बच्चों को खेलों के लिए करें प्रेरित: सुश्री गीतिका जाखड़

 Ms. Geetika Jakhar
दिनेश शुक्ल । Jun 22 2020 7:33PM

आज मीडिया सभी खेलों को बराबर तवज्जो देता है। हमारा देश क्रिकेट कंट्री है, क्रिकेट हमारी रगों में है लेकिन ऐसी ही फीलिंग हम अन्य खेलों के प्रति भी हम महसूस करने लगें तो अन्य खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा।

भोपाल। अर्जुन अवार्ड से सम्मानित पहली महिला पहलवान सुश्री गीतिका जाखड़ ने माता-पिता से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को खेलने के लिए अवश्य प्रेरित करें। भले ही खेलों को अपना प्रोफेशन न बनाएं लेकिन पढ़ाई के साथ एक खेल अवश्य खेलना चाहिए। बच्चे यदि पढ़ाई के साथ खेल खेलते हैं तो वह पढ़ाई में भी अच्छा कर पाएंगे। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल की ओर से आयोजित ऑनलाइन व्याख्यानमाला ‘स्त्री शक्ति संवाद’ में ‘खेल और मीडिया’ विषय पर चर्चा करते हुए सुश्री गीतिका जाखड़ ने कहा कि आज 21वीं सदी में बेटे और बेटियों के बीच कोई फर्क नहीं है। बेटियों को भी खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी विदेशों में जीत के बाद जब अपने देश का झंडा फहराते हैं, तब उन्हें जो खुशी और संतोष मिलता है वह किसी अन्य चीज से नहीं मिल सकता।

इसे भी पढ़ें: हमें बुरा देखने से बचना चाहिए : डॉ. नंदा

उन्होंने कहा कि कुश्ती पुरुष प्रधान खेल नहीं है। महिला खिलाड़ी भी अब आगे आ रही हैं। महिला और पुरुष दोनों खिलाड़ियों को बराबर सुविधाएँ मिलती हैं। कुश्ती संघ भी दोनों को एक ही तरह से ट्रीट करता है। उन्होंने कहा कि खेलों पर आधारित फिल्मों से लोगों में खेलों के प्रति रुझान बढ़ता है। आज मीडिया सभी खेलों को बराबर तवज्जो देता है। हमारा देश क्रिकेट कंट्री है, क्रिकेट हमारी रगों में है लेकिन ऐसी ही फीलिंग हम अन्य खेलों के प्रति भी हम महसूस करने लगें तो अन्य खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलों में ज्यादा मेहनत लगती है, यह पढ़ाई जितना आसान नहीं है। सुबह उठकर हर मौसम में मेहनत करना पड़ती है और प्रैक्टिस में समय लगाना पड़ता है।

इसे भी पढ़ें: लोक संस्कृति से होती है देश की पहचान, भोपाल के पत्रकारों की सांस्कृतिक समझ अच्छी: मालिनी अवस्थी

अपने अनुभव बांटते हुए उन्होंने कहा कि पिता की इच्छा थी कि वह किसी खेल में जाए। 2006 में एशियाई गेम्स में रजत पदक जीतने के बाद उन्हें अर्जुन अवार्ड मिला था। इस अवार्ड को प्राप्त करने वाली वे पहली महिला पहलवान हैं। इस अवार्ड के लिए कुश्ती संघ ने उनका नाम नहीं भेजा था, तीन अन्य पहलवानों के नाम भेजे थे। अवार्ड के लिए उनका नाम हरियाणा सरकार ने भेजा था। जब उन्होंने इस बारे में संघ के अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी उनके पास बहुत उम्र है। इस बारे में जब वे संघ के अध्यक्ष चर्चा कर रही थी तब वहां एक पत्रकार भी मौजूद थे। पत्रकार ने यह सब सुनकर इस मुद्दे पर बड़ी खबर बनाई, जिससे सरकार तक उनकी बात पहुंची। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार ने सही कदम उठाए हैं। इस समय खिलाड़ी घर पर ही मेहनत कर रहे हैं। आज ऐसी परिस्थिति नहीं है कि खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम खोल दिए जाएं। उनका स्वस्थ रहना और फिट रहना ज्यादा जरूरी है, घर में ही एक्सरसाइज करके ही स्वयं को स्वस्थ रहे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़