इसरो के शुक्र मिशन 2025 को मिले अंतरराष्ट्रीय उपकरण प्रस्ताव

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूत्रों ने बताया कि इसमें रूस, फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी का ‘‘सहयोग योगदान’’ भी शामिल है। इसरो पूर्व में शुक्र पर जून 2023में देश का प्रथम मिशन भेजने की योजना बना रहा था।

बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने प्रस्तावित शुक्रयान मिशन के लिए फ्रांस के प्रस्ताव सहित अंतरिक्ष-आधारित 20 प्रायोगिक प्रस्तावों का चयन किया है। बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि इसमें रूस, फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी का ‘‘सहयोग योगदान’’ भी शामिल है। इसरो पूर्व में शुक्र पर जून 2023में देश का प्रथम मिशन भेजने की योजना बना रहा था। संगठन के एक अधिकारी ने बताया कि लेकिन महामारी की स्थिति के कारण देरी हुई जिस वजह से मिशन की समयसीमा की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसे 2024 या 2026 में प्रक्षेपित किया जा सकता है। इस संबंध में उल्लेख किया गया कि मिशन को प्रक्षेपित करने का बेहतरीन अवसर हर 19 महीने में आता है जब शुक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट होता है। इसरो ने शुक्र का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष आधारित नए प्रयोगों की घोषणा की थी जिसके जवाब में इसे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक उपकरण प्रस्ताव मिले हैं। 

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इसने 20 प्रस्तावों का चयन किया है। संगठन के अधिकारी ने कहा कि इन 20 वैज्ञानिक उपकरण प्रस्तावों में रूस, फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी के ‘‘सहयोग योगदान’’ के प्रस्ताव भी शामिल हैं जिनकी समीक्षा चल रही है। फ्रांस की आंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस के मुताबिक, एक प्रस्ताव का पहले ही चयन कर लिया गया है जो फ्रांस का ‘वीआईआरएएल’ उपकरण (वीनस इन्फ्रारेड एटमस्फेयर गैस लिंकर) है। इसका विकास रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ‘रोस्कोस्मोस’ और फ्रांस के राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र सीएनआरएस से संबंधित ‘लैटमोस’ प्रयोगशाला के साथ मिलकर किया गया है। सूत्रों ने बताया कि ‘स्वीडिश इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस फिजिक्स’ भी भारत के शुक्र मिशन में शामिल है। शुक्र को अकसर पृथ्वी की जुड़वां बहन कहा जाता है, क्योंकि दोनों के आकार, घनत्व और गुरुत्वाकर्षण में समानाएं हैं। माना जाता है कि दोनों ग्रहों की उत्पत्ति 4.5 अरब साल पहले एक ही समय हुई थी। पृथ्वी की तुलना में शुक्र ग्रह सूर्य के करीब 30 फीसदी अधिक निकट है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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