दो दिन तक पास के गांव में रहा गैंगस्टर विकास दुबे, लेकिन UP पुलिस को नहीं लगी भनक

VIKAS DUBEY
निधि अविनाश । Jul 9 2020 2:45PM

कुख्यात विकास दुबे वारदात के दो दिनों बाद तक भी कानपुर देहात के शिवली में ही मौजूद था और इस बात की पुलिस को भनक तक नहीं लगी। जब इस बात का खुलासा हुआ तो यूपी पुलिस पर कई सवाल भी उठने शुरू हो गए है।

कानपुर जिले में पिछले हफ्ते 8 पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या करके फरार हुआ कुख्यात गैगंस्टर विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन विकास  की गिरफ्तारी पर अब पुलिस पर भी कई सवाल उठाए जा रहे है। बता दे कि जिस गैंगस्टर को ढुंढने के लिए यूपी पुलिस कई राज्यों के चक्कर लगा रही थी वहीं कुख्यात विकास दुबे वारदात के दो दिनों बाद तक भी कानपुर देहात के शिवली में ही मौजूद था और इस बात की पुलिस को भनक तक नहीं लगी। जब इस बात का खुलासा हुआ तो यूपी पुलिस पर कई सवाल भी उठने शुरू हो गए है। आईजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक विकास दुबे की शिवली में ठहरने की ऐसी कोई भी सूचना पुलिस को नहीं मिली थी। 

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यूपी पुलिस पर उठे सवाल

जानकारों के मुताबिक बिकरू गांव में छापे से लेकर अंत तक हर जगह पुलिस की लापरवाही साफतौर पर नजर आई है। वहीं कानपुर देहात के एसपी अनुराग वत्स के अनुसार सच्चाई का पता लगाने के बाद ही कुछ आगे कहा जा सकेगा।  पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठाए जा रहे है जैसे पुलिस ने जब हर जगह छापेमारी की तो उन्हें कैसे नहीं पता चला कि कुख्यात विकास दुबे वारदात के दो दिनों बाद तक भी इसी गांव में आस-पास मौजूद था? क्या पुलिस अपनी जांच में ढील कर रही थी? बता दे कि विकास दुबे को ढुंढने में पुलिस ने हर कदम में कई लापरवाही की जैसे डीएसपी के नेतृत्व में बिकरू गांव में छापे में सूचना लीक होने से लेकर अपराधियों को दबोचने में पुलिस नाकाम रही। विकास दुबे को ढुंढने के लिए पुलिस ने न ही कोई रेकी की और ये जानते हुए कि विकास एक कुख्यात गैंगस्टर है उसके बावजूद भी किसी भी पुलिस ने न ही कोई बुलेटप्रुफ जैकेट पहनी और न ही कोई हैलमेट । सवाल ये भी उठ रहे है कि जब स्पॉट पर बुलडोजर दिखा तब भी पुलिस ने अपनी रणनिति क्यों नहीं बदली? पुलिस की आधी फोर्स मैदान छोड़कर क्यों भाग गई? 

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विकास दुबे के घर के आसपास पुलिस ने जब तलाशी अभियान चलाया तब भी पुलिस टीमों के अलग-अलग ग्रुपों में नहीं बंटी। साथ ही टीमों को कवर फायर देने के साथ अपराधी को उलझाने जैसे बेसिक नियमों का पालन भी पुलिस ने नहीं किया। जब पुलिस को पता था कि विकास दुबे एक तेज शातिर गैंगस्टर है उसके बावजूद भी गांव में कोई अतिरक्त फोर्स क्यों नहीं भेजी गई साथ ही गांव को घेरा क्यों नहीं गया? 3 जुलाई की वारदात के बाद एजीडी जोन जयनारायण सिंह ने यह दावा किया था कि कानपुर नगर, देहात और कन्नौज की पुलिस फोर्स जंगलों में भी तलाश कर रही है लेकिन किसी भी टीम को कोई भी अपराधी नहीं मिला। भले ही विकास दुबे गिरफ्तार हो गया है लेकिन यूपी पुलिस की लापरवाही पर कई सवाल भी उठाए जा रहे है।

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