UNGA की आपात बैठक में भारत ने कहा, यूक्रेन में केवल वार्ता से हो सकते हैं सभी मसले हल

तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन में बदतर होते हालात को लेकर भारत बेहद चिंतित है। हम हिंसा तत्काल रोकने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रूस और यूक्रेन के नेतृत्व के साथ अपनी हालिया बातचीत में इसकी जोरदार वकालत की थी।
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘ हम सभी मतभेदों को सच्ची, ईमानदार और निरंतर बातचीत के माध्यम से दूर करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत, यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल हैं।’’ तिरुमूर्ति ने मानवीय जरूरतों को तुरंत पूरा किए जाने की बात पर भी जोर दिया। भारत ने सोमवार को यूक्रेन में मानवीय सहायता भेजने का फैसला भी किया। साथ ही, भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद करने वाले यूक्रेन के पड़ोसी देशों का शुक्रिया भी अदा किया।I'd like to thank all neighbouring countries of Ukraine who have opened their borders for our citizens&given all facilities to our missions &their personnel. We stand ready to help those from our neighbours & developing countries who may seek assistance: India at UNGA on #Ukraine pic.twitter.com/dYX9a7GB7y
— ANI (@ANI) March 1, 2022
इस बीच, यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में उत्पन्न गंभीर मानवीय स्थिति का मुद्दा उठाया। तिरुमर्ति ने कहा, ‘‘ यूक्रेन में गंभीर मानवीय स्थिति उत्पन्न हो गई है। संघर्ष के ऐसे समय में, नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा तथा कुशलक्षेम को भारत सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। हमारा मानना है कि मानवीय सहायता के मूल सिद्धांतों का पूरी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए।’’ इससे पहले, यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा का “आपातकालीन विशेष सत्र” आहूत करने को लेकर सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में भारत ने भाग नहीं लिया था।
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