Goa Nightclub Fire Case : लूथरा ब्रदर्स को पटियाला हाउस कोर्ट में किया गया पेश, पछतावे के सवाल पर जोड़े हाथ

पटियाला हाउस कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट ट्विंकल चावला के समक्ष पेश किया गया। जब पत्रकारों ने गौरव लूथरा से पूछा कि क्या उन्हें पछतावा है, तो उन्होंने हाथ जोड़ लिए।
थाईलैंड से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद गोवा अग्निकांड के आरोपी गौरव और सौरभ लूथरा को ट्रांजिट रिमांड के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट ट्विंकल चावला के समक्ष पेश किया गया। जब पत्रकारों ने गौरव लूथरा से पूछा कि क्या उन्हें पछतावा है, तो उन्होंने हाथ जोड़ लिए।
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जांचकर्ताओं का आरोप है कि नाइटक्लब द्वारा अनिवार्य अग्नि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के कारण यह घटना और भी गंभीर हो गई। इस घटना ने प्रबंधन द्वारा कथित अग्नि सुरक्षा उल्लंघनों और चूक पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। गौरव और सौरभ अपने नाइटक्लब में आग लगने के कुछ घंटों बाद, सात दिसंबर को तड़के फुकेत भाग गए, जिसके चलते इंटरपोल का ‘ब्लू कॉर्नर’ नोटिस जारी किया गया और उनके पासपोर्ट रद्द कर दिए गए। भारत सरकार के अनुरोध के बाद 11 दिसंबर को थाईलैंड के अधिकारियों ने फुकेत में दोनों को हिरासत में ले लिया। भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच कानूनी संधियों के तहत उन्हें निर्वासित करने के लिए थाईलैंड के अधिकारियों के साथ समन्वय किया। दिल्ली की एक अदालत ने 11 दिसंबर को लूथरा बंधुओं की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं थी।
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना ने लूथरा बंधुओं के खिलाफ लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया गंभीर बताया और उनके आचरण की कड़ी आलोचना की। अदालत ने पुलिस जांच पर गौर किया कि लूथरा बंधुओं ने आग लगने के एक घंटे बाद फुकेट के लिए टिकट बुक कर लिए थे। शुरुआत में इस तथ्य को उनके वकील ने गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध करते समय छिपाया था। न्यायाधीश ने कहा कि घटना के तुरंत बाद वहां से चले जाना कानूनी प्रक्रिया से बचने का स्पष्ट प्रयास था।
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