2022 में भारत करेगा अंतरिक्ष की दुनिया पर राज, इसरो चीफ ने बताया स्पेस सेक्टर का पूरा प्लान

ISRO
अभिनय आकाश । Jan 4 2022 6:37PM

इसरो की 2022 को लेकर बेहतरीन तैयारियां इसलिए है क्योंकि ऐसे कई मिशन थे जो कोरोना महामारी की वजह से प्रभावित हुए। इसरो ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि 2022 में अंतरिक्ष की दुनिया में नए युग की शुरुआत होगी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कई ऐसे कारनामें कर दिखाए हैं जिन्हें देखकर दुनिया दंग रह गई है। साइकिल से रॉकेट को ले जाने से लेकर एक साथ कई सैटेलाइट को अतरंक्षि में कम खर्च पर लॉन्च करना। इसरो ने कई बार इतिहास बनाया और रचा है इसलिए पूरी दुनिया उस पर भरोसा करती है। ऐसे में 2022 को लेकर इसरो की क्या प्लानिंग है? इसरो की 2022 को लेकर बेहतरीन तैयारियां इसलिए है क्योंकि ऐसे कई मिशन थे जो कोरोना महामारी की वजह से प्रभावित हुए। इसरो ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि 2022 में अंतरिक्ष की दुनिया में नए युग की शुरुआत होगी। इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने स्वीकार किया है कि कोरोना महामारी के प्रभाव के चलते पिछले साल 2021 में संस्थान में बहुत कम काम हुआ।

उड़ान के लिए बिल्कुल तैयार है गगनयान

भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने के लिए गगनयान बिल्कुल तैयार है। ये इसरो का पहला मानवरहित प्रक्षेपण है। इसलिए इसे एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। 

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तीन नए मिशन की तैयारी

तीन नये अंतरिक्ष मिशनों: दिशा, शुक्र मिशन और इसरो -सीएनईएस संयुक्तमिशन ‘त्रृष्णा’ पर काम चल रहा है। भारत की महत्वपूर्ण गगनयान परियोजना ने अपने डिजायन चरण को पूरा कर लिया है और वह अब परीक्षण के चरण में कदम रख चुकी है। सिवन ने कहा, ‘‘ भारत की आजादी की 75वी वर्षगांठ(15 अगस्त, 2022) से पहले प्रथम मानवरहित मिशन को प्रक्षेपित करने का निर्देश है तथा सभी संबंधित पक्ष इस समयसीमा को पूरा करने के लिए जी-जान से कोशिश कर रहे हैं।  

30 से अधिक नैव आईसी अधारित मोबाइल  

जीएसएलवी एफ 10 मिशन क्रायोजेनिक चरण विसंगति के चलते विफल हो गया और इस संबंध में जो राष्ट्रस्तरीय विश्लेषण समिति बनायी गयी उसने उसके मूल कारण की पहचान की एवं अपनी सिफारिशें दी हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित प्रणाली को और दुरूस्त बनाने के लिए जरूरी डिजायन संबंधी बदलाव किये जा रहे हैं। अंतरिक्ष अनुप्रयोग क्षेत्र में इसरो ने भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र, भारत का मरूस्थलीकरण एवं भू-क्षरण एटलस, राष्ट्रीय जल योजना के तहत जल-सूचना उत्पादों का प्रसार तैयार किया एवं आपदा प्रबंधन गतिविधियों में सहयोग प्रदान किया। सिवन ने कहा कि नौवहन क्षेत्र में 30 से अधिक नैव आईसी अधारित मोबाइल भारतीय बाजार में जारी किये गये तथा सभी मोबाइल चिपसेट विनिर्माताओं ने नैवआईसी आधारित चिपसैट जारी किये हैं।  

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