जानिए आखिर कौन हैं, शरद पवार की मुश्किल घड़ी में उनका साया बनने वाले विधायक Rohit Pawar?

Rohit Pawar
प्रतिरूप फोटो
ANI
Prabhasakshi News Desk । Oct 12 2024 5:56PM

महाराष्ट्र की राजनीति बड़ी तेजी से करवट ले रही है। शिवसेना के दो टुकड़े होने के बाद एनसीपी में भी चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार आमने-सामने हैं। अजित पवार की बगावत में शरद के खास प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल भी शामिल हो गए हैं। पार्टी में सिर्फ बेटी सुप्रिया सुले ही साथ दिख रही है।

पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र की राजनीति बड़ी तेजी से करवट ले रही है। शिवसेना के दो टुकड़े होने के बाद एनसीपी में भी चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार आमने-सामने हैं। अजित पवार की बगावत में शरद के खास प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल भी शामिल हो गए हैं। पार्टी में बड़े कद के नेताओं में सिर्फ बेटी सुप्रिया सुले ही साथ दिख रही है। हालांकि सुप्रिया भी अजित के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं बोल रही हैं। बगावत के बाद शरद पवार ने ही मीडिया में मोर्चा संभाला। एनसीपी में बगावत के बाद शरद पवार के साथ पार्टी के विधायक रोहित पवार बड़ी खामोशी से साथ बने हैं। 

एनसीपी का मुश्किल घड़ी में साथ चलने वाले रोहित राजेंद्र पवार दरअसल मराठा नेता शरद पवार के पोते हैं। वह पवार फैमिली के तीसरी पीढी से हैं, जो राजनीति में सक्रिय है। रोहित के दादा अप्पा साहेब थे, जो शरद पवार के सगे बड़े भाई हैं। शरद पवार के चार भाई-बहन हैं। अप्पा साहेब से छोटे अनंत राव थे, जिनके बेटे अजित पवार हैं। 

रोहित पवार शरद पवार के मार्गदर्शन बने हैं राजनेता

महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसा नहीं है कि 37 साल के रोहित पवार अचानक चाचा के बगावत के बाद सेंटर स्टेज पर दिख रहे हैं। पवार फैमिली से निकले इस युवा नेता ने अपने गढ़ बारामती में ही राजनीति और सहकारिता की लंबी ट्रेनिंग ली है। 2017 में रोहित बारामती से जिला परिषद का चुनाव जीत चुके हैं। 2019 में उन्हें एनसीपी ने करजत जामखेड़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। जिसको जीतक वे विधायक बने थे। उन्होंने देवेंद्र फड़णवीस सरकार के ताकतवर मंत्री राम शिंदे को हराया था। 

विधायक रोहित पवार एक बिजनेस को भी लीड करते हैं। वह बारामती एग्रो लिमिटेड के चीफ इग्जेक्युटिव अफसर भी हैं। रोहित इसके अलावा पवार फैमिली के सबसे मजबूत सेक्टर शुगर मिल्स से जुड़े रहे। वह इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पवार फैमिली की महाराष्ट्र क्रिकेट असोसिएशन में लंबे समय से दखल रहा है। फिलहाल रोहित पवार ही महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्य़क्ष हैं। उनका कार्यकाल 2025 तक रहेगा।

रोहित पवार शरद पवार के राजनीतिक उत्तराधिकारी होंगे ?

राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, अजित पवार के बागी होने के बाद शरद पवार की नजरें पोते रोहित पवार पर टिक गई है। हालांकि शरद पवार ने उन्हें पहले से ही फैमिली के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर बढ़ाया है। रोहित भी समय-समय पर बताते रहे हैं कि उन्हें दादा शरद पवार राजनीति का ज्ञान देते रहते हैं। अब जब पार्टी बंटवारे के पचड़े में फंसी है, तब रोहित को पार्टी की कमान संभालने के लिए तैयार किया जा रहा है। 

उनके पिता राजेंद्र पवार कृषि विकास ट्रस्ट के संस्थापक रहे हैं। उनकी मां सुनंदा राजेंद्र पवार सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती हैं। रोहित की पत्नी का नाम कुंती पवार है और दोनों को दो बच्चे हैं। उनकी फैमिली की नेटवर्थ 1.5 मिलियन बताई जाती है। अगस्त 2022 में रोहित पवार प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर आए थे। ग्रीन एकर रिसॉर्ट एंड रिटेलर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर रहे रोहित से ईडी ने लंबी पूछताछ की थी।

मुख्यमंत्री पद के दावेदार बन सकते हैं रोहित पवार ?

एक खबर के अनुसार, एनसीपी (SP) नेता शरद पवार ने आगे कहा कि रोहित ने पांच साल महाराष्ट्र की सेवा की। वे आगे भी अपनी सेवा महाराष्ट्र के इतिहास में दर्ज करवाते रहेंगे। शरद पवार ने अपना राज्य मंत्री से मुख्यमंत्री तक का सफर बताया। जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि शरद पवार ने बातों-बातों में रोहित पवार का  मुख्यमंत्री पद तक का सफर तय कर दिया है। शरद पवार रोहित पवार के निर्वाचन क्षेत्र जामखेड तालुका के खारदा में विभिन्न विकास कार्यों के भूमिपूजन और समर्पण समारोह में पहुंचे थे, जहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। पवार के बयान चर्चाएं तेज हो गई है कि क्या शरद पवार के बाद एनसीपी (SP) से रोहित पवार मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे।

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