कन्नड़ विद्वान चिदानंद मूर्ति का निधन, सांस की समस्या के बाद कराया गया था भर्ती
सिद्ध कन्नड़ विद्वान डॉ एम चिदानंद मूर्ति का शनिवार तड़के बेंगलुरु के अस्पताल में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। सूत्रों के अनुसार चीमू के नाम से लोकप्रिय मूर्ति ने तड़के 3:45 बजे एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। मूर्ति को हाल ही में सांस लेने में तकलीफ होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बेंगलुरु। प्रसिद्ध कन्नड़ विद्वान डॉ एम चिदानंद मूर्ति का शनिवार तड़के बेंगलुरु के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार चीमू के नाम से लोकप्रिय मूर्ति ने तड़के 3:45 बजे एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। मूर्ति को हाल ही में सांस लेने में तकलीफ होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे निमोनिया से पीड़ित थे। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं।
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सूत्रों ने कहा कि अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पर लाया गया है और रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। कन्नड़ शक्ति केंद्र के मुखर कन्नड़ कार्यकर्ता मूर्ति ने कन्नड़ को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने टीपू सुल्तान जयंती मनाने के राज्य सरकार के फैसले का भी विरोध किया था। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, कांग्रेस नेता सिद्धरमैया, जेडीएस नेता एच डी कुमारस्वामी सहित कई हस्तियों ने मूर्ति की मौत पर शोक व्यक्त किया।
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कन्नड़ भाषा और हम्पी के स्मारकों के संरक्षण में उनके योगदान को याद करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि मूर्ति ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए विधान परिषद सदस्य बनने से मना कर दिया था। उन्होंने बताया कि मूर्ती को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
Historian, researcher and writer M Chidanadamurthy passed away in Bengaluru, today. He was also known for his campaign to preserve Hampi monuments. #Karnataka pic.twitter.com/mJ3urYpCBO
— ANI (@ANI) January 11, 2020
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