गोवा में आरएसएस और भाजपा के बीच बढ़ी तकरार

मुख्यमंत्री पारसेकर ने हाल ही में दिल्ली में शाह से मुलाकात के दौरान आरएसएस की गोवा इकाई के प्रमुख सुभाष वेलिंगकर को पद से हटाकर किसी और को नियुक्त करने की मांग कर डाली है।

पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच मुलाकात की खबरें आने के बाद स्कूलों में अध्ययन के माध्यम के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सत्ताधारी भाजपा के बीच पहले से जारी तकरार और बढ़ गई है। बताया जाता है कि इस मुलाकात में पारसेकर ने शाह से मांग की कि आरएसएस की गोवा इकाई के प्रमुख को पद से हटाया जाए। स्कूलों में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा की मांग कर रहे आरएसएस ने अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को अनुदान दिए जाने को लेकर राज्य सरकार के रूख का विरोध किया है।

खबरों के मुताबिक, पारसेकर ने हाल ही में दिल्ली में शाह से मुलाकात के दौरान आरएसएस की गोवा इकाई के प्रमुख सुभाष वेलिंगकर को पद से हटाकर किसी और को नियुक्त करने की मांग कर डाली है। भारतीय भाषा सुरक्षा मंच (बीबीएसएम) सिर्फ उन्हीं स्कूलों को अनुदान दिए जाने की मांग कर रहा है, जो अध्ययन के माध्यम के तौर पर क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं। वेलिंगकर ने अध्ययन के माध्यम के मुद्दे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘भाजपा का संघ पर कोई नियंत्रण नहीं है क्योंकि यह एक स्वतंत्र संगठन है। ऊपर से लेकर नीचे तक किसी भी भाजपा नेता में आरएसएस के नेताओं को छूने तक की हिम्मत नहीं है। आरएसएस एक स्वतंत्र संगठन है। भाजपा संघ में नियुक्तियों या बदलावों को संचालित नहीं कर रही है।’’ दिलचस्प ये है कि वेलिंगकर ने हाल ही में इस मुद्दे पर भाजपा की अगुवाई वाली सरकार की आलोचना करते हुए लोगों से अपील की थी कि ‘‘चुनाव के दौरान इन लोगों (भाजपा) को अपने दरवाजे पर न आने दें।’’

पारसेकर और शाह के बीच हुई मुलाकात के बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में आरएसएस नेता ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। एक अन्य आरएसएस नेता राजू सुकेरकर ने कहा, ‘‘वेलिंगकर इतने बड़े संगठन के नेता हैं कि कोई उनके पद को हाथ नहीं लगा सकता। उनके खिलाफ किसी के बोलने से संघ में वेलिंगकर के कद पर कोई असर नहीं पड़ता।’’

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