कूनो नेशनल पार्क के माहौल में ढले चीते, जानें कबतक हो सकेगा दीदार

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मध्य प्रदेश के श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क में आए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को थोड़ा इंतजार करना होगा। वर्तमान में चीता एक्सपर्ट इन सभी चीतों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में आए चीतों को देखने के लिए पूरा देश बेताब है। इन चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भारत में लाया गया है। कूनो नेशनल पार्क में आए चीतों को देखने के लिए आम जनता अर्से से इंतजार रही है। हालांकि इन्हें अभी क्वारंटाइन में रखा गया है। चीतों का क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने में अभी 15 दिनों का समय बचा है। ये समय बीतने के बाद सभी चीतों को बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा।

माहौल में ढले चीते

वर्तमान में चीतों की हर गतिविधि पर कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों की नजर है। चीतों की हर गतिविधि की रिपोर्ट इन दिनों केंद्र सरकार को भेजी जा रही है। नेशनल पार्क के अधिकारियों की मानें तो नामीबिया से आए चीतों का मन अब कूनो नेशनल पार्क की आबो हवा में लग गया है। शुरुआत में चीतों में हल्का सा तनाव देखने को मिला था मगर अब सभी चीते सामान्य हो गए है। चीतों ने कूनो को अपना नया आशियाना बना लिया है। 

जानकारी के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मूवमेंट को लेकर वन मंडल अधिकारी प्रकाश कुमार वर्मा ने मीडिया से बातचीत की है। उन्होंने बताया कि चीतों को कूनो पहुंचे 15 दिनों का समय बीत चुका है। नामीबिया से आए 15 चीतों में पांच नर और तीन मादा चीते थे। सभी चीतों के स्वास्थ्य की नजदीकी से निगरानी की जा रही है। शुरू के दिनों की अपेक्षा अब चीतों का व्यवहार तनाव मुक्त हुआ है। चीतों ने सामान्य रूप से खाना पीना शुरू किया है। दिन में चीते बाड़ों में चहलकदमी करते दिखते है। 

एक्सपर्ट कर रहे चीतों की जांच 

बता दें कि चीतों को वर्तमान में क्वारंटाइन किया गया है। शुरुआत में एक महीने तक सभी चीते क्वारंटाइन में रहेंगे। इन चीतों के क्वारंटाइन में रहते हुए 15 दिन का समय व्यतीत हो चुका है। अब नामीबिया के चीता एक्सपर्ट इनकी जांच करेंगे। चीतों की सेहत पर नामीबिया के एक्सपर्ट के साथ माधव नेशनल पार्क के विशेषज्ञ भी रख रहे है। चीतों का चार बार हेल्थ अपडेट रोजाना लिया जाता है।

स्वास्थ्य जांच में संतुष्टि मिलने के बाद ही चीतों को बड़े बाड़ों में छोड़ा जाएगा। चीतों को अभी छोटे बाड़ों में रखा गया है जिनका साइज 50*30 है। शिकार करने के लिए चीतल, साम्भर, जैकाल, जंगली सूअर व अन्य जीव उपलब्ध कराए गए है।

चीतों को देखने के लिए इंतजार 

चीतों को देखने के लिए अभी आम जनता को थोड़ा इंतजार करना होगा। अभी चीतों को कुछ समय के लिए विशेष निगरानी में रखा गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित टास्क फोर्स चीता प्रोजेक्ट को लेकर विस्तृत गाइडलाइन का निर्माण कर रही है। कूनो नेशनल पार्क में चीतों के दीदार की इच्छा वर्ष 2023 में पूरी हो सकती है।

भारत को मिलेंगे 12 और चीते

भारत को जल्द ही 12 और चीते मिलेंगे। दरअसल सरकार आने वाले समय में दक्षिण अफ्रीका के साथ भी 12 चीते लाने की बातचीत कर रही है। देश में अन्य चीतों को लाने के लिए कूनो नेशनल पार्क को ही ग्राउंड जीरो के तौर पर चुना जाएगा। कूनो में ही सभी चीतों की क्वारंटाइन अवधि को पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि कूनो में चीतों के पुनर्स्थापन को लेकर देश भर में काफी उत्साह का माहौल है। कूनों में चीतों को बसाए जाने से प्राकृतिक वन्य जीवों का पुनर्स्थापन शुरू हुआ है, जो ऐतिहासिक कदम है।

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