कलाम दूरद्रष्टा नेता थे जो एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत देखना चाहते थे: अमित शाह
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Oct 15 2020 5:14PM
पोखरण में 1974 में किए गए पहले परीक्षण के बाद 1998 में दूसरी बार परीक्षण किया गया था और उस समय केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी।
नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे कलाम को उनकी जयंती पर याद करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह ऐसे दूरद्रष्टा नेता थे जिन्होंने हमेशा एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना चाहा। शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर स्मरण कर रहा हूं। वह ऐसे दूरद्रष्टा नेता और भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रम के प्रणेता थे, जिन्होंने हमेशा एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना चाहा। विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी अमिट विरासत प्रेरणा का सारसंग्रह है।’’
वर्ष 2002 से 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति रहे अबुल पाकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में हुआ था। भारत ने 1998 में जब पांच परमाणु परीक्षण किए थे तब डॉ. कलाम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक थे और इस नाते वह परमाणु परीक्षण कर रही टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि पोखरण में 1974 में किए गए पहले परीक्षण के बाद 1998 में दूसरी बार परीक्षण किया गया था और उस समय केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी।Remembering Bharat Ratna Dr. APJ Abdul Kalam on his jayanti. A visionary leader and architect of India's space & missile programmes, who always wanted to build a strong and self-reliant India. His immortal legacy in the field of science and education is an epitome of inspiration. pic.twitter.com/QzPW7IDMWs
— Amit Shah (@AmitShah) October 15, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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