22 जुलाई से शुरू होगा केरल विधानसभा का सत्र, विपक्ष उठा सकता है कई विवादास्पद मुद्दे

Kerala Assembly session to begin tomorrow

पिनराई विजयन के नेतृत्व में छह अप्रैल को हुए चुनाव में भारी बहुमत से दूसरी बार सत्ता हासिल करने के बाद विधानसभा का पहला सत्र बुलाया गया था। पहले सत्र कीतुलना में इस बार कांग्रेस नीत यूडीएफ विपक्ष के पास सत्ताधारी दल के खिलाफ कई मुद्दे हैं जिनके इस्तेमाल से सरकार को घेरने का प्रयास किया जा सकता है।

तिरुवनंतपुरम। केरल की 15वीं विधानसभा का दूसरा सत्र यहां बृहस्पतिवार को शुरू होगा और इस दौरान विपक्ष, शीशम के पेड़ों की बड़े स्तर पर कटाई, कोविड मामलों में वृद्धि और सोने की तस्करी से लेकर मंत्री पर यौन शोषण के मामले को दबाने के आरोप समेत कई मुद्दों को उठा सकता है। पिनराई विजयन के नेतृत्व में छह अप्रैल को हुए चुनाव में भारी बहुमत से दूसरी बार सत्ता हासिल करने के बाद विधानसभा का पहला सत्र बुलाया गया था। पहले सत्र की तुलना में इस बार कांग्रेस नीत यूडीएफ विपक्ष के पास सत्ताधारी दल के खिलाफ कई मुद्दे हैं जिनके इस्तेमाल से सरकार को घेरने का प्रयास किया जा सकता है।

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विपक्षी नेता वी डी सतीशन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कोल्लम में पार्टी के एक सदस्य पर यौन शोषण के एक मामले को दबाने के आरोपी वन मंत्री ए के शशिन्द्रन को बृहस्पतिवार को सदन में उपस्थित नहीं होना चाहिए। शशिन्द्रन ने यहां मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के आवास पर उनसे मुलाकात की थी और उन्हें मुद्दे से अवगत कराया था। उन्होंने विपक्ष की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के संयोजक ए. विजयराघवन ने कहा कि उनकी पार्टी या राज्य सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है क्योंकि उनके पास इस मामले के संबंध में पूरी जानकारी नहीं है।

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शशिन्द्रन ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। सरकार को माकपा के नियंत्रण वाले त्रिशूर स्थित सहकारी बैंक में कथित सौ करोड़ रुपये के ऋण घोटाले के मुद्दे पर भी आलोचना झेलनी पड़ सकती है। इसके अलावा कथित तौर पर कन्नूर स्थित सोने की तस्करी करने वाले गिरोह के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से संबंध होने और कीटेक्स समूह के राज्य से बाहर जाने के मुद्दे भी विधानसभा में उठाए जा सकते हैं। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष एम बी राजेश ने कहा कि 20 दिन चलने वाले सत्र में 2021-22 के बजट के लिए अनुदान पर मतदान की मांग प्रमुख बिंदु होगा।

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