Kashmir के बाद अब Mizoram में गूँजेगी रेल की सीटी, देश के कोने-कोने को Rail Network से जोड़ रहे PM Modi

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हम आपको बता दें कि इस रेल मार्ग के चालू होने के बाद लोग सिलचर के रास्ते ट्रेन से आइजोल की यात्रा कर सकेंगे और राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता, पहाड़ियों और घने जंगलों का आनंद ले सकेंगे। मिजोरम को ‘‘पहाड़ी लोगों की भूमि’’ के रूप में जाना जाता है।

मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय रेल उन स्थलों तक भी पहुँची है जहां रेलवे का सपना तो बहुत पहले देखा गया लेकिन उसे पूरा करने की दिशा में पहले की सरकारों ने कोई बड़े कदम नहीं उठाये थे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब पुल का उद्घाटन किया था जिससे कश्मीर घाटी का राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ने का सपना पूरा हुआ। अब सुदूर पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम की राजधानी आइजोल को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए निर्धारित 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेल लाइन भौगोलिक और साजोसामान से जुड़ी चुनौतियों को पार करते हुए बन कर तैयार हो चुकी है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक अधिकारी ने कहा है, ‘‘रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएसआर) की मंजूरी के साथ यह लाइन तैयार है और बहुत जल्द प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।’’

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हम आपको बता दें कि इस रेल मार्ग के चालू होने के बाद लोग सिलचर के रास्ते ट्रेन से आइजोल की यात्रा कर सकेंगे और राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता, पहाड़ियों और घने जंगलों का आनंद ले सकेंगे। मिजोरम को ‘‘पहाड़ी लोगों की भूमि’’ के रूप में जाना जाता है। अधिकारियों ने कहा कि इस लाइन के पूरा होने से मिजोरम पूर्वोत्तर का चौथा राज्य बन गया है, जिसकी राजधानी राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ी गई है। हम आपको बता दें कि इस लाइन में 12.853 किलोमीटर लंबी 48 सुरंग, 55 बड़े और 87 छोटे पुल, पांच सड़क ओवरब्रिज और नौ सड़क अंडरब्रिज हैं। इनमें से एक पुल की ऊंचाई 104 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर अधिक है। नयी लाइन से मिजोरम के लोगों को न केवल बेहतर परिवहन और सुगमता का लाभ मिलेगा, बल्कि इससे क्षेत्र से आवाजाही में भी वृद्धि होगी। साथ ही स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, इस अभूतपूर्व परिचालन से वाणिज्यिक गतिविधियों, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और पूर्वोत्तर के राज्यों में ट्रेन संपर्क मजबूत होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा स्टेशनों और माल शेड के पास छोटे-छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।

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