केन्द्र सरकार ने कर्नाटक की अलग झंडे की मांग को ठुकराया
![Karnataka flag row: MHA says one nation, one flag Karnataka flag row: MHA says one nation, one flag](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017071910425470.jpg)
केन्द्र सरकार ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस. सिद्धारमैया की पृथक राज्य ध्वज की मांग को खारिज करते हुये कहा कि संविधान में राज्यों के अलग झंडे का कोई प्रावधान नहीं है।
केन्द्र सरकार ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस. सिद्धारमैया की पृथक राज्य ध्वज की मांग को खारिज करते हुये कहा कि संविधान में राज्यों के अलग झंडे का कोई प्रावधान नहीं है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने संविधान में ‘‘एक देश एक झंडा’’ के सिद्धांत के आधार पर स्पष्ट किया है कि तिरंगा ही पूरे देश का ध्वज है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि हम एक देश हैं हमारा एक झंडा है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जो राज्यों के लिये अलग झंडे की अनुमित देता हो या ऐसा करने को प्रतिबंधित करता हो।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि कर्नाटक का अपना एक झंडा है जो जनता का प्रतिनिधित्व करता है सरकार का नहीं। राज्य में तमाम बड़े जनआयोजनों में इस झंडे का इस्तेमाल किया जाता है। इस झंडे को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या अन्य सरकारी कार्यक्रमों में सरकार द्वारा नहीं फहराया जा सकता है। यह विवाद कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य के लिये अलग झंडा इस्तेमाल किये जाने की पहल से शुरू हुआ। विपक्षी दलों द्वारा सरकार की इस पहल का विरोध करने पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकार की पहल का बचाव भी किया।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि कर्नाटक में दो झंडों के इस्तेमाल को कुछ लोगों ने अदालत में भी चुनौती दी है और इस पर अभी फैसला आना बाकी है। कांग्रेस की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार ने राज्य ध्वज का डिजाइन तय करने के लिये आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है।
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