संक्रमित मरीजों के लिए पांच दिन संस्थागत पृथक-वास में रहना जरूरी : दिल्ली के उपराज्यपाल

बैजल ने तत्काल प्रभाव से एक निजी एजेंसी की सेवा को भी खत्म करने का आदेश दिया। यह एजेंसी पृथक-वास रहने वाले मरीजों को फोन पर उनका मार्गदर्शन कर रही थी।
उन्होंने कहा कि शनिवार को उपराज्यपाल की अध्यक्षता में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की उच्च स्तरीय बैठक में इस पर स्थिति स्पष्ट होगी। अपने आदेश में उपराज्यपाल ने कहा कि पांच दिन संस्थागत पृथक-वास में रहने के बाद कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर पृथक-वास के लिए भेज दिया जाएगा। बैजल ने अपने आदेश में कहा, ‘‘घर पर पृथक-वास के तहत प्रत्येक मामले में पांच दिन संस्थागत पृथक-वास में रहना अनिवार्य होगा। इसके बाद बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर पृथक-वास के लिए भेज दिया जाएगा। लक्षण वाले मरीजों को जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।’’ हालांकि, दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि इस फैसले के कारण लोग आगे जांच कराने से कतराएंगे।LG's decision on home isolation is "arbitrary", will "seriously harm" Delhi. It should be reconsidered: Delhi govt
— Press Trust of India (@PTI_News) June 19, 2020
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सरकार के मुताबिक, दिल्ली में घर पर पृथक-वास में कोविड-19 के करीब 8,500 मरीज हैं। ये सभी ऐसे मरीज हैं जिनमें संक्रमण के किसी तरह के लक्षण नहीं मिले या मामूली लक्षण मिले। एक बयान में दिल्ली सरकार ने कहा कि घर पर पृथक-वास का कार्यक्रम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे सफल अभियान है। बयान में कहा गया कि पहले से ही यहां पर कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए डॉक्टरों, नर्सों की भारी कमी है। कर्मियों की दिक्कत है, संक्रमण के बिना लक्षण वाले हजारों लोगों को रखने के लिए बड़े स्तर पर पृथक-वास केंद्र की जरूरत होगी।
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