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन एक दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसका क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो पाया है। दिल्ली स्थित पर्यावरणविद् वी. खन्ना ने बताया कि पेड़ के आधार के चारों ओर सीमेंट से पक्का कर देने से पानी और हवा अवरुद्ध हो जाती है तथा यह तने को फैलने से रोक देता है।
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