UP में सड़कों का बिछाया जा रहा जाल, निर्मित हो रहे 67 बाईपास तत्काल पूरे कराये जाने का केशव मौर्य ने दिया निर्देश

Keshav Maurya

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग व एन0एन0ए0आई0 (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि उ0प्र0 में जो भी सड़कों के निर्माण कार्य चल रहे हैं, उन्हे शीघ्र से शीघ्र पूरा कराया जाय।

उ.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम द्वारा वीरांगना अंवतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) का निरीक्षण के दौरान ओ.पी.डी.लेबर रूम, नर्सिग स्टेशन, प्राईवेट रूम, हाई डिपेडे़न्सी यूनिट, होल्डिग एरिया, अल्ट्रा साउण्ड रूम, इमरजेन्सी, एस.एन.सी.वी. रूम, मैटरनिटी वार्ड, ओ.पी.डी. बाल रोग व मरीजों को दिये जाने वाले दवाईयां एवं अन्य सुविधाओं का किया गया अवलोकन> सिल्वर जुबली, नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में पैथालॉजी, अल्ट्रा साउण्ड रूम, दन्त विभाग, महिला वार्ड, सामान्य प्रसव, ओ.टी. व अन्य सुविधाओं का किया गया निरीक्षण। आयोग की उपाध्यक्ष (द्वय) श्रीमती सुषमा सिंह, अंजु चौधरी एवं सदस्यगणों द्वारा भी 26 अन्य जनपदों का निरीक्षण किया गया।

प्रदेश की महिलाओं की चिकित्सीय स्थिति की जानकारी, शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की स्थिति का अवलोकन, कोविड काल में गर्भवती महिलाओं व अन्य गम्भीर पीडित महिलाओं को उपलब्ध करायी जा रही उपचार व्यवस्था तथा कोविड के बचाव हेतु टीकारण की वस्तुस्थिति की जानकारी हेतु उ.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विमला बाथम द्वारा वीरांगना अंवतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान ओ.पी.डी.लेबर रूम, नर्सिग स्टेशन, प्राईवेट रूम, हाई डिपेडे़न्सी यूनिट, होल्डिग एरिया, अल्ट्रा साउण्ड रूम, इमरजेन्सी, एस.एन.सी.वी. रूम, मैटरनिटी वार्ड, ओ.पी.डी. बाल रोग व मरीजों को दिये जाने वाले दवाईयां एवं अन्य सुविधाओं का अवलोकन किया गया साथ ही समस्त वार्डो में भर्ती महिलाओं, शिशुओं का हालचाल भी लिया गया। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय के प्रमुख वार्डो किचन, स्नानागार एवं शौचालय की सफाई व्यवस्था संतोष जनक पाई गयी तथा किचन में उपस्थित रसोईया से बनाये जा रहे भोजन के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी तथा उपस्थित मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका को पर्याप्त भोजन बनवाये जाने के निर्देश दिये गये। अन्त में अध्यक्ष द्वारा पिंक बूथ का निरीक्षण कर कोविड से बचाव हेतु टीकाकरण की जानकारी ली जिसमें समस्त व्यवस्थायें सही पायी गयी तथा यह भी पाया गया कि चिकित्सालय में वैक्सीन लगवा रही महिला को सम्बन्धित सभी प्रकार की जानकारी दी जा रही है।

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मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सीमा श्रीवास्तव द्वारा अवगत कराया गया कि शासन की मंशा के अनुरूप किशोरी परामर्श दात्री इकाई, सम्पूर्णा क्लीनिक, आयुष्मान भारत मित्र काउण्टर तथा के. एम. सी. प्रोजेक्ट का सफल संचालन चिकित्सालय द्वारा किया जा रहा है। विगत माह में चिकित्सालय में प्रसव हेतु लगभग 532 मरीज भर्ती हुये हैं, 300 नवीन जन्में शिशु हैं एवं ओ.पी.डी. में 4643 महिलाओं को देखा गया। अध्यक्ष महोदया द्वारा मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सीमा श्रीवास्तव को महिलाओं एवं किशोरियों से सम्बन्धित समस्त लाभकारी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु इनका स्पष्ट उल्लेख अस्पताल परिसर में कराये जाने के निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका के साथ डॉ. सरिता सक्सेना चिकित्सा अधीक्षिका भी उपस्थित रही। इसके उपरान्त अध्यक्ष द्वारा सिल्वर जुबली, नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किय गया। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में पैथालॉजी, अल्ट्रा साउण्ड रूम, दन्त विभाग, महिला वार्ड, सामान्य प्रसव, ओ.टी. व अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया गया। अन्त में वैक्सीनेशन एरिया का भी निरीक्षण किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर समस्त व्यवस्थायें सही पायी गयी। मौके पर उपस्थित चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. प्रियंका यादव द्वारा अवगत कराया गया कि विगत माह में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव हेतु लगभग 81 मरीज भर्ती हुये हैं, 18 नवीन जन्में शिशु हैं। इसके अतिरिक्त आयोग की उपाध्यक्ष (द्वय) श्रीमती सुषमा सिंह, श्रीमती अंजु चौधरी एवं सदस्यगणों द्वारा भी 26 अन्य जनपदों में क्रमशः मुजफ्फरनगर, महाराजगंज, प्रयागराज, इटावा, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, बलिया, सम्भल, हाथरस, हापुड़, जालौन, बांदा, हमीरपुर, कौशाम्बी, फतेहपुर, श्रावस्ती, बुलन्दशहर, कुशीनगर, बहराइच, जौनपुर, गोण्ड़ा, मुरादाबाद, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, फर्रूखाबाद व हरदोई का निरीक्षण किया गया।

कुल 52598 मी0टन उड़द, 11607.86 मी0टन मूॅगफली, 53608.58 मी0टन चना, 13891.85 मी0टन मसूर तथा 2985.95 मी0टन

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा प्रदेश में दलहनी फसलों के उपज का अवमूल्यन रोकने के लिये प्राइज सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत निरंतर किसानों से एम0एस0पी0 पर खरीद सुनिश्चित की जा रही है। अब तक कुल 52598 मी0टन उड़द, 11607.86 मी0टन मूॅगफली, 53608.58 मी0टन चना, 13891.85 मी0टन मसूर एवं 2985.95 मी0टन राई/सरसों का क्रय किया जा चुका है। कृषि विभाग से मिली विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020-21 में मूंगफली 3239.86 मी0टन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गयी। वर्ष 2020 में 38498.18 मी0टन चना एवं 319.20 मी0टन राई/सरसों का एम0एस0पी0 पर क्रय किया गया। वर्ष 2019 में 743.40 मी0टन चना, 162.85 मी0टन मसूर एवं 1455.75 मी0टन राई/सरसों का एम0एस0पी0 पर क्रय किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में 29598 मी0टन उड़द एवं 8368 मी0टन मूंगफली की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गयी। वर्ष 2018 में 14367 मी0टन, 13729 मी0टन मसूर एवं 1211 मी0टन राई/सरसों का एम0एस0पी0 पर पी0सी0एफ0 द्वारा क्रय किया गया। 2017-18 में 23000 मी0टन उड़द का एम0एस0पी0 पर पी0सी0एफ0/नैफेड द्वारा क्रय किया गया।

बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में सिंचन क्षमता बढ़ाने के लिए खेत-तालाब योजना का किया जा रहा विस्तार

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में सिंचन क्षमता बढ़ाने के लिए खेत-तालाब योजना का विस्तार किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा अब तक 17883 खेत तालाबों का निर्माण कराया जा चुका है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 में योजनान्तर्गत 4427 तालाबो का निर्माण कराया गया। वर्ष 2019-20 में 5261 तालाबो का निर्माण कराया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में कुल 5000 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया। वर्ष 2017-18 में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 2549 खेत तालाबों एवं प्रदेश के अन्य अतिदोहित एवं दोहित जिलों में 835 खेत तालाबों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया। इस प्रकार वर्ष 2017-18 में प्रदेश में कुल 3384 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत निर्मित खेत-तालाबों पर स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली की स्थापना हेतु लघु एवं सीमांत कृषकों को 90 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है।

उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 के कर्मचारियों की सेवा सम्बन्धी देयकों के रूप में कुल 783.13 लाख रू0 का भुगतान कराया जा चुका

उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने बताया कि कोविड-19 के दौरान दिवंगत हुए उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 के कर्मचारियों के आश्रितों को नियुक्ति पत्र एवं अन्य देयकों का शत-प्रतिशत भुगतान किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मृतक आश्रित के रूप में जिन्हें नौकरी प्रदान की गई है, वह लोग मेहनत एवं ईमानदारी से कार्य करना सुनिश्चित करें और उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 के द्वारा जो भी जिम्मेदारी दी जाये उसको ईमानदारी के साथ निर्वहन करें तथा अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। सहकारिता मंत्री ने बताया कि उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 के कर्मचारियों की सेवा सम्बन्धी देयकों के रूप में कुल 783.13 लाख रू0 का भुगतान कराया जा चुका है। सेवायोजन हेतु 09 आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया, शेष आश्रितों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है जिन्हें नियमानुसार शीघ्र कार्यवाही कराते हुए नियुक्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि मृतक आश्रित परिवार का पूरा सहयोग किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रबन्ध निदेशक उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 को निर्देश दिये गये हैं कि जो भी मृतक के आश्रितों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है उन सभी मामलों में आवश्यक कार्यवाही कराते हुए नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाये।

मानवाधिकार आयोग के कार्यालय में सम्पन्न हुआ कोविड-19 का टीकाकरण

मा0 आयोग द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में 06 जुलाई, 2021 को कोविड-19 टीकाकरण कैम्प का आयोजन मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय द्वारा मानवाधिकार भवन परिसर, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया। प्रातः 10ः00 बजे से प्रारम्भ हुए इस कैम्प में शाम तक लगभग 148 लोगों का तथा 45 वर्ष से ऊपर के 54 लोगों का सफलता से टीकाकरण कराया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी लखनऊ के कार्यालय से एम्बुलेंस सहित ग्यारह सदस्यों की टीम ने उ0प्र0 मानव अधिकार आयोग एवं उ0प्र0 राज्य महिला आयोग के कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों का टीकाकरण सम्पन्न किया। डा0 प्रियंका सिंह के नेतृत्व में कोविड-19 गाइड लाइन्स का पालन करते हुए परिसर में टीकाकरण कार्यक्रम चला। उक्त टीकाकरण कार्य डॉ0 एन0के0 सिंह, नोडल अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा आयोग से समन्वय स्थापित कर आयोजित कराया गया।

कन्ट्रोल रूम कार्मिकों के अवकाश की अवधि मे कार्य करने के लिए दक्ष कार्मिकों की बैकअप टीम का गठन किया गया

गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण हेतु गन्ना विकास विभाग के मुख्यालय पर कन्ट्रोल रूम (टोल-फ्री) स्थापित है। टोल-फ्री कॉल सेन्टर के कार्मिकों द्वारा किये जा रहे कार्यो में प्रगति लाने एवं शिकायतों का गुणवत्तापरक निराकरण कराने के दृष्टिगत अब टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर अनुभवी एवं दक्ष कार्मिकों द्वारा दो पालियों में गन्ना किसानों को सेवा प्रदान की जा रही है। जिसके तहत कृषक गन्ने की खेती से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का समाधान पा रहे हैं। विभाग द्वारा अब तक पंजीकृत 1,16379 शिकातों में से 1,14,127 शिकायतें निस्तारित की जा चुकी है। टोल-फ्री कॉल सेन्टर की कार्य प्रणाली के सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर0 भूसरेड्डी ने बताया कि टोल-फ्री कन्ट्रोल रूम के कार्मिकों की कार्यप्रणाली को और सुदृढ़ किये जाने के दृष्टिगत, कार्मिकों द्वारा अब प्रातः 7ः45 से रात्रि 10ः45 तक गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। टोल-फ्री कॉलसेन्टर की यह व्यवस्था सर्वे सीजन के दौरान माह जून से सितम्बर तक लागू की गयी है, इस अवधि में टोल-फ्री नम्बर पर 16 घण्टे किसान कॉल कर सकते हैं वहीं पेराई सीजन के दौरान माह अक्टूबर से मई तक कन्ट्रोल रूम द्वारा 24ग्7 गन्ना किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। कन्ट्रोल रूम मे टोल फ्री नम्बर पर कॉल करने वाले गन्ना किसानों को कोई असुविधा न हो, इस हेतु कन्ट्रोल रूम कार्मिकों के अवकाश की अवधि मे कार्य करने के लिए दक्ष एवं अनुभवी कार्मिकों की बैकअप टीम का भी गठन किया गया है। भूसरेड्डी ने बताया कि कृषक गन्ने की खेती से जुड़ी विभिन्न समस्याओं हेतु विभागीय टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 पर एवं सर्वे, सट्टा, कैलेंडर, पर्ची आदि से सम्बन्धित समस्यों हेतु टोल-फ्री नंबर 1800-103-5823 पर अपनी शिकायत दर्ज कराकर उसका समाधान पा रहे हैं। उन्होनें यह भी बताया कि कन्ट्रोल रूम मे तैनात कार्मिकों के कार्यो की गुणवत्ता के अनुश्रवण एवं औचक निरीक्षण हेतु विभागीय नोडल अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण कर कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये जायेगें। इसके अतिरिक्त गन्ने की खेती से जुड़ी नवीनतम जानकारियों तथा कीट रोग आदि के रोकथाम उपायों हेतु गन्ना किसान भारत सरकार के किसान कॉल सेंटर टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर भी कॉल कर कृषि वैज्ञानिकों से अपनी समस्या का निदान पा सकते हैं। इन तकनीकी व्यवस्थाओं से किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं होगी और उनके आने जाने में लगने वाले समय एवं पैसे की बचत होगी साथ ही कोविड महामारी के प्रसार को रोकने में भी उक्त व्यवस्था सहायक सिद्ध होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के लिए राज्यांश की धनराशि 4720.62 लाख रूपये (रूपये सैंतालीस करोड़ बीस लाख बासठ हजार मात्र) अवमुक्त कर दी है। योजना के अन्तर्गत 60 प्रतिशत केन्द्रांश एवं उसके सापेक्ष 40 प्रतिशत राज्यांश की व्यवस्था है। इस सम्बन्ध में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है, जिसमें उल्लिखित है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि के नियम संगत व्यय व स्वीकृत धनराशियों के निर्धारित प्रारूप पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाने का दायित्व आयुक्त, ग्राम्य विकास/मिशन निदेशक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का होगा।

उप्र में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग व एन0एन0ए0आई0 (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि उ0प्र0 में जो भी सड़कों के निर्माण कार्य चल रहे हैं, उन्हे शीघ्र से शीघ्र पूरा कराया जाय। उन्होने कहा कि कार्यों को पूरा करने के लिये चरणबद्ध तरीके से रोडमैप व कार्ययोजना तैयार करते हुये पूरी तीव्रता व गतिशीलता के साथ कार्य कराये जांय। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अयोध्या से चित्रकूट तक राम वनगमन मार्ग के कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कराया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिया कि मोर्थ और पी0डब्लू0डी0 एन0एच0 खण्ड के अधिकारी इसे बहुत गम्भीरता से लें। सम्बन्धित प्रशासनिक व राजस्व अधिकारियों के साथ समन्वय कर भूमि अधिग्रहण के लिये मुआवजा वितरण व अन्य कार्यों को तत्काल पूरा कराते हुये, कार्य करें। श्री मौर्य ने यह भी निर्देश दिये कि वन विभाग व अन्य किसी विभाग से कहीं कोई समस्या आ रही है, तो एन0एच0 के अधिकारी, यहीं कैम्प करके सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें। यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्य में भी कोई विलम्ब नहीं होना चाहिये। जहां तक सम्भव हो पेड़ों को काटा न जाय तथा जहां अनिवार्य आवश्यकता हो वहां पर पेंड़ों को विस्थापित करने का प्रभावी प्रयास किया जाय। श्री मौर्य आज लोक निर्माण विभाग (मुख्यालय) स्थित तथागत सभागार में लोक निर्माण विभाग, मोर्थ व एच0एच0ए0आई0 के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री ने राम वन गमन मार्ग के स्टेटस के बारे में विभाग द्वारा किये गये प्रजेन्टेशन को सुनते हुये मोर्थ एवं एन0एच0 खण्ड के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसे उच्च प्राथमिकता प्रदान की जाय। यह कार्य आवागमन के साथ-साथ ही लोगों की आस्था से भी जुड़ा हुआ है, इस कार्य में लापरवाही करने वाले किसी भी अधिकारियों को गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे और अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा। उन्होने कहा यह मार्ग अब चार पैकेज में बनाया जायेगा। उन्होने कहा कि इस परियोजना में लगे कन्सल्टेन्ट यदि पूरी तत्परता से कार्य नहीं करेंगे तो उन्हे प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पडेगा। राजापुर से चित्रकूट तक 04 लेन में परिवर्तित किया जायेगा। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राम वनगमन मार्ग से तमाम धार्मिक स्थलों, अन्य पौराणिक स्थलों व पर्यटन से जुड़े स्थलों को लिंक मार्ग से जोड़ने की कार्ययोजना लोक निर्माण विभाग द्वारा तत्काल बनायी जाये और उसे अमलीजामा पहनाया जाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होने कहा कि इस मार्ग से जुड़े/जुड़ने वाले धार्मिक स्थलों का सर्वे कर लिया जाय तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के भी सुझाव जरूर ले लिये जांय। मौर्य ने इण्डो-नेपाल बार्डर योजना के तहत निर्मित किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इण्डो नेपाल परियोजना में उ0प्र0 राज्य, बिहार और उत्तराखण्ड से आगे चल रहा है। प्रथम फेज के 12 में से 9 पैकेज पूर्ण हो गये हैं तथा 3 पैकेज में तीव्र गति से कार्य चल रहा है। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शेष पैकेजों का कार्य अक्टूबर से पहले पूरा कर लिया जाय। अन्य पैकेजों का प्लान तैयार करके तत्काल उपलब्ध कराया जाय। उन्होने कहा कि निर्मित हो रहे 67 बाईपास जल्द पूरे कराये जांय और अन्य प्रस्तावित बाईपास की रूपरेखा तैयार कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। प्रयागराज रिंग रोड के बारे में बताया गया कि भूमि अधिग्रहरण प्रारम्भ कर दिया गया है, सभी कार्यों का टाइमटेबल बना लिया गया है। बताया गया कि कानपुर रिंग रोड का एलाइनमेन्ट फाइनल हो गया है। मेरठ रिंग रोड, अयोध्या 84 कोसी व ब्रज 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के बारे में भी चर्चा की गयी। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बाईपास के काम सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर पूरे करा लिये जांय। उन्होने आर0ओ0बी0 के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिये। श्री मौर्य ने कहा कि कहीं पर मैनपॉवर की कमी आ रही हो तो उसे संज्ञान में लाया जाय, उसकी पूर्ति की जायेगी। एशियन डेवलपमेन्ट बैंक व विश्व बैंक सहायतित परियोजनाओं के भी बारे में उन्होने समीक्षा की और कहा कि जो परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं उनके लोकार्पण कराये जाने की कार्यवाही की जाय तथा जिनमें थोड़ा बहुत कार्य शेष है वह 15 अक्टूबर से पूर्व पूर्ण करा लिया जाय। इस योजना में प्रस्तावित अन्य कार्यों के बारे में सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करायी जांय। उन्होने जोर देते हुये कहा कि अधिकारी कोशिश करें कि उनके सामने दण्डात्मक कार्यवाही की स्थिति न आने पाये। इस अवसर पर प्रमुख सचिव लो0नि0वि0 श्री नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव लोक निर्माण विभाग श्री समीर वर्मा, प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष श्री पी0के0 सक्सेना, प्रमुख अभियन्ता श्री मनोज गुप्ता, एन0एच0ए0आई0 व मोर्थ के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य अभियन्ता श्री जे0के0 बांगा, अधीक्षण अभियन्ता एन0एच0 श्री अशोक कनौजिया व विशेष कार्याधिकारी प्रदीप कुमार, आदि प्रमुख रूप से माजूद रहे।

कोरोना महामारी के दृष्टिगत व्यवस्था में किया गया बदलाव

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशिक्षणार्थियों की सुविधा के लिए कौशल सुधार प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम मण्डल स्तर के अतिरिक्त जनपद स्तर पर भी आयोजित कराये जाने का निर्णय लिया है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में कौशल सुधार प्रशिक्षण योजना के तहत समस्त प्रशिक्षण कार्यक्रम मण्डलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केन्द्रों में संचालित किये जाने की व्यवस्था थी। कोरोना महामारी के दृष्टिगत इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मण्डलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केन्द्र के अतिरिक्त जिला मुख्यालय पर आयोजित कराये जाने की अनुमति प्रदान की गई है।

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महिलाओं के कोविड-19 टीकाकरण को बढ़ावा दिया जाये

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अमित मोहन प्रसाद की अध्यक्षता में आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) स्थित उनके सभाकक्ष में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की स्टेट टास्क फोर्स बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उन्होंने कोविड-19 वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में बढ़ी जागरूकता पर संतोष व्यक्त किया। बैठक में कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण की समीक्षा के क्रम में उन्होंने महिलाओं के टीकाकरण के कम प्रतिशत पर चिंता व्यक्त करते हुए महिलाओं के टीकाकरण सम्बंधी संदेशों को बढ़ावा देकर जागरूकता लाने को कहा। उन्होंने फ्रंट लाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण पूर्ण कराने का निर्देश देते हुए कहा कि जिन वर्कर्स ने टीकाकरण की दूसरी डोज नहीं ली है, उनके नाम से डाटा तैयार करके उनके विभागों में भेज दिया जाय, जिससे उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगाकर पूर्ण प्रतिरक्षित किया जा सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि क्लस्टर वैक्सीनेशन बहुत लाभकारी है। क्लस्टर वैक्सीनेशन से आच्छादित क्षेत्रों में कोविड संक्रमण की सम्भावनाएं घटी हैं। उन्होंने कहा कि पहली डोज का टीकाकरण करा चुके लाभार्थी का समय से दूसरी डोज का टीकाकरण करके फुल वैक्सीनेशन के प्रयासों को तेज किया जाय। प्रदेश में वैक्सीन की अधिक से अधिक उपलब्धता बढ़ाने के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के निजी अस्पतालों को क्रय आधार पर वैक्सीन प्राप्त करने के लिए जागरूक किया जाये, जिससे प्रदेश के लिए निर्धारित वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में प्रदेश को प्राप्त हो सके। बैठक में जानकारी दी गई कि टीकाकरण के लिए एक निजी अस्पताल वैक्सीन निर्माता से न्यूनतम 2880 को-वैक्सीन डोज (160) और 6000 कोविशील्ड डोज (500) को एक बार में क्रय हेतु आग्रह कर सकता है। बैठक में एडीनशन वैक्सीनेटर और टीकाकरण कार्यक्रम हेतु फंड की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। अपर मुख्य सचिव में एन0एच0एम0 के अप्रयुक्त फंड से टीकाकरण के लिए फंड की व्यवस्था बनाये जाने का निर्देश दिया। नियमित टीकाकरण की समीक्षा करते हुए कोविड संक्रमण के कारण टीकाकरण के सत्रों का संचालन न हो पाने, छूटे हुए बच्चों की संख्या बढ़ जाने पर चर्चा की गयी। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि प्रति शनिवार नियमित टीकाकरण का सख्ती से अनुपालन हो। उन्होंने कहा बुधवार को संचालित टीकाकरण सत्र के छूटे लाभार्थियों का वृहस्पतिवार को टीकाकरण करने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने बच्चों के टीकाकरण को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण के वर्तमान में चल रहे अभियान के अन्तर्गत दस्तक अभियान में घर-घर जाने वाली आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्री नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों की सूची भी बनाएं, जिससे बच्चों को प्रतिरक्षित किया जा सके। बैठक में नवजात शिशु को जन्म के तुरन्त बाद लगने वाले टीके में विलम्ब न होने के विषय पर भी चर्चा की गई। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि बच्चे को बर्थ-डोज प्रसव कराने वाली स्टाफ नर्स से लगवाना सुनिश्चित किया जाय। प्रदेश में कोल्ड चेन के नये सिस्टम व्यवस्थित हो चुके हैं। अपर मुख्य सचिव ने नये सिस्टम के संचालन और संरक्षण हेतु स्टाफ के प्रशिक्षण की शीघ्र व्यवस्था कराने के निर्देश दिये। उन्होंने 18 अधिकारियों की टीम बनाकर प्रदेश के सभी मण्डलों पर वैक्सीन स्टोरेज तथा अन्य व्यवस्थाओं के निरीक्षण का निर्देश भी दिया। बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों सहित डब्ल्यू0एच0ओ0, यूनीसेफ तथा रोटरी क्लब के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

यूपीएसआरटीसी की बसों को दिल्ली व उत्तराखण्ड के लिए संचालन की अनुमति 

 उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के पश्चात् उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों को दिल्ली व उत्तराखण्ड के लिए संचालन की अनुमति प्रदान कर दी है। समस्त क्षेत्रीय प्रबंधकों को दिल्ली व उत्तराखण्ड के लिए बस संचालन के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह जानकारी यूपीएसआरटीसी के प्रबन्ध निदेशक धीरज साहू ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा 07 मई, 2021 से  पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तराखण्ड में परिवहन आदि के अंतर्राज्यीय बस संचालन को प्रतिबंधित कर दिया गया था।

मंत्री मोहसिन रजा ने हिंदी फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार जी के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की

उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने हिंदी फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार जी के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपनी शोक संवेदना में कहा है कि हिंदी फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार जी का चला जाना बॉलीवुड के एक सांस्कृतिक अध्याय की समाप्ति है, एक पूरे युग के अंत की समाप्ति का प्रतीक है। रजा ने कहा कि महापुरुष कभी मरते नहीं, वे हमेशा हमारी स्मृतियों में जीवित रहते हैं वे हमेशा के लिये अमर हो गए हैं जोकि सदियों तक लोगों के दिलों पर राज करते रहेंगें। उन्होंने कहा कि दिलीप कुमार जी का शानदार अभिनय कला जगत में एक विश्वविद्यालय के समान था। दिलीप कुमार जी की दिवंगत आत्मा ईश्वर को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

उप्र राज्य दुग्ध परिषद् हेतु 28.05 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में डेयरी विकास के लिए उ0प्र0 राज्य दुग्ध परिषद् को वित्तीय सहायता योजनान्तर्गत वर्त्मान वित्तीय वर्ष में प्राविधानित धनराशि रुपये 112.20 लाख के सापेक्ष द्वितीय किश्त के रूप में 28.05 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस सम्बन्ध में दुग्ध विकास विभाग द्वारा शासनादेश जारी करते हुए दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास, उत्तर प्रदेश, लखनऊ को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं।

पंजीयन हेतु 18 से 60 वर्ष आयु के असंगठित श्रमिक या स्वरोजगारी होंगे पात्र

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 09 जून, 2021 को असंगठित श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल का अनावरण किया गया तथा असंगठित श्रमिकों के कल्याणार्थ संचालित दो योजनाओं की घोषणा की गयी। इसमें मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना शामिल है। अपर श्रम आयुक्त बी0के0 राय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत असंगठित श्रमिकों को बीमारी की स्थिति में सरकारी अस्पतालों तथा बोर्ड द्वारा चिन्हित अस्पतालों में पॉच लाख रूपये की सीमा तक निःशुक्ल चिकित्सा सुविधा करायी जायेगी। इसी प्रकार मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा इस योजना के अन्तर्गत पंजीकृत असंगठित श्रमिकों उ0प्र0 सामाजिक सुरक्षा बोर्ड द्वारा किसी प्रकार की दुर्घटना में 25 प्रतिशत की दिव्यांगता की स्थिति में पचास हजार रूपये 50 प्रतिशत की दिव्यांगता की स्थिति में एक लाख रूपये तथा पूर्ण शारीरिक अक्षमता दोनों हाथ या दोनों पैर या दोनों ऑख या एक पैर एक ऑख की क्षति हो जाने या मृत्यु हो जाने की स्थिति में बोर्ड स्द्वारा सम्बन्धित श्रमिक के आश्रित को दो लाख रूपये अनुमान्य किया जायेगा। अपर आयुक्त ने बताया कि योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए श्रमिक का उ0प्र0 सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीयन कराया जाना अनिवार्य है। श्रमिक अपना पंजीयन ूूण्नचेइण्पद के पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया में स्वयं अथवा किसी जनसुविधा केन्द्र, सी0एस0सी0, लोक वाणी के माध्यम से करा सकते है। पंजीयन हेतु आधार कार्ड, बैंक पासबुक की प्रति तथा मोबाइल ओ0टी0पी0 हेतु मोबाइल नम्बर आवश्यक होगा। पंजीयन हेतु 18 वर्ष से अधिक किन्तु 60 वर्ष से कम आयु के असंगठित श्रमिक अथवा स्वरोजगारी में जिनकी मासिक आय पन्द्रह हजार रूपये से कम है, इसके लिए पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि असंगठित कर्मकार की श्रेणी में धोबी, दर्जी, माली, मोची, नाई, बुनकर, कोरी, जुलाहा, रिक्शा चालक, घरेलू कामगार, कूडा बीनने वाले हाथ ठेला चलाने वाला, फुटकर सब्जी, फल-फूल विक्रेता, चाय चाट ठेला लगाने वाले, फूटपाथ व्यापारी, हमाल, कुली, जनरेटर/लाइट उठाने वाले, केटरिंग में कार्य करने वाले, फेरी लगाने वाले, मोटर साईकिल/साईकिल मरम्मत करने वाले, गैरेज कर्मकार, परिवहन में लगे कर्मकार, आटो चालक, सफाई कामगार,ढोल/बाजा बजाने वाले, टेन्ट हाउस में काम करने वाले, मछुआरा, तॉगा/बैलगाड़ी चलाने वाले, अगरबत्ती (कुटीर उद्योग) बनाने वाले कर्मकार, गाड़ीवान, घरेलू उद्योग में लगे मजदूर, भडभूजे (मुर्रा चना फोड़ने वाले) पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी बतख पालन में लगे कर्मकार, दुकानों में काम करने वाले, ऐसे मजदूर (ई0पी0एफ0 व ई0एस0आई0 से आवर्त न हों) खेतिहर कर्मकार, चरवाहा, दूध दुहने वाले, नाव चलाने वाला, (नाविक) नट-नटनी, रसोईयां, हड्डी बीनने वाले (हड्डा बिन्ने) समाचार-पत्र बाटने वाले, ठेका मजदूर, (उ0प्र0 भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत एवं बोर्ड में कार्यरत आउटसोर्सिंग के कर्मकार एवं ई0एस0आई0 व भविष्य निधि योजना में शामिल ठेका मजदूरों को छोड़कर) खड्डी पर कार्य करने वाले (सूत रगाई, कताई धुलाई आदि) दरी, कम्बल, जरी, दरदोजी, चिकन, कार्य, मीटशाप व पौल्ट्री फार्म पर कार्य करने वाले, डेयरी पर कार्य करने वाले श्रमिक, कॉच की चूड़ी एवं अन्य कॉच उत्पादों में स्वरोजगार कार्य करने वाले कर्मकार आदि प्रकृति के कार्य करने वाले व स्वरोजगारी अच्छादित है। इस श्रेणी के श्रमिकों से अपील की जाती है कि वे अपने बैंक की पासबुक, आधार कार्ड तथा ओ0टी0पी0 हेतु मोबाइल के साथ किसी भी सी0एस0सी0, जन सुविधा केन्द्र पर उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की बेवसाइट ूूण्नचेइण्पद पर अपना पंजीयन कराकर योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते है।

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