उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: जलशक्ति मंत्री ने कहा- बाढ़ परियोजनाओं के कार्यों में लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई

jal Shakti Minister

अन्तर्राज्यीय परिवहन सेवा बंद होने से निगम को बड़ा नुकसान हुआ है, क्योंकि लगभग 27 प्रतिशत लोग इससे यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या 12 लाख से ऊपर जाने पर ही निगम हानि से बाहर आयेगा। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने कार्य में बदलाव लाने होंगे। पारंपरिक ढर्रें से बाहर आकर आधुनिक बनने की आवश्यकता है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार द्वारा आज भी कई बड़े निर्णय लिए गए। आइए पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश की दिनभर की आज की बड़ी खबर।

बस को बस अड्डे से न ले जाकर सीधे बाईपास से बस ले जाने वाले ड्राईवर एवं कन्डेक्टरों के खिलाफ होगी कार्रवाई -परिवहन मंत्री

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि पिछला एक वर्ष परिवहन निगम के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। निगम के कर्मियों ने बढ़-चढ़ कर प्रवासियों के परिवहन का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर आने पर दिल्ली, कानपुर एवं लखनऊ से 27 हजार बस ट्रिप संचालित कर लगभग नौ लाख से अधिक प्रवासियांे को सुरक्षित संचरण सेवा प्रदान की गई। इसके अलावा महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से आये 52 हजार यात्रियों को रेलवे स्टेशन से 1158 बसों से विभिन्न गन्तव्यों हेतु भेजा गया। कटारिया आज परिवहन निगम के कार्यालय में निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना की द्वितीय लहर में यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है।

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अन्तर्राज्यीय परिवहन सेवा बंद होने से निगम को बड़ा नुकसान हुआ है, क्योंकि लगभग 27 प्रतिशत लोग इससे यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या 12 लाख से ऊपर जाने पर ही निगम हानि से बाहर आयेगा। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने कार्य में बदलाव लाने होंगे। पारंपरिक ढर्रें से बाहर आकर आधुनिक बनने की आवश्यकता है।

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कटारिया ने कहा कि सालाना निगम की आमदनी जितनी है, उतने ही खर्चें है। खर्चें घटाये जायें तभी निगम लाभ में दिखाई देगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि चालकों की ड्यूटी साफ्टवेयर के माध्यम से लगाई जाये। प्रवर्तन कर्मियों की ड्यूटी नियमित रूप से बदलती रहनी चाहिए। लम्बे समय से एक ही स्थान पर कार्य करने वालों को तत्काल बदला जाय। निगम में लम्बित जांचों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो। सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के देयकों का भुगतान प्राथमिकता से किया जाय। कटारिया ने कहा कि यह भी संज्ञान में आया है कि निगम की बसें स्टेशन न जाकर सीधे बाईपास से निकल जाती है। सभी बसें बस-अड्डे से होकर ही जाये। ऐसा न करने वाले ड्राइवर एवं कन्डेक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाय। उन्होेंने कहा कि बसों में नियमित रूप से सेनेटाइजेशन किया जाय। बिना मास्क के लोगों को यात्रा न करने दी जाय। बसों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय। कोरोना से बचत रखते हुए समस्त प्रक्रियाओं का निष्पादन किया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि हर रीजन की व्यक्तिगत समीक्षा की जायेगी। कमियां पायेजाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा उन्होंने परिवहन निगम के स्वामित्व की समस्त भूमि का विवरण तैयार करने के निर्देश भी दिए।

प्रमुख सचिव, परिवहन राजेश कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण विभिन्न प्रकार की गतिविधियां बंद होने के कारण यात्रियों का संचरण प्रभावित हुआ है। सार्वजनिक परिवहन 50 प्रतिशत क्षमता पर संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा अन्तर्राज्यीय संचालन भी प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से निगम द्वारा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखण्ड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार तथा मध्य प्रदेश से ज्यादा यात्रियों का परिवहन होता है। इससे निगम की आय पर भारी प्रभाव पड़ा है। अन्तर्राज्यीय संचालन शुरू करने की कार्यवाही शासन स्तर पर विचाराधीन है। शीघ्र ही इस पर निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  की घोषणा के अनुपालन में महिला चालकों को आबद्ध कर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण संस्थान, कानपुर में 26 महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के पश्चात महिलाओं को पिंक बसों में संचालन हेतु तैनात किया जायेगा। बैठक में परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने मंत्री जी को विस्तार से निगम के कार्यकलापों से अवगत कराया एवं उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने की बात कही। इस मौके पर मुख्यालय के अधिकारियों से जनपदीय अधिकारी भी वर्चुअल रूप से जुड़े थे।

आगरा, लखनऊ, मेरठ और मिर्जापुर मंडल के कुल 2769 लोगों का उन्मुखीकरण

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) - उत्तर प्रदेश द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड -19 के बचाव एवं प्रबंधन हेतु स्वछाग्रहियों और अन्य फ्रंट-लाइन वर्कर्स के लिए चलाये जारहे उन्मुखीकरण अभियान के अंतर्गत आज आगरा, लखनऊ, मेरठ और मिर्जापुर मंडल के कुल 2,769 लोगों (1891 -प्रतिभागी, 13-पनेलिस्ट  और 865 अलग से जुड़े थे) का उन्मुखीकरण पंचायतीराज विभाग और यूनिसेफ के विशेषज्ञों द्वारा जूम के माध्यम से किया गया। अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी स्वछाग्रहियों और अन्य फ्रंट-लाइन वर्कर्स जैसे स्वछाग्रही, आशा, अनम, प्रधान, निगरानी समिति सदस्य और अध्यापक का मंडलस्तर पर उन्मुखीकरण यूनिसेफ के तकनिकी सहयोग से किया जारहा है जिसमें घर-घर निगरानी से लेकर अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल तक की जानकारी दी जा रही है।

अभियान के तहत अब तक 15 मंडल के कुल 13,199 लोगों (1000-देवीपाटन, 1390-गोरखपुर, 500-वाराणसी, 1258-फैजाबाद, 1637-बरेली, 1292-बस्ती और चित्रकूट, 949-कानपुर और झांसी, 2404-अलीगढ़ और प्रयागराज 2,769-आगरा, लखनऊ, मेरठ और मिर्जापुर) का उन्मुखीकरण किया जा चुका है। श्री संजय चैहान - राज्य सलाहकार - स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने सहभागियों का स्वागत करते हुए उन्मुखीकरण का उद्देश्य बताया। उन्मुखीकरण का नेतृत्व  करते हुए योगेन्द्र कटियार - नोडल अधिकारी -  पंचायती राज - उत्तर प्रदेश ने सहभागियों को उद्भोधित किया, साथ ही प्रदेश में कोविड -19 से बचाव के लिए चल रही गतिविधियों की जानकारी दी। उन्मुखीकरण में सभी मंडलों के उप निदेशक दृ पंचायती राज - अशोक कुमार साही (मिर्जापुर मंडल), परवेज आलम (आगरा मंडल), मनीष  कुमार (मेरठ मंडल), गिरीश चंद्र रजक  (लखनऊ मंडल) उपस्थित थे जिन्होंने फ्रंट-लाइन वर्कर्स द्वारा महामारी में किये जा रहें कार्यों की प्रशंसा की, साथ ही उन्होंने कोविड प्रभावित व्यक्तियों के अंतिम संस्कार हेतु प्रोटोकॉल की जानकारी दी और यह भी बताया की कोविड प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु पर 5000 रूपए का आर्थिक सहयोग सरकार द्वारा दिया जायेगा।

यूनिसेफ के विशेषज्ञों द्वारा उन्मुखीकरण में सहभागियों को अनेक प्रकार की जानकारी दी गई जैसे कोविड -19 क्या  है, कैसे फैलता है, कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार, घर में आइसोलेशन के उपाय, कोविड -19 कचरे का सही प्रबंधन, कोविड -19 पोषण, आइसोलेशन और उपचार, कोविड -19 टीकाकरण एंड रजिस्ट्रेशन, स्वछाग्रहियों/आशा/अनम/प्रधान की भूमिका आदि। साथ ही प्रतिभागियों की कोविड -19 और टीकाकरण के बारे में शंकाओं और मिथकों को एक विशेष प्रश्न-उत्तर सत्र में दूर किया गया।

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यूनिसेफ की ओर से डॉ. निर्मल सिंह, नागेन्द्र प्रसाद सिंह, अनन्या घोषाल , डॉ. परवेज आलम, और श्रुति पाण्डेय द्वारा उन्मुखीकरण  किया गया। उन्मुखीकरण में “मेरा गांव स्वच्छ गाँव” अभियान के बारे में भी राज्य सलाहकार द्वारा बताया गया। मिशन निदेशक - स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) - उत्तर प्रदेश, द्वारा दैनिक आधार पर उन्मुखीकरण की समीक्षा की जा रही है । स्वछाग्रहियों के सहयोग के लिए विभिन्न प्रकार के उपयुक्त व्यवहार पर संचार सामग्री (विडियो, ऑडियो, पोस्टर्स, फ्लायर) भी सांझा की गई। अपेक्षा है कि उन्मुखीकरण दी गई जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड -19 के बचाव एवं प्रबंधन में अहम् भूमिका निभायेगी।

जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने गोण्डा में बाढ़ कार्यो का कियास्थलीय निरीक्षण

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों में मानक के अनुरूप गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की उदासीनता पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करते हुये उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। डॉ.  महेन्द्र सिंह आज जनपद गोण्डा में चल रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे थे। डॉ. महेन्द्र सिंह ने वर्षा काल से पहले बाढ़ से सम्बन्धित सुरक्षा परियोजनाओं को प्रत्येक दशा में पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जलप्लावन की समस्या को दूर करने के लिए सभी नालों की सफाई भी वर्षाकल से पूर्व कराये जाने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के बावजूद भी बाढ़ से बचाव सम्बंधी परियोजनाओं को हरहाल में तय समय सीमा से पूरा किया जाना है। इसके साथ ही ठेकेदारों को भी सचेत किया कि महामारी की आड़ में यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता अधोमानक पायी जाती है, तो उनका भुगतान रोक दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए कार्य स्थल पर कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कड़ाई सुनिश्चित किया जाए तथा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध कराते हुए उनके प्रयोग के निर्देश दिए जाएं।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलप्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ किया गया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों का जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। विभाग के अन्तर्गत कुल 10787 नाले है जिनकी कुल लम्बाई 60205 किमी0 है। इनमें से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2751 नालों की 13300 किमी0 लम्बाई, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2481 नालों की 12073 किमी0 लम्बाई में सफाई कराई गयी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4811 नालो की 23944 किमी0 लम्बाई में सफाई करायी जा रही है। नालों पर सफाई के कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि जलप्लावन से मुक्त हो सकेगी जिससे कृषकों की फसलों की क्षति को रोका जा सकेगा।

डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ की तैयारियों के समस्त कार्य समयानुसार कराये जा रहे है।वर्ष 2020-21 में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 254 बाढ़ परियोजनाएं संचालित थीं जिनमें से 83 परियोजनाओं के कार्य बाढ़ काल 2020 के प्रारम्भ होने से पूर्व माह जून तक पूर्ण कर लिए गये थे तथा शेष परियोजनाओं के कार्य सुरक्षित स्तर तक इस प्रकार सम्पादित कराये गये कि उनका लाभ जनता को प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशील स्थलों जिन पर बाढ़ परियोजनाएं स्वीकृत नहीं थी उन स्थलों पर अनुरक्षण मद से अति आवश्यक कार्य कराकर बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि माह दिसम्बर, 2020 तक 146 परियोजनाएं पूर्ण की गयी तथा वर्ष के अन्त तक अर्थात माह मार्च, 2021 तक 193 परियोजनाएं पूर्ण की गयी। वर्तमान वर्ष में अब तक कुल215 परियोजनाएं पूर्ण हुई है। शेष परियोजनाओ के कार्य तेजी से प्रगति में हैं तथा आसन्न मानसून से पूर्व पूर्ण किये जाने हैं।

डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार निरन्तर इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है कि बाढ़ बचाव कार्य समय से प्रारम्भ हों, गुणवत्तापरक हों तथा पूर्ण पारदर्शिता से सम्पादित कराये जाएं। इस वर्ष 2020-21 के बाढ़ काल की तैयारियों के दृष्टिगत मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा एक साहसिक एवं अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए पिछले वर्ष के माह जनवरी, 2021 में ही बाढ़ कार्य हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करायी गयी, जिसके अन्तर्गत184 नई बाढ़ परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की गयी तथा समस्त कार्य माह फरवरी, 2021 में प्रारम्भ कर दिये गये थे। उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के संकट काल में भी और पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बावजूद बाढ़ परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 22 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है तथा शेष अधिकांश परियोजनाएं पूर्णता की ओर अग्रसर है। समस्त परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून पूर्व अतिशीघ्र कराये जाने है। परियोजनाओं के कार्य मानसून के पूर्व होने से जनता जनार्दन बाढ़ से सुरक्षित होगी और जनधन की हानि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यदि दूरदृष्टि रखकर समय से धनराशि निर्गत करने का यह निर्णय नहीं लिया गया होता तो वर्तमान कोरोना महामारी के कारण बाढ़ कार्यो के समय से क्रियान्वयन में कठिनाई का सामना पड़ता।

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निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि घाघरा नदी पर स्थित सकरौर भिखारीपुर तटबंध की सुरक्षा हेतु घोड़हन-एैली-परसौली के पास डेªजिंग एवं चैनलाइजेशन कार्य की परियोजना स्वीकृत है जिसके अन्तर्गत 7.3 किमी0 की डेजिंग एवं चैनलाइजेशन का कार्य प्राविधानित है। वर्तमान में परियोजना की भौतिक प्रगति 82 प्रतिशत है, डेजिंग कार्य के फलस्वरूप 8,15,000 घन मी. ड्रेज्ड मैटेरियल निकाला गया है, जिसमें से 6,21,875 घन मी0 बालू की नीलामी की कार्यवाही प्रगति में है। इस परियोजना के कार्य पूर्ण होने से ग्राम घोड़हनपुरवा, एैली, परसौली में बाढ़ का प्रभाव कम हो जाएगा। निरीक्षण के समय सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता (परि0 एवं नियो0) अशोक कुमार सिंह, मुख्य अभियन्ता (सरयू परियोजना-प्रथम) अयोध्या, अखिलेश कुमार, प्रबन्ध निदेशक उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड नवीन कपूर, एवं अधीक्षण अभियन्ता श्री त्रयबंक त्रिपाठी, अधिशासी अभियन्ता विश्वनाथ शुक्ला एवं परियोजना प्रबन्धक श्री पंकज वर्मा आदि उपस्थित रहे।

उन्नाव के बीघापुर में 100 शैय्या वाले संयुक्त चिकित्सालय का निर्माण कार्य जारी

प्रदेश में जनपद उन्नाव के बीघापुर में 100 शैय्या वाले संयुक्त चिकित्सालय का निर्माण कार्य जारी है। मुख्यमंत्री जी की घोषणा से आच्छादित इस परियोजना के लिए अब तक चार किश्तों में कुल रू0 2327.45 लाख धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। अब शासन ने पांचवी किश्त के रूप में रू0 728.48 लाख अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति दे दी है। ज्ञात हो इस परियोजना के लिए शासन द्वारा कुल लागत रू0 3642.83 लाख की स्वीकृति दी गई है। इसके सापेक्ष प्रथम किश्त में रू0 1000.00 लाख, द्वितीय किश्त में रू0 216.85 लाख, तृतीय किश्त में रू0 200.00 लाख तथा चतुर्थ किश्त में रू0 910.60 लाख धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। अब शासन ने पांचवी किश्त को मंजूरी दी है।

सिद्धार्थनगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की क्षतिग्रस्त चहारदीवारी का होगा पुनर्निर्माण

प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण का कार्य जारी है। इस योजना के तहत  प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का कार्य प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकता से किया जा रहा है। इस क्रम में जनपद सिद्धार्थनगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुनियांव की क्षतिग्रस्त चहारदीवारी के पुनर्निर्माण का भी कार्य किया जायेगा। शासन द्वारा इस निर्माण कार्य के लिए     रू0 18.93 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

जल निगम द्वारा कराये गये कार्यों के सापेक्ष अनुमन्य सेन्टेज की प्रतिपूर्ति हेतु 30.17 लाख रूपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु जल जीवन मिशन के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा कराये गये कार्यों के सापेक्ष अनुमन्य सेन्टेज की प्रतिपूर्ति हेतु 30.17 लाख रूपये (तीस लाख सत्रह हजार रूपये मात्र) की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। इस सम्बंध में नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा शासनादेश 01 जून, 2021 को जारी कर आवश्यक निर्देश अधिशासी निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन लखनऊ को दिये गये हैं।

फिरोजाबाद में दिल्ली-टूंडला-कानपुर रेल मार्ग पर निर्माणाधीन आरओबी के लिए  2 करोड़ 97 लाख 36 हजार की धनराशि का किया गया आवंटन

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर जनपद फिरोजाबाद में रेलवे स्टेशन फिरोजाबाद के 500 मी0 पूर्व स्थित दिल्ली-टूंडला-कानपुर रेल मार्ग पर फिरोजाबाद उप मण्डल के किमी0 1221/ 3-5 में स्थित ब्रिज नंबर 84 (रेलवे अंडरपास) के निर्माण हेतु रू0 2 करोड़ 97 लाख 36हजार की धनराशि का आवंटन उत्तर प्रदेश शासन द्वारा किया गया है। इस रेल उपरिगामी सेतु की कुल लागत रू0 11 करोड़ 89 लाख 45 हजार है और इस निर्माणाधीन कार्य हेतु रु0 2 करोड़ का आवंटन  पूर्व किया जा चुका है। इस संबंध में आवश्यक शासनादेश  उत्तर प्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि रेल उपरिगामी सेतु के निर्माणाधीन कार्य हेतु आवंटित धनराशि का उपयोग शीघ्र किया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा कार्य संपादन के पश्चात उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजना सुनिश्चित किया जाए। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह लगातार मौके का निरीक्षण करते हुए शीघ्र से शीघ्र कार्य पूरा किया कराना सुनिश्चित करें। कार्यो में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

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विद्यालयों को मान्यता प्रदान किए जाने हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी (कोविड़-19) से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के दृष्टिगत विद्यालयों को मान्यता प्रदान किए जाने हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि  कोरोना महामारी के दृष्टिगत उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के कारण शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए विद्यालयों को मान्यता प्रदान किए जाने हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 जून 2021 (बिना विलंब शुल्क) कर दिया गया है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर ने मेकिंग द डिफरेंस और डोनेट कार्ड के सौजन्य से जनपद वाराणसी के लिए 50 ऑक्सीजनकंसंट्रेटर उपलब्ध कराया

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री श्री अनिल राजभर द्वारा जनपद वाराणसी विधानसभा क्षेत्र शिवपुर के तारापुर, उदयपुर में मेकिंग द डिफरेंस और डोनेट कार्ड के सौजन्य से जनपदवासियों के लिए 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराया। यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से कोविड मरीजों में होने वाली ऑक्सीजन की कमी को नियंत्रित करने में सहायक होंगे। मंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा रिकॉर्ड स्तर पर कोविड 19 की टेस्टिंग की जा रही है, इन टेस्टिंग में पाए जाने वाले कोविड संक्रमित लोगों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति गांव के एक-एक घर में जाकर वहां रहने वाले लोगो से कोविड 19 के संक्रमण की जानकारी ले रही है। सरकार के प्रयासों से प्रदेश में संक्रमण नियंत्रित हो रहा है फिर भी सभी को कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन करते रहना है और अपना कोविड टीकाकरण भी करवाना है।

पशु रोग नियंत्रण योजना हेतु 951.90 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने पशु रोग नियंत्रण योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 951.90 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि का व्यय अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजना के तहत किया जायेगा। यह योजना 60 प्रतिशत केन्द्र पोषित तथा 40 प्रतिशत राज्य पोषित है। पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध शासनादेश जारी करते हुए निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का आहरण एवं व्यय भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा एस0सी0एस0पी0 हेतु निर्धारित मानकों/अनुमोदित कार्ययोजना एवं मदों में भारत सरकार द्वारा योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जायेगा।

ओपी पाण्डेय को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, रहमानखेड़ा का निदेशक बनाया गया

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि सेवा श्रेणी-1 में कृषि निदेशक स्तर के नवप्रोन्नत अधिकारी श्री ओ0पी0 पाण्डेय को निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के पद पर तैनाती प्रदान की गयी है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, कृषि, डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने आज यहां दी।सअपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस सम्बन्ध में कृषि विभाग द्वारा आवश्यक आदेश भी निर्गत कर दिया गया है। श्री पाण्डेय को निर्देशित किया गया है कि वे अपने तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण कर, कार्यभार रिपोर्ट शीघ्र शासन को उपलब्ध करायें।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत पशुपालन विभाग को हेतु 915.03लाख रुपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत पशुपालन विभाग को 915.03 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह जानकारी कृषि विभाग के उप सचिव, डॉ. राम चन्द्र शुक्ल ने देते हुये बताया कि इस सम्बन्ध में निदेशक, पशुपालन विभाग को आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं। शुक्ल ने बताया कि जारी की जा रही धनराशि का उपयोग पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के टीकाकरण में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि निर्देश दिये गये हैं कि धनराशि का आहरण एवं व्यय तभी किया जायेगा, जब यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद योजना के कार्यक्रमों का संचालन अपरिहार्य है। शुक्ल ने बताया कि जारी निर्देश में कहा गया है कि योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन के दौरान योजना के दिशा-निर्देश एवं गाइडलाइन्स का अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। सम्भावित व्यय की फेजिंग विभाग के कार्य की प्रकृति एवं अवसर के अनुसार की जाए। जहां तक सम्भव हो, व्यय की फेजिंग वित्तीय वर्ष के लिए प्रतिमाह समान रूप से की जाए।

गेहूँ खरीद हेतु शेष दिनों में ज्यादा से ज्यादा किसानों से खरीद की जाए -सूर्य प्रताप शाही

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि गेहूँ खरीद हेतु शेष दिनों में ज्यादा से ज्यादा किसानों से खरीद की जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि क्रय केंद्र पर खरीद से सम्बंधित किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने निर्देश दिये कि परगना अधिकारी सभी क्रय केंद्रों पर विजिट कर किसानों की समस्याओं का समाधान करायें। शाही आज रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत किसानों से की जा रही गेहूं खरीद की प्रगति, भुगतान एवं भंडारण के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश देते हुये कहा कि क्रय केन्द्रों पर बोरों की कमी के सम्बन्ध में तत्काल सम्बन्धित अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर बोरों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये।

मंत्री नन्दी ने ली कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक

उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनीतिक पेंशन, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने आज नोएडा स्थित हॉस्पिटल में कोविड -19 का दूसरा डोज (टीके की दूसरी खुराक) लगवाया। इस दौरान फोर्टिस हॉस्पिटल के जोनल डायरेक्टर हरदीप सिंह जी, डॉ. बीडी पांडे जी और सिद्धार्थ निगम जी से मुलाकात हुई। प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लिए की जा रही व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। मंत्री नन्दी ने लोगों से अपील की है की अपनी बारी आने पर कोरोना वैक्सीन के क्रमशरू दोनों टीके अवश्य लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।  एक मई को मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने प्रयागराज के डफरिन हॉस्पिटल में 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान के तृतीय चरण अभियान की शुरुआत करने के बाद कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था।

मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 83 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। अकेले जून महीने में सरकार का लक्ष्य 90 लाख से 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का है । लखनऊ में सबसे ज्यादा अब तक 9.16 लाख लोगों को अंबबपदम लग चुकी है। गौतमबुद्धनगर में 6.19 लाख, कानपुर नगर में 5.88 लाख, प्रयागराज में 5.76 लाख लोगों को अंबबपदम लग चुकी है। वहीं उत्तर प्रदेश के कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में एक जून से प्रदेश के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान का आगाज हो चुका है। कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए योगी मॉडल की पूरे देश में ही नहीं विश्व में चर्चा है। डबल्यू एच ओ ने भी योगी मॉडल की प्रशंसा की है।

बाढ़ परियोजनाओं के कार्यों में लापरवाही बरतने पर होगी कार्यवाही -डॉ. महेन्द्र सिंह

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों में लापरवाही नही होनी चाहिए। इसके साथ ही मानक के अनुरूप गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। डॉ. महेन्द्र सिंह आज जनपद बस्ती में चल रहे बाढ़ परियोजनाओं के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे थे।

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डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार निरन्तर इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है कि बाढ़ बचाव कार्य समय से प्रारम्भ हों, गुणवत्तापरक हों तथा पूर्ण पारदर्शिता से सम्पादित कराये जाएं। इस वर्ष 2020-21 के बाढ़ काल की तैयारियों के दृष्टिगत मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा एक साहसिक एवं अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए पिछले वर्ष के माह जनवरी, 2021 में ही बाढ़ कार्य हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करायी गयी, जिसके अन्तर्गत 184 नई बाढ़ परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की गयी तथा समस्त कार्य माह फरवरी, 2021 में प्रारम्भ कर दिये गये थे। उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के संकट काल में भी और पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बावजूद बाढ़ परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 22 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है तथा शेष अधिकांश परियोजनाएं पूर्णता की ओर अग्रसर है। समस्त परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून पूर्व अतिशीघ्र कराये जाने है। परियोजनाओं के कार्य मानसून के पूर्व होने से जनता जनार्दन बाढ़ से सुरक्षित होगी और जनधन की हानि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यदि दूरदृष्टि रखकर समय से धनराशि निर्गत करने का यह निर्णय नहीं लिया गया होता तो वर्तमान कोरोना महामारी के कारण बाढ़ कार्यो के समय से क्रियान्वयन में कठिनाई का सामना पड़ता।

डॉ.  महेन्द्र सिंह ने वर्षा काल से पहले बाढ़ से सम्बन्धित सुरक्षा परियोजनाओं को प्रत्येक दशा में पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जलप्लावन की समस्या को दूर करने के लिए सभी नालों की सफाई भी वर्षाकल से पूर्व कराये जाने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के बावजूद भी बाढ़ से बचाव सम्बंधी परियोजनाओं को हरहाल में तय समय सीमा से पूरा किया जाना है। इसके साथ ही ठेकेदारों को भी सचेत किया कि महामारी की आड़ में यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता अधोमानक पायी जाती है, तो उनका भुगतान रोक दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए कार्य स्थल पर कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कड़ाई सुनिश्चित किया जाए तथा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध कराते हुए उनके प्रयोग के निर्देश दिए जाएं।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलप्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ किया गया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों का जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। विभाग के अन्तर्गत कुल 10787 नाले है जिनकी कुल लम्बाई 60205 किमी0 है। इनमें से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2751 नालों की 13300 किमी0 लम्बाई, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2481 नालों की 12073 किमी0 लम्बाई में सफाई कराई गयी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4811 नालो की 23944 किमी0 लम्बाई में सफाई करायी जा रही है। नालों पर सफाई के कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि जलप्लावन से मुक्त हो सकेगी जिससे कृषकों की फसलों की क्षति को रोका जा सकेगा।

डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ की तैयारियों के समस्त कार्य समयानुसार कराये जा रहे है। वर्ष 2020-21 में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 254 बाढ़ परियोजनाएं संचालित थीं जिनमें से 83 परियोजनाओं के कार्य बाढ़ काल 2020 के प्रारम्भ होने से पूर्व माह जून तक पूर्ण कर लिए गये थे तथा शेष परियोजनाओं के कार्य सुरक्षित स्तर तक इस प्रकार सम्पादित कराये गये कि उनका लाभ जनता को प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशील स्थलों जिन पर बाढ़ परियोजनाएं स्वीकृत नहीं थी उन स्थलों पर अनुरक्षण मद से अति आवश्यक कार्य कराकर बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि माह दिसम्बर, 2020 तक 146 परियोजनाएं पूर्ण की गयी तथा वर्ष के अन्त तक अर्थात माह मार्च, 2021 तक 193 परियोजनाएं पूर्ण की गयी। वर्तमान वर्ष में अब तक कुल 215 परियोजनाएं पूर्ण हुई है। शेष परियोजनाओ के कार्य तेजी से प्रगति में हैं तथा आसन्न मानसून से पूर्व पूर्ण किये जाने हैं।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि घाघरा नदी पर स्थित सकरौर भिखारीपुर तटबंध की सुरक्षा हेतु घोड़हन-एैली-परसौली के पास डेªजिंग एवं चैनलाइजेशन कार्य की परियोजना स्वीकृत है जिसके अन्तर्गत 7.3 किमी0 की डेªजिंग एवं चैनलाइजेशन का कार्य प्राविधानित है। वर्तमान में परियोजना की भौतिक प्रगति 82 प्रतिशत है, डेªजिंग कार्य के फलस्वरूप 8,15,000 घन मी0 ड्रेज्ड मैटेरियल निकाला गया है, जिसमें से 6,21,875 घन मी0 बालू की नीलामी की कार्यवाही प्रगति में है। 

छात्रों के हित में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्ष 2021 की कक्षा-12 की बोर्ड परीक्षा भी होगी निरस्त, 10वी की भांति विद्यार्थी किये जायेंगे प्रोन्नत -डॉ दिनेश शर्मा उप मुख्यमंत्री

माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रत्येक विद्यार्थी व शिक्षक के स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति चिंता के क्रम में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा आज उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा द्वारा की गई कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण से फैली हुयी महामारी के कारण उत्पन्न हुयी असाधारण परिस्थितियों में व्यापक छात्र-शिक्षक हित में तथा सत्र नियमित करने के दृष्टिकोण से प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021 में निर्धारित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा-12 की बोर्ड परीक्षा निरस्त कर दी गयी है। इस निर्णय से कक्षा-12 के 26,10,316 छात्र/छात्राऐं लाभान्वित होंगे। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा द्वारा अवगत कराया गया है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश निरन्तर छात्र हित में कार्यवाही कर रहा है। उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसमें गत वर्ष 2020 के जुलाई माह में ही कोरोना महामारी के कारण पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान के दृष्टिगत पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत तक की कमी कर दी थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा पिछले वर्ष के लॉकडाउन से ही ऑनलाइन पठन-पाठन के साथ साथ दूरदर्शन, स्वयं प्रभा चैनल, ई-विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल तथा यूट्यूब एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद के ई-ज्ञानगंगा के माध्यम से बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही 29 लाख से अधिक व्हाटसएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों के बनाये गये तथा पठन-पाठन की नियमित अनुश्रवण व्यवस्था बनायी गयी। परीक्षा की अवधि गत वर्ष से ही 15 दिन में सीमित कर दी गई थी तथा इस वर्ष सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने हेतु परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ा दी गई थी।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा कराने की तैयारी पूर्ण कर ली गई थी, परंतु छात्रों व शिक्षकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की प्राथमिकता के दृष्टिगत वर्ष 2021 की हाईस्कूल की परीक्षा पूर्व में निरस्त की गई थी तथा आज वर्ष 2021 की इंटरमीडिएट की परीक्षा भी निरस्त कर विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने का अहम निर्णय लिया गया है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इण्टरमीडिएट की निरस्त हुयी परीक्षा के परीक्षाफलों को सम्बन्धित परीक्षार्थियों के कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों एवं उनके कक्षा-11 के वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों के औसत के आधार पर तैयार कराया जायेगा। यदि  कक्षा-11 के वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक उपलब्ध नहीं होंगे तब उस स्थिति में कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों को लिया जायेगा। इंटरमीडिएट के जिन संस्थागत एवं व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उपर्युक्त प्राप्तांक उपलब्ध नहीं होंगे, उन्हें सामान्य रूप से प्रमोट कर दिया जायेगा तथा केवल कक्षोन्नति का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इंटरमीडिएट की वर्ष 2021 की परीक्षा के सभी रजिस्टर्ड परीक्षार्थियों को आगामी  इण्टरमीडिएट परीक्षा में अपनी इच्छा के अनुसार एक विषय में अथवा अपने सभी विषयों की परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने अंको में सुधार करने का अवसर प्राप्त होगा तथा यह अंक वर्ष 2021 की इंटरमीडिएट की परीक्षा के अंक ही माने जाएंगे।

डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि हाईस्कूल की निरस्त हुयी परीक्षा के परीक्षाफलों को सम्बन्धित परीक्षार्थियों के कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों एवं उनके कक्षा-10 के प्री-बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों के औसत के आधार पर तैयार कराया जायेगा। हाईस्कूल के जिन संस्थागत एवं व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उपर्युक्त प्राप्तांक उपलब्ध नहीं होंगे, उन्हे सामान्य रूप से कक्षा-11 में प्रमोट कर दिया जायेगा। वर्ष 2021 की हाईस्कूल परीक्षा के सभी रजिस्टर्ड परीक्षार्थियों को आगामी हाईस्कूल परीक्षा में अपनी इच्छा के अनुसार, एक विषय में अथवा अपने सभी विषयों की परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने अंको में सुधार करने का अवसर प्राप्त होगा तथा यह अंक वर्ष 2021 की हाईस्कूल परीक्षा के ही अंक माने जाएंगे। डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस महत्वपूर्ण निर्णय से हाई स्कूल के 29.94 लाख तथा इंटरमीडिएट के 26.10 लाख परीक्षार्थी लाभान्वित होंगे। अब नव प्रोन्नत छात्र अपनी अगली कक्षा के पठन-पाठन पर पूर्ण मनोयोग से ध्यान दे सकते हैं,और सत्र नियमितीकरण के अंतर्गत अगली कक्षा में ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की जा सकती है तथा कक्षा बारहवीं के उत्तीर्ण छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने में सुलभता रहेगी।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने केजीएमयू प्रशासन को 15 वाईपैप मशीन उपलब्ध कराई

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने आज सिंधी समाज के सहयोग से 15 वाईपैप मशीन केजीएमयू अस्पताल प्रशासन को उपलब्ध कराई। डॉ दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर अपनी विधायक निधि से केजीएमयू अस्पताल प्रशासन को कोबिड महामारी से बचाव हेतु  25 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा भी की, जिससे कि केजीएमयू प्रशासन आवश्यक मेडिकल उपकरणों की खरीद कर सकता है। उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लखनऊ लखनऊ जनपद में कोविड महामारी से बचाव हेतु विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए अपनी विधायक निधि से एक करोड रुपये दिये जाने की घोषणा की। कोविड-19 महामारी के प्रभावी प्रबंधन हेतु मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने तथा मरीजों को चिकित्सालय तक लाए जाने के उद्देश्य से जनपद लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टुड़ियागंज लखनऊ एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐशबाग लखनऊ को ऑक्सीजन प्लांट हेतु 25 -25 लाख रुपए तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज लखनऊ को एक एंबुलेंस ए०एल०एस० (समस्त साज-सज्जा एवं अत्याधुनिक जीवन रक्षक उपकरणों सहित) हेतु 27 लाख रुपए तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी लखनऊ को एक एंबुलेंस ए०एल०एस० (सामान्य साज-सज्जा सहित ) हेतु 17 लाख रुपए ऑक्सीजन पाइप लाइन हेतु 06 लाख रुपये अपनी विधायक निधि से निर्गत किया।

उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से प्रदेश में आज कोरोना को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका है और स्थिति सामान्य हो रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में पहले के मुकाबले वर्तमान में बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास किया गया है। मेडिकल कॉलेज लखनऊ ने कोरोना महामारी से लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सुझाव दिया कि डॉक्टर ऐसे वक्तव्य ना दें जिससे मरीजों में घबराहट हो, बिना पुष्टि के किसी भी ऐसे बयान से बचना चाहिए जिसे सामान्य जनमानस में घबराहट हो। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन को कोबिड मरीजों के दैनिक स्वास्थ्य रिपोर्ट उनके परिजनों से साझा करने पर विचार करना चाहिए। डॉ शर्मा ने कहा कि सिंधी समाज इस कार्य के लिए बधाई का पात्र है। दुख दर्द में जो दूसरों के काम आता है वह ईश्वर का सबसे प्रिय होता है। सामाजिक सेवा का यह अभियान आगे भी चलते रहना चाहिए। इस अवसर पर कुलपति केजीएमयू विपिन पुरी, सिंधी समाज के अशोक मोतियानी, श्याम कुशनानी, सुरेश तेजवानी सहित अन्य सिंधी समाज के लोग उपस्थित रहे।

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