कमल हासन ने रजनीकांत से हाथ मिलाने के दिये संकेत, कहा- बस एक फोन कॉल की देरी है

जनवरी 2021 में रजनीकांत के पार्टी बनाने के बारे में सवाल पूछे जाने पर हासन ने कहा कि अगर हमारे बीच गठबंधन से लोगों को फायदा होता हो तो हम अहम को छोड़कर सहयोग के लिये तैयार हैं और पहले भी ऐसा कहा जा चुका है। इसमें कुछ भी नया नहीं है।
हासन ने रजनीकांत के साथ पुरानी दोस्ती की ओर इशारा करते हुए तूतीकोरिन में पत्रकारों से कहा, हमारे बीच बस एक फोन कॉल की देरी है। इससे पहले अन्नाद्रमुक पार्टी का नाम लेने से बचते हुए अभिनेता से नेता बने हासन ने कहा कि जब से उन्होंने हाल के अपने भाषणों में एमजीआर का नाम लिया तो एक पार्टी नाराज हो गई है और उनका दावा है कि एमजीआर केवल उनके हैं। हासन ने यहां एमएनएम की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिवंगत नेता एमजीआर तो पूरे तमिलनाडु के हैं, केवल एक पार्टी के नहीं। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि लोग उन्हें ‘मक्कल तिलगम’ (जन नेता) कहते थे, भले ही वह किसी भी पार्टी से जुड़े रहे हों। चाहें वह द्रमुक में रहे हों या बाद में अन्नाद्रमुक से जिसकी उन्होंने स्थापना की थी। हासन ने कहा कि राज्य की समस्त जनता कहती है कि एमजीआर उनके हैं और अगर ऐसा है और यदि सत्तारूढ़ दल उन्हें केवल एक पार्टी का नेता बताता है तो ऐसे रुख के खिलाफ जनता अपना फैसला देगी। उन्होंने ट्वीट किया कि वह ‘एमजीआर’ की गोद में बड़े हुए हैं, जबकि तमिलनाडु के कई मंत्रियों ने उनसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात भी नहीं की होगी। हासन ने 1980 के दशक का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया जिसमें एमजीआर उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित कर रहे हैं और पुरस्कार देते हुए चूम रहे हैं। यह वीडियो एक फिल्म समारोह में रिकॉर्ड किया गया था।We are just a phone call away. If our ideology is similar and if it would benefit the people we are ready to set aside our ego and co-operate with each other: Makkal Needhi Maiam (MNM) chief Kamal Haasan on being asked on "joining hands with Rajinikanth" pic.twitter.com/tWAb0sKDq6
— ANI (@ANI) December 15, 2020
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जानेमाने अभिनेता रजनीकांत और भाजपा ने भी एमजीआर के कल्याणकारी इतिहास की बात की है जिससे नाराज अन्नाद्रमुक ने कहा कि उनकी उत्तराधिकारी केवल वही है। हासन ने किसी पार्टी का नाम लिये बगैर कहा कि तमिलनाडु उन लोगों को उचित जवाब देगा जिन्होंने जाति या धर्म के नाम पर भारत के बहुलवादी मूल्यों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। भाजपा पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी राष्ट्रीय राजधानी तक को साफ नहीं रख सकती जिसकी वजह से कांग्रेस नेता को हाल ही में छुट्टी के लिए गोवा जाना पड़ा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट रूप से भाजपा या सोनिया गांधी के नाम का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने अपने ईमानदार और भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार के पिछले वादों को भी दोहराया। अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए 13 दिसंबर को मदुरै से प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए हासन ने तमिलनाडु में नए सिरे से राजनीतिक गठबंधन बनने की संभावना की ओर इशारा किया था। उन्होंने यह भी कहा कि वह मदुरै को राज्य की दूसरी राजधानी बनाने के एमजीआर के सपने को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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