इन्वेस्टर्स समिट: निवेशकों को लुभाने के लिये मैदान में योगी सरकार

Investor''s Summit: Yogi Sarkar in the field to invites investors
अजय कुमार । Feb 20 2018 6:07PM

उत्तर प्रदेश में नवाबों की नगरी लखनऊ में इस समय ''उत्सव'' सा माहौल है। सरकार से लेकर शासन−प्रशासन तक इस ''उत्सव'' को सफल बनाने के लिये पूरी मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नवाबों की नगरी लखनऊ में इस समय 'उत्सव' सा माहौल है। सरकार से लेकर शासन−प्रशासन तक इस 'उत्सव' को सफल बनाने के लिये पूरी मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है। यह 'उत्सव' प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिये है। प्रदेश में उद्योग धंधे लगाने के लिये प्रदेश के साथ−साथ देश−विदेश के उद्योगपतियों को आकर्षित किया जा रहा है। ताकि प्रदेश का स्वर्णिम विकास हो। युवाओं को रोजगार मिले। प्रदेश में निवेश बढ़े इसके लिये 21 और 22 फरवरी को होने वाला दो दिवसीय 'इन्वेस्टर समिट' 'मील का पत्थर' साबित हो सकता है। इसमें 900 से ज्यादा मैमोरेंडटम ऑफ अंडरस्टैडिंग(एमओयू) साइन होंगे. यह ऐन वक्त पर यह संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि समिट के लिए इंडस्ट्री डिपार्टमेंट को लगातार एमओयू मिल रहे हैं। इससे मोटे अनुमान के अनुसार प्रदेश में अगले कुछ साल में 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होने की उम्मीद है। निवेश की इस बढ़ती संभावना से प्रदेश में आने वाले सालों में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा तो सरकारी खाजाने में अधिक पैसा आयेगा, जिससे प्रदेश का विकास रफ्तार पकड़ेगा। इन्वेस्टर्स समिट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी सहित  तमाम केन्द्रीय मंत्रियों तथा बड़े आद्योगिक घरानों की उपस्थित सिमटि में चार चांद तो लगायेगी ही, इससे निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा। समिट में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 200 से ज्यादा सीईओ को संबोधित करेंगे। 21 फरवरी को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाले समिट का उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे तो 22 को समिट का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया जायेगा।

समिट से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें बैठक इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर महत्वपूर्ण होगी। बताते हैं कि इस बैठक में निवेशकों को यूपी में निवेश करने के लिए आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किए जाएंगे। खासतौर से यूपी एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण नीति सहित चार नीतियों को हरी झंडी दी जाएगी। इस नीति की मंजूरी से यूपी में रक्षा उपकरणों आदि के निर्माण के लिए निवेश की संभावना काफी बढ़ जाएगी। जिन तीन अन्य नीतियों को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी की जा रही है, उनमें यूपी इलेक्टि्रक व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग नीति, यूपी वेयर हाउसिंग तथा लॉजिस्टिक नीति तथा यूपी फार्मास्युटिकल नीति प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन तीनों नीतियों से भी प्रदेश में निवेश की संभावना काफी बढ़ जाएगी। इनके अलावा भी कई अहम फैसले प्रदेश सरकार ले सकती है।  

गौरतलब हो, योगी सरकार ने हाल ही में यूपी बायोफ्यूल नीति को मंजूरी दी थी,जिसके जरिए कृषि अपशिष्ट बगास आदि से बिजली उत्पादन करने और बायोगैस उत्पन्न करने संबंधी उद्योग लगाने को बढ़ावा मिलेगा। माना जा रहा है कि अगर यह नीति वाकई जमीन पर उतरी तो निश्चित रूप से किसानों और मिल मालिकों को इससे खासा फायदा मिल सकेगा। यही नहीं, निवेशकों को उत्तर प्रदेश में लुभाने के लिए प्रदेश सरकार नई पर्यटन नीति, खनन नीति, वा उद्योग नीति, एमएसएमई नीति, नागर विमानन नीति, सौर ऊर्जा नीति, इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति, सूचना प्रौद्योगिकी व स्टार्टअप नीति, खाद्य प्रसंस्करण नीति और यूपी औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति को कैबिनेट से पहले ही मंजूरी दिला चुकी है। 

बात अतिथियों के सत्कार की कि जाये तो मेहमानों के स्वागत करने के लिये लखनऊ को बहुत सलीके से सजाया−संवारा गया है. ताकि प्रदेश के बारे में कोई गलत छवि उनके सामने न जाये. मेहमानों की सुरक्षा, खानपान, ठहरने आदि की व्यवस्था में कोई कोर−कसर नहीं छोड़ी गई है. जिन मार्गो से अतिथियों का आवागमन होगा, उन मार्गो को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त बनाकर, रंग−रोगन करके सजा दिया गया है।

योगी सरकार इन्वेस्टर्स समिट के दौरान एमओयू साइन करने वाले उद्योगपतियों को सम्मानित भी करेगी। समिट में देश के 18 केंद्रीय मंत्रियों का संबोधन होगा। समिट में नीदरलैंड्स, जापान, थाईलैंड, चेक रिपब्लिक, मॉरिशस कंट्री पार्टनर के रूप में मौजूद रहेंगे। 2 दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट में 30 से ज्यादा सेशन होंगे जिनमें अलग−अलग क्षेत्रों के उद्योगपतियों से चर्चा की जाएगी। सरकारी सूत्रों का दावा है कि यह पहला मौका है जब प्रदेश में निवेशकों का इतना बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है।इससे ना सिर्फ प्रदेश में नए निवेश को बढ़ावा मिले, बल्कि वह उद्योग भी वापस लाए जा सकेगें जो किसी परीस्थितविश बाहर चले गए थे या फिर कानून व्यवस्था,बिजली−पानी की समस्या और सरकारी सिस्टम में व्याप्त रिश्वतखोरी के चलते यहां काम करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। सीएम योगी निवेशकों को यह विश्वास दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे कि अब प्रदेश में माहौल बदल गया है। बिजली 24 घंटे दी जा रही है. कानून व्यवस्था पर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है तो सरकारी रिश्वतखोरी पर भी लगाम लगा दी गई है।

इन्वेस्टर्स समिट के लिए होटलों में खास इंतजाम किए गए हैं। राजधानी आने वाले निवेशकों का स्वागत आरती उतारते हुए तिलक लगाकर किया जाएगा। साथ ही स्पेशल वेलकम डि्रंक दी जाएगी। वहीं, निवेशकों का लंच और डिनर सीएम और गवर्नर हाउस में होने के कारण सभी होटलों का ध्यान ब्रेकफास्ट पर है, जिसमें अतिथियों को लखनवी जायके से रू−ब−रू करवाया जाएगा। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से मिले दिशा−निर्देशों के तहत सभी होटलों नें पार्किंग भी रिजर्व कर रखी है। निवेशकों के स्वागत के लिए बड़े−बड़े होर्डिंग्स लगाए हैं। इसमें वेलकम करता हुआ स्लोगन लिखा हुआ है। तमाम प्वाइंट पर निवेशकों का स्वागत तिलक और गुलदस्ता भेंटकर किया जाएगा। योगी सरकार का यह प्रयास अगर सफल रहता है तो इससे युवाओं को रोजगार और प्रदेश को आर्थिक फायदा तो होगा ही, इसके अलावा सियासी मोर्चे पर भी लाभ मिलेगा. 2019 के लोकसभा चुनाव के समय इसे भुनाने का प्रयास बीजेपी जरूर करेगी।

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