लखीमपुर हिंसा का बड़ा सबूत! किसानों को कुचलती दिख रही हैं दो SUV, संजय सिंह ने ट्वीट किया वीडियो

Lakhimpur Sanjay Singh
रेनू तिवारी । Oct 5 2021 9:35AM

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 8 लोगों की जान चली गयी। किसानों की मौत के बाद लखीमपुर खीरी में बवाल मच गया। इस घटना का असर केवल किसानों तक नहीं रहा बल्कि इस वारदात ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी।

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 8 लोगों की जान चली गयी। किसानों की मौत के बाद लखीमपुर खीरी में बवाल मच गया। इस घटना का असर केवल किसानों तक नहीं रहा बल्कि इस वारदात ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर ही है ऐसे में योगी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास ये मुद्दा आ गया। अब लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। एक के बाद एक विपक्षी पार्टी के नेताओं ने लखीमपुर खीरी जाने की तैयारी शुरूकर दी लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए घटना स्थाल के आसपास तक प्रसाशन ने धारा 144 लगा रखी हैं। मामले की जांच चल रही हैं। इस पूरी घटना के पीछे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे अषीश मिश्रा का नाम जोड़ा जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि अषीश मिश्रा ने ही किसानों के उपर गाड़ी चढ़ाई है। इस घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे का नाम आने से अब विपक्ष मंत्री के इस्तीफे की भी मांग कर रहा हैं। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा में चार किसानों की मौत की घटना को लेकर सोमवार को भाजपा पर निशाना साधा और मांग की कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने के साथ उनके पुत्र को गिरफ्तार किया जाए। कांग्रेस के अलावा भी सामाजवादी पार्टी, बसपा, आप सहित तमाम दल इस समय घटना को लेकर योगी सरकार को घेरने में लगे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सोमवार को सवाल उठाया और मांग की कि अजय कुमार मिश्रा को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से ‘‘तत्काल’’ हटाया जाए ताकि उत्तर प्रदेश की घटना मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके। आप ने यह भी मांग की कि मिश्रा के बेटे को तुरंत गिरफ्तार किया जाए जो इस मामले में एक आरोपी है। किसानों के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ व्यक्तियों की मौत हो गई।

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संजय सिंह ने शेयर किया किसानों को गाड़ी से कुचलने वाली गाड़ी का वीडियो

आप नेता संजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर घटना की एक वीडियो शेयर की है। जिसमें आप देख सकते हैं कि एक गाड़ी किसानों को जबरन कुचली हुई गुजर गयी है। वीडियो में देखा जा सकता है कि किसान रास्ते पर मार्च निकाल रहे हैं फिर बीच में से अचानक गाड़िया निकलती है और कई लोगों को कुचलती हुई चली जाती है। इस वीडियो को शेयर करते हुए संजय सिंह ने यह दावा किया है कि ये घटना का ही वीडियो है। जिसमें किसान अपने हक के लिए आवाज उठा रहे हैं और उनकी आवाज को कुचल दिया गया। वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन मे लिखा- क्या इसके बाद भी कोई प्रमाण चाहिये? देखिये सत्ता के अहंकार में चूर गुंडे ने किसानो को अपनी गाड़ी के नीचे कैसे रौंदकर मार दिया कुछ चैनल ज्ञान दे रहे थे मंत्री का बेटा जान बचाने के लिए भागा। #किसान_हत्यारी_भाजपा

लखीमपुर खीरी घटना के पीछे बीजेपी नेता का बेटा?

लखीमपुर खीरी घटना से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे अषीश मिश्रा का नाम जोड़ा जा रहा है। आरोप है कि उनकी गाड़ी ने ही किसानों को कुचला है जिसकी वजह से किसानों की मौत हुई और लखीमपुर खीरी में बवाल हुआ। लखीमपुर खीरी मामले को लेकर निशाने पर आए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस घटना में अपने खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। मिश्रा ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें लगता है कि इस मामले में उनके खिलाफ साजिश की गई है। उन्होंने कहा, “प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच छुपे कुछ अराजक तत्वों ने वारदात के दौरान घायल हुए लोगों को पीट-पीटकर उनसे कहा कि तुम मंत्री का नाम लो।” मिश्रा ने यह भी कहा, “मेरे बेटे पर भी आरोप लगाने का प्रयास किया गया है। जिस तरह गाड़ी से खींच-खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, यह हो सकता है कि मेरे बेटे की हत्या की योजना रही हो।” उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शन के दौरान भीड़ में बहराइच, पीलीभीत तथा कुछ अन्य जिलों के लोगों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। ऐसा लगता है कि पहले से ही कोई साजिश रची गई थी।

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा ये मेरे खिलाफ साजिश

मिश्रा ने कहा, “मेरी प्रशासन और मुख्यमंत्री जी से मांग है कि हमारे जो कार्यकर्ता मारे गए हैं, उनके परिजन को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और घटना की चाहे न्यायिक जांच, सीबीआई जांच या किसी भी तरह की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।” केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि उन्हें यह नहीं मालूम कि रविवार को हुई वारदात में किसानों की मौत किन परिस्थितियों में हुई। अपने बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने से संबंधित सवाल पर मिश्रा ने कहा, “इस एफआईआर का कोई औचित्य नहीं है और अगर मुकदमा दर्ज किया गया है तो यह गलत तथ्यों पर आधारित होगा। मुझे शासन पर पूरा विश्वास है। जब जांच में सुबूत सामने आएंगे तो स्थिति अपने आप साफ हो जाएगी।” सरकार से अपनी बर्खास्तगी की भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत की मांग के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा, “राकेश टिकैत लगातार इस देश में अस्थिरता फैलाने का काम कर रहे हैं। वह ऐसी हर घटना पर राजनीति करते हैं। ऐसे में उन्हीं पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।” गौरतलब है कि रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में आयोजित किए जा रहे एक कार्यक्रम में शिरकत करने के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। आरोप है कि मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिससे उनकी मौत हुई। इस मामले में आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

लखीमपुर खीरी कांड को लेकर सियासी घमासान

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। सोमवार को मौके पर जाने की कोशिश करने वाले सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को रोक दिया गया था या हिरासत में लिया गया था। हालांकि शाम होते-होते तक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव आदि नेताओं को पुलिस ने हिरासत से छोड़ दिया। वहीं, सोमवार तड़के लखीमपुर खीरी जाते वक्त सीतापुर में हिरासत में ली गई कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात के बगैर वापस नहीं जाने का ऐलान किया है। कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने दावा किया, अभी तक प्रियंका गांधी वाद्रा हिरासत में हैं और इससे देश भर में भारी रोष है। सीतापुर में कार्यकर्ताओं का बड़ा जमावड़ा हो रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीतापुर में पीएसी छावनी के सामने कैंडल मार्च भी निकाला। लखनऊ के पुलिस आयुक्त (कमिश्नर) डी. के. ठाकुर ने पीटीआई-से बातचीत में अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव को हिरासत से छोड़े जाने की पुष्टि की है। इससे पहले राज्य सरकार ने कहा था, “विपक्षी दलों का 2022 के विधानसभा चुनाव का सफर लाशों पर नहीं हो सकता। किसी को भी माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’’ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ से लखीमपुर जाने से रोक दिया गया, जिसके बाद अखिलेश सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। बाद में उन्हें तथा पार्टी के मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें पुलिस बल इको गार्डन (धरना स्थल) लेकर गई। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने दावा किया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर ही अवैध तरीके से रोके जाने और उनकी गिरफ्तारी की सूचना से पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं में गुस्सा है। उन्होंने बताया कि सपा ने सभी जिला मुख्यालयों पर इस घटना के विरोध में आज धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। इसके अलावा लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश करने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया शिवपाल सिंह यादव को हिरासत में ले लिया गया जबकि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को रास्ते में अलग-अलग स्थानों पर रोक दिया गया। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को भी लखीमपुर जाने से रोका गया। मिश्र को पुलिस ने उनके घर में ही रोक दिया था। सपा अध्यक्ष यादव ने सड़क पर धरना प्रदर्शन के दौरान आरोप लगाया, किसानों पर इतना अन्याय इतना जुल्म अंग्रेजों ने भी नहीं किया था जितना भाजपा नीत सरकार कर रही है।

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