कर्नाटक मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया

सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल ने न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने का निर्णय लिया, लेकिन कुछ बदलाव भी किए। आयोग की रिपोर्ट आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं की गई।
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति वर्ग की 101 जातियों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करके उनके बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मंगलवार को एक विशेष बैठक में मंत्रिमंडल ने न्यायमूर्ति एच.एन. नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों पर चर्चा की। यह चर्चा अनुसूचित जातियों (एससी) के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से की गई।
आयोग ने चार अगस्त को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को 1,766 पन्नों की अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और इसे सात अगस्त को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया। यह आंतरिक आरक्षण 101 अनुसूचित जातियों को दिए गए 17 प्रतिशत आरक्षण को उनके बीच बांटने के उद्देश्य से किया गया है।
सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल ने न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने का निर्णय लिया, लेकिन कुछ बदलाव भी किए। आयोग की रिपोर्ट आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं की गई।
कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक ‘‘सफल’’ रही और सभी अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठक लगभग ढाई घंटे चली। हम सभी कैबिनेट हॉल से प्रसन्न और संतुष्ट होकर निकले हैं। राज्य विधानसभा का सत्र चल रहा है, इसलिए फिलहाल कोई जानकारी साझा करने की गुंजाइश नहीं है। मुख्यमंत्री कल सदन में सरकार की ओर से बयान देंगे।
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