जेठमलानी ने पैसों के लिए नहीं बल्कि मुद्दों के लिए काम किया: वकील

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[email protected] । Sep 8 2019 3:16PM

जेठमलानी का रविवार सुबह नयी दिल्ली में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। बंबई बार एसोसिएशन की ओर से वकील बीरेंद्र सराफ ने कहा, ‘‘जेठमलानी के निधन से न्यायपालिका ने एक बड़ा न्यायविद् और साहसी वकील खो दिया।

मुंबई। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जाने माने वकील राम जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए वकीलों ने रविवार को कहा कि वह कनिष्ठों के मार्गदर्शक थे और ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने पैसों के लिए नहीं, बल्कि मुद्दों के लिए काम किया। जेठमलानी के साथ अतीत में काम कर चुके कुछ वकीलों ने उन्हें ‘‘कानून के दिग्गज’’ करार दिया और कहा कि उनके विनम्र स्वभाव ने समाज के सभी वर्गों को छुआ। उन्होंने कहा कि जेठमलानी एक प्रतिभाशाली वकील ही नहीं, बल्कि ऐसे व्यक्ति थे, जो हरेक के प्रति विनम्र और धैर्यवान थे।

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जेठमलानी का रविवार सुबह नयी दिल्ली में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। बंबई बार एसोसिएशन की ओर से वकील बीरेंद्र सराफ ने कहा, ‘‘जेठमलानी के निधन से न्यायपालिका ने एक बड़ा न्यायविद् और साहसी वकील खो दिया। वह वास्तव में बहुआयामी और प्रतिभाशाली वकील थे, जो कानून की सभी शाखाओं में उत्कृष्ट थे। वह न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत से उच्चतम न्यायालय तक पहुंचे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनका संघर्ष और उदय वकीलों की भावी पीढ़ी को हमेशा प्रेरित करेगा।’’

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कई मामलों में जेठमलानी के खिलाफ खड़े होने वाले विशेष सरकारी अभियोजक राजा ठाकरे ने कहा कि जेठमलानी का दिमाग बहुत तेज था और उनके समान कानूनी दक्षता हासिल करना मुश्किल है। 989 में जेठमलानी के अधीन काम करने वाले वकील लक्ष्मण कनाल ने कहा, ‘‘उन्होंने कई युवा वकीलों के जीवन और करियर को आकार दिया। कनिष्ठों के रूप में हम मार्गदर्शन के लिए बेझिझक उनके पास जा सकते थे। वह कई परमार्थ कार्य भी करते थे लेकिन उनके बारे में बात नहीं करते थे।’’

1997 से 2008 तक जेठमलानी के कनिष्ठ के रूप में काम करने वाले वकील दिनेश तिवारी ने भी कहा कि वह केवल अच्छे वकील ही नहीं थे, बल्कि कनिष्ठ वकीलों के लिए अच्छे मार्गदर्शक भी थे। जेठमलानी के साथ काम कर चुके वकील प्रणव बुढेला ने कहा, ‘‘उनकी सबसे अच्छी बात थी कि कि वह दूसरों के विचार धैर्य के साथ सुनते थे और कानूनी या राजनीतिक, हर मुद्दे पर खुलकर बात करते थे। अदालत में भी वह धैर्य नहीं खोते थे और बहुत मजाकिया थे।’’

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