भारत वैश्विक कार्यस्थल की मांगों को पूरा करने के लिए कदम उठा रहा: जयशंकर

S Jaishankar
ANI

जयशंकर ने कहा, वर्तमान में आवागमन को मुख्यतः उत्प्रवास अधिनियम 1983 द्वारा विनियमित किया जाता है, जिसे किसी विशेष युग में किसी विशेष भूगोल की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया था।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत वैश्विक कार्यस्थल की मांगों को पूरा करने और लोगों के वैध आवागमन को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयासों के तहत 1983 के उत्प्रवास अधिनियम में संशोधन करने पर विचार कर रहा है।

जयशंकर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत कानूनी आवागमन को बढ़ावा दे तथा गैर-कानूनी आवागमन पर रोक लगाए। विदेश मंत्री ‘ग्लोबल एक्सेस टू टैलेंट फ्रॉम इंडिया’ (जीएटीआई) फाउंडेशन के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, स्वाभाविक रूप से यह मुद्दा है कि हम लाभ को अधिकतम करने के लिए वैश्विक कार्यस्थल की मांगों के साथ किस प्रकार समायोजन करते हैं। जयशंकर ने कहा, वर्तमान में आवागमन को मुख्यतः उत्प्रवास अधिनियम 1983 द्वारा विनियमित किया जाता है, जिसे किसी विशेष युग में किसी विशेष भूगोल की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया था।

उन्होंने कहा, हालांकि, समय बदल गया है और हमारे दृष्टिकोण का विस्तार हुआ है। हमें कमजोर लोगों को ध्यान में रखते हुए नई संभावनाओं के प्रति अधिक जागरूक और प्रोत्साहित होने की आवश्यकता है। विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर फिलहाल विचार कर रही है।

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