Uri में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, Samba Border में रात का कर्फ्यू, Kulgam Operation अब अंतिम चरण में

जम्मू के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो किलोमीटर के दायरे में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। यह कदम बीएसएफ के अभियानों में सहयोग और पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए उठाया गया है।
जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस से पहले आतंकवादियों और पाकिस्तान प्रायोजित घुसपैठ की कोशिशों के बीच सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। बुधवार को बारामूला जिले के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सेना ने घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी, लेकिन मुठभेड़ में एक वीर जवान शहीद हो गया। चुरुंडा इलाके में चल रहा यह अभियान अभी जारी है।
उधर, जम्मू के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो किलोमीटर के दायरे में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। यह कदम बीएसएफ के अभियानों में सहयोग और पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए उठाया गया है। आदेश के अनुसार, बिना वैध कारण आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा और नियम तोड़ने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। हम आपको बता दें कि यह वह इलाका है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान से आतंकवादी जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ के लिए करते हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न पक्षों से बातचीत के बाद यह फैसला लिया। हम आपको याद दिला दें कि पाकिस्तान की सीमा से सटे इस इलाके में इस साल जनवरी के पहले हफ्ते तक रात्रि कर्फ्यू लगा हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अभियानों में सहयोग देने और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए रात्रि कर्फ्यू की यह नई व्यवस्था की गई है। सांबा जिलाधिकारी आयुषी सूदन द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, ये प्रतिबंध अगले दो महीनों तक रोजाना रात 10 बजे से तड़के पांच बजे तक लागू रहेंगे, बशर्ते इन्हें पहले ही हटा न लिया जाए। आदेश के मुताबिक, “सीमा पर निगरानी बढ़ाने और रात के समय नागरिकों की आवाजाही को नियंत्रित कर गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय में यह निर्णय लिया गया है।” आदेश में बताया गया कि कर्फ्यू के दौरान किसी भी तरह की आवाजाही केवल वैध कारणों से ही की जा सकेगी और बीएसएफ या पुलिस कर्मियों द्वारा पूछे जाने पर व्यक्तियों को पहचान पत्र दिखाना होगा।
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इसी बीच, कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में पिछले 13 दिनों से चल रहा आतंकवाद रोधी अभियान अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस लंबी कार्रवाई में अब तक दो जवान शहीद हुए हैं और नौ घायल हुए हैं, जबकि दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं। यह हाल के वर्षों में कश्मीर घाटी में सबसे लंबा आतंकवाद रोधी अभियान है। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) वी.के. बिरदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अखल अभियान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है।’’ उन्होंने कहा कि अभियान का विवरण समय आने पर साझा किया जाएगा।
हम आपको बता दें कि पुलिस और सुरक्षा बल स्वतंत्रता दिवस से पहले घाटी में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू कर रहे हैं। श्रीनगर में ऊंची इमारतों से लेकर सड़कों तक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। दूसरी ओर, घुसपैठ, आतंकी ठिकानों की घेराबंदी और सीमाई इलाकों में कर्फ्यू, ये सब इस बात के गवाह हैं कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंक का सामना करने में भारतीय सुरक्षा बल चौबीसों घंटे मोर्चे पर डटे हैं।
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